CII : “CII उत्कृष्टता पुरस्कार – दिव्यांग समावेशन” के पहले संस्करण के विजेताओं की घोषणा

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। भारत में समावेशी और समान कार्यस्थलों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने गुरुवार को “CII उत्कृष्टता पुरस्कार – दिव्यांग समावेशन” के पहले संस्करण के विजेताओं की घोषणा हयात रीजेंसी में आयोजित एक कार्यक्रम में की।

इन पुरस्कारों का उद्देश्य कंपनियों द्वारा दिव्यांगजनों के समावेशन को प्रोत्साहित करना, नेतृत्व को पहचान देना और ऐसे संगठनों को सम्मानित करना है जो समावेशन, पहुंच और अवसर को अपने संचालन का अभिन्न अंग बना रहे हैं। यह पुरस्कार उन अग्रणी कंपनियों को मान्यता देता है जिन्होंने दिव्यांग समावेशन में उत्कृष्टता प्राप्त की है और उद्योग जगत को प्रेरित करने के लिए नए मानक स्थापित किए हैं।

पुरस्कार विजेता कंपनियाँ

• चैंपियन कंपनी – दिव्यांग समावेशन उत्कृष्टता पुरस्कार: विप्रो लिमिटेड

• श्रेष्ठ नियोक्ता – समावेशन एवं संस्कृति पुरस्कार: जोमैटो लिमिटेड

• श्रेष्ठ नियोक्ता – समावेशन एवं संस्कृति पुरस्कार (MSME): विंध्य ई-इन्फोमीडिया प्राइवेट लिमिटेड

• श्रेष्ठ नियोक्ता – पहुंचयोग्यता पुरस्कार: अमेज़न डेवलपमेंट सेंटर इंडिया – बेंगलुरु कार्यालय

श्रेष्ठ नियोक्ता – समावेशी भर्ती पुरस्कार: मिंडा कॉर्पोरेशन लिमिटेड

श्रेष्ठ नियोक्ता – समावेशी भर्ती पुरस्कार (MSME): वर्थ ट्रस्ट

श्रेष्ठ नियोक्ता – नवोदित समावेशी कंपनी पुरस्कार: पर्सिस्टेंट सिस्टम्स लिमिटेड

श्रेष्ठ नियोक्ता – नवोदित समावेशी कंपनी पुरस्कार: ईपीएल लिमिटेड

बतौर मुख्य अतिथि मौजूद असीम अरुण (राज्यमंत्री, स्वतंत्र प्रभार) उत्तर प्रदेश सरकार ने पुरस्कार प्रदान किए और सभी विजेताओं तथा नामांकित कंपनियों को बधाई दी। उन्होंने कंपनियों से दिव्यांग व्यक्तियों को सक्रिय रूप से रोजगार देने और समावेशी कार्यस्थल तथा समुदाय बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, “दिव्यांग समावेशन केवल नैतिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक अवसर भी है।”

इस अवसर पर एक रिपोर्ट ‘इन्क्लूजन इनसाइट्स: बेस्ट प्रैक्टिसेस रिपोर्ट ऑफ अवार्ड-एस्पायरिंग कंपनियों’ भी लॉन्च की गई। जिसे V-Shesh के सह-संस्थापक श्री पी. राजशेखरन ने जारी किया। यह रिपोर्ट विभिन्न उद्योगों और कंपनियों के आकार के अनुरूप सर्वश्रेष्ठ समावेशी कार्यनीतियों और दृष्टिकोणों का संकलन है।

CII, भारत बिजनेस और डिसएबिलिटी नेटवर्क के माध्यम से कार्यस्थलों पर दिव्यांग समावेशन को प्रोत्साहित कर रहा है। यह नेटवर्क कंपनियों को सहयोग, प्रशिक्षण और समावेशी वातावरण निर्माण के लिए एक मंच प्रदान करता है।

इस पुरस्कार के पहले संस्करण को द हंस फाउंडेशन ने प्रेजेंटिंग पार्टनर के रूप में समर्थन दिया। ANZ ग्रुप कैपेबिलिटी सेंटर, बेंगलुरु एवं एम्बेसी REIT पर्पस पार्टनर के रूप में जुड़े।

20 राज्यों की कंपनियों ने इस पुरस्कार के लिए आवेदन किया। नामांकनों का मूल्यांकन एक कठोर प्रक्रिया के तहत किया गया, जिनमें समावेशी नीतियाँ, पहुंच योग्य कार्यस्थल, जागरूकता, रोजगार प्रथाएं, और सहयोगिता जैसे मानदंड शामिल थे।

सुभाष चंद्र शर्मा (प्रमुख सचिव, पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण)  ने कहा कि “अगर दिव्यांगजन को अलग तरह से सक्षम कहा जाता है, तो समाज को अधिक समावेशी और उत्तरदायी बनने की जरूरत है। हमें शिक्षा, रोजगार और सेवा वितरण में संवेदनशीलता लानी होगी।”

अवनीश अवस्थी (मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के मुख्य सलाहकार) ने कहा कि “दिव्यांग समावेशन आसान कार्य नहीं है। जब मैंने शुरुआत की थी, तब कंपनियों को एक्सेसिबिलिटी ऑडिट कराने के लिए राजी करना भी कठिन था। आज बहुत प्रगति हो चुकी है—एयरपोर्ट्स, रेस्तरां, रेलवे स्टेशन अधिक पहुंच योग्य बन रहे हैं। लेकिन अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है, जैसे एक्सप्रेसवे पर सार्वजनिक सुविधाएँ और दिव्यांगजनों को कौशल देना।”

डॉ. उपासना (अरोड़ा, चेयरपर्सन – CII उत्तर प्रदेश और मैनेजिंग डायरेक्टर, यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल) ने कहा कि “CII द्वारा दिया गया यह पुरस्कार खरीदा नहीं जा सकता—इसे केवल कमाया जा सकता है। विविधता, समानता और समावेशन ही उद्योग का भविष्य है और दिव्यांग समावेशन इसकी मूल भावना होनी चाहिए।”