(व्यंग)
कितनी बेसब्री से
रहता है इंतजार तुम्हारा
कटता नही है मेरा
एक दिन भी तुम्हारे बिना
तुम ही तो हो मेरे दिल का सुकून
सह लेती हूं इसीलिए नखरे तुम्हारे
तुम्हारी मुहब्बत ही तो है
जो मजबूर कर देती है मुझे
सुनने को पति और बच्चों के ताने
सिर्फ तुम्हारी खातिर
सहती हूं ये सब
जिस दिन नहीं आती हो तुम
मन बैचेन दिल भारी भारी
सा लगता है मेरा
सिर्फ आ जाया करो न मेरी खातिर
करार आ जाता है मेरे दिल को
तुम्हारी मीठी सी आवाज सुनकर
दीदी हम आ गए
सभी महिलाओं की प्यारी कामवाली को समर्पित 😃😃
संध्या श्रीवास्तव
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