लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय एवं आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा निर्धारित विषय ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ में “योग माह” के अंतर्गत एक विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का विषय “समग्र स्वास्थ्य के लिए योग: प्राचीन ज्ञान और आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण” था। जिसका उद्देश्य योग के वैज्ञानिक पक्ष को जनमानस के बीच प्रस्तुत करना था।
मुख्य वक्ता प्रोफेसर (डॉ.) दीपेश्वर सिंह (विभागाध्यक्ष, योग, प्राकृतिक चिकित्सा एवं संज्ञानात्मक अध्ययन, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ) रहे। उन्होंने अपने व्याख्यान में योग की वैज्ञानिक उपयोगिता, विशेष रूप से मानसिक स्वास्थ्य, तनाव प्रबंधन और जीवनशैली संबंधी विकारों में इसकी प्रभावशीलता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज योग केवल एक पारंपरिक अभ्यास नहीं, बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली का हिस्सा बन चुका है।

कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक दीप प्रज्वलन से हुआ। स्वागत भाषण विश्वविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (IQAC) के निदेशक प्रो. (डॉ.) एस. अहमद अली द्वारा प्रस्तुत किया गया। उन्होंने योग को उच्च शिक्षा में एक समावेशी अभ्यास के रूप में अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
समापन सत्र में बीबीडी विश्वविद्यालय के प्रो-वाइस चांसलर प्रो. (डॉ.) एस.सी. शर्मा ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि योग केवल शारीरिक तंदुरुस्ती का माध्यम नहीं, बल्कि मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक संतुलन का आधार है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे योग को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं ताकि समग्र विकास सुनिश्चित हो सके।
कार्यक्रम में डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. (डॉ.) एस.एम.के. रिज़वी, विभिन्न संकायों के डीन, निदेशकगण, विश्वविद्यालय के शिक्षकगण, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएँ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। अंत में मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया तथा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।