लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। सीएसआईआर-केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान में सीएसआईआर-केंद्रीय यांत्रिक अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान दुर्गापुर द्वारा विकसित इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर और टिलर का तकनीकी प्रदर्शन सफलतापूर्वक किया गया। इस कार्यक्रम में सस्टेनेबल कृषि यंत्रीकरण की नवीनतम टेक्नोलॉजी को प्रदर्शित किया गया। ई-ट्रैक्टर और ई-टिलर का लाइव प्रदर्शन सीएसआईआर-सीमैप परिसर में किया गया।

कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि दिनेश प्रताप सिंह, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी (निदेशक, सीएसआईआर-सीमैप, लखनऊ) द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण अनुकूल एवं प्रभावी कृषि तकनीकों को बढ़ावा देना और किसानों को इलेक्ट्रिक कृषि मशीनों के लाभों के प्रति जागरूक करना था। ताकि वे इन तकनीकों को अपनाकर टिकाऊ कृषि की दिशा में आगे बढ़ सकें।

इस अवसर पर, डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी (निदेशक, सीएसआईआर-सीमैप) ने सभागार में उपस्थित सभी अतिथियों, वैज्ञानिकों, उद्यमियों, किसानों और भागीदारों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि ई-ट्रैक्टर और ई-टिलर उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण तकनीकें हैं। उन्होंने सीएसआईआर-सीएमईआरआई, दुर्गापुर को इन कम कार्बन उत्सर्जन वाली तकनीक के विकास के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया जो देश को हरित प्रौद्योगिकी की ओर अग्रसर करता है।

उन्होंने बताया कि सीमैप उच्च गुणवत्ता वाली किस्मों के विकास में सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है जिससे किसान सीधे लाभान्वित हो रहे हैं। वर्तमान में भारत 80% मेंथॉल मिंट का निर्यात करता है और उत्तर प्रदेश की इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने किसानों को इन तकनीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जिससे भारत इस क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व स्थापित कर सके।
इस अवसर पर अविनाश कुमार यादव (प्रधान वैज्ञानिक, सीएसआईआर-सीएमईआरआई, दुर्गापुर) ने ई-ट्रैक्टर और ई-टिलर की प्रमुख विशेषताओं को बताया। उन्होंने इन विद्युत मशीनों के अद्वितीय लाभों की जानकारी दी और बताया कि ये शून्य उत्सर्जन, कम संचालन लागत और कृषि के विभिन्न कार्यों के लिए उपयुक्त सरल विशेषताओं के साथ आधुनिक किसानों की आवश्यकताओं को पूरा करती हैं।

अश्विनी कुमार कुशवाहा (मुख्य वैज्ञानिक, सीएसआईआर-सीएमईआरआई, लुधियाना केंद्र) ने सीएसआईआर-सीमैप को कार्यक्रम के आयोजन हेतु धन्यवाद दिया। उन्होंने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए सीएसआईआर-सीएमईआरआई की कृषि यंत्रीकरण की यात्रा की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विभिन्न राज्यों के किसानों को इन इलेक्ट्रिक मशीनों का प्रत्यक्ष अनुभव कराना, उनकी प्रभावशीलता को समझना और उनके सुझाव प्राप्त कर इन्हें और बेहतर बनाना है।

मुख्य अतिथि दिनेश प्रताप सिंह ने निदेशक, वैज्ञानिकों और सम्पूर्ण सीएसआईआर-सीमैप टीम के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने किसानों की आवश्यकताओं के अनुरूप तकनीकें उपलब्ध कराने हेतु यह तकनीकी प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया। अपने स्वागत भाषण में उन्होंने किसानों तक उन्नत, सतत प्रौद्योगिकियों को पहुँचाने हेतु सीएसआईआर के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इससे राज्य के कृषि क्षेत्र को व्यापक लाभ मिलेगा। जैसे-जैसे भूमि जोत कम होती जा रही है, वैसे-वैसे छोटे और अधिक कुशल उपकरणों की आवश्यकता बढ़ रही है। उन्होंने उपस्थित किसानों का धन्यवाद देते हुए कहा कि कृषि हमारे देश की रीढ़ है और नई तकनीकों को अपनाना समय की मांग है।

विशिष्ट अतिथि सुधा रेड्डी (प्रबंध निदेशक, एम/एस. के एन बायो-साइंस, तेलंगाना) ने सीएसआईआर-सीएमईआरआई द्वारा तकनीक हस्तांतरण और रोड शो के प्रसार में दिए गए सहयोग की सराहना की। उन्होंने ई-ट्रैक्टर और ई-टिलर की कॉम्पैक्ट डिजाइन की सराहना की और कहा कि यह छोटे भूमि धारकों के लिए अत्यंत प्रभावी समाधान प्रदान करता है।
कार्यक्रम के दौरान निदेशक, डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने मुख्य अतिथि दिनेश प्रताप सिंह को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। संस्थान पूरे दिन किसानों के लिए खुला रहा। इस अवसर पर संस्थान के प्रतिष्ठित अतिथि, वैज्ञानिक, स्टाफ एवं शोध छात्र भी उपस्थित रहे।