जयपुर (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। आईआईएचएमआर स्टार्ट-अप्स ने डिजिटल इंडिया भाषिणी डिवीजन के सहयोग से ‘भाषिणी हैकथॉन आउटरीच इवेंट’ का आयोजन किया। इसका उद्देश्य बहुभाषी एआई में नवाचार को बढ़ावा देना और सार्वजनिक सेवा वितरण को अधिक प्रभावी बनाना था।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के डिजिटल इंडिया भाषिणी डिवीजन के सीईओ डॉ. अमिताभ नाग इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता थे। डॉ. अमिताभ नाग ने भारत में भाषाई बाधाओं को पाटने में एआई की परिवर्तनकारी क्षमता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ‘बहुभाषावाद समावेशिता और विविधता को बढ़ावा देता है, जिससे भाषाई बाधाएं कम होती हैं और सांस्कृतिक समझ विकसित होती है। इस तरह की पहलें हमारे राष्ट्रीय लक्ष्यों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं, जिनका उद्देश्य बहुभाषी एआई समाधान विकसित करना है जो पहुंच और सार्वजनिक सेवाओं को बेहतर बनाएं।’
आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ. पी.आर. सोडानी ने डिजिटल परिवर्तन में उच्च शिक्षण संस्थानों की भूमिका पर जोर दिया, विशेष रूप से स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि जैसे क्षेत्रों में। उन्होंने विद्यार्थियों के लिए डिजिटल परिवर्तन और एनालिटिक्स जैसे विषयों पर नए कोर्स शुरू करने की आवश्यकता बताई, ताकि कार्यकुशलता और कल्याण में वृद्धि हो सके। उन्होंने कहा कि हम स्वास्थ्य और विकास में डिजिटल नवाचार को एकीकृत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

अनिल कुमार सिंह (निदेशक, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, राजस्थान सरकार) ने समावेशी शासन के लिए प्रौद्योगिकी के एकीकरण में राज्य की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। वहीं, यामिनी अग्रवाल (निदेशक, आईआईएचएमआर स्टार्ट-अप्स) ने हेल्थ-टेक स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देने में सहयोगात्मक प्रणाली के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आईआईएचएमआर स्टार्ट-अप्स नए नवाचारों को बढ़ावा देने और स्टार्ट-अप्स को सशक्त करने के लिए कार्य कर रहा है।
कार्यक्रम में दो पैनल चर्चाओं में 13 प्रतिष्ठित वक्ताओं ने भाग लिया। चर्चाएं “कानून प्रवर्तन के लिए एआई और एनएलपी: स्मार्ट पुलिसिंग नवाचार” और “एआई-संचालित बहुभाषी स्वास्थ्य देखभाल और सार्वजनिक सेवाएं” पर केंद्रित थीं।
प्रतिभागियों ने विशेषज्ञों से बातचीत की और वास्तविक जीवन की चुनौतियों व आगामी हैकथॉन विषयों की गहरी समझ प्राप्त की। इस आउटरीच पहल का उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना, क्षमताओं को मजबूत करना और विभिन्न क्षेत्रों में स्थानीयकृत, मापनीय एआई और भाषा प्रौद्योगिकी समाधानों के विकास को प्रेरित करना है।