18 लाख पेड़ लगा चुकी हैं ऑपरेशन सिंदूर से चर्चित कर्नल सोफिया कुरैशी की जुड़वां बहन शायना सुनसारा

 (अनिल बेदाग)

मुंबई (11 मई, रविवार)। ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी की घोषणा करने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी देश ही नहीं विदेशों में भी चर्चा का विषय बन गई हैं। हिन्दुस्तानी सेना की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने वाली दो महिला ऑफिसर्स में से एक सोफिया ने एक मिसाल पेश कर दी है। यह केवल एक सैन्य ब्रीफिंग न होकर इतिहास के पन्नों पर दर्ज एक महत्वपूर्ण और यादगार लम्हा था। सोफिया कुरैशी के चेहरे पर जो आत्मविश्वास झलक रहा था, वह करोड़ों महिलाओं और देशवासियों के लिए गर्व और प्रेरणा का क्षण था।

कर्नल सोफिया कुरैशी की जुड़वां बहन शाइना सुनसारा को भी अपनी बहन पर बेहद गर्व है। फौजी परिवार की यह बेटियां अपने अपने क्षेत्र में नाम कर रही हैं। शायना सुनसारा हरफनमौला महिला हैं। वह पूर्व एनसीसी आर्मी कैडेट, राइफल शूटिंग में गोल्ड मेडलिस्ट (राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित), अर्थशास्त्री, पर्यावरणविद्, फैशन डिजाइनर, मॉडल और समाजसेविका भी हैं। शाइना सुनसारा एबी बंसल म्युज़िक और एबी बंसल प्रोडक्शन में को-प्रोड्यूसर के रूप में जुड़ी हैं।

शाइना को वडोदरा की ‘वंडर वुमन’ के नाम से भी जाना जाता है। वह अब तक 18 लाख पेड़ लगा चुकी हैं, जिसके कारण उन्हें देश-विदेश में खूब ख्याति मिली है। मियावाकी फोरेस्ट वाटर हार्वेस्टिंग प्रोजेक्ट पर भी उनका कार्य उल्लेखनीय है। शाइना गरीब और जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा के क्षेत्र में और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में भी काफी काम करती रहती हैं। शाइना सुनसारा लायंस क्लब में इंटरनेशनल कमिटी में एनवायरनमेंट चेयरपर्सन हैं।

मिस गुजरात, मिस इंडिया अर्थ 2017, मिस यूनाइटेड नेशंस 2018 रह चुकी शाइना को कई अवार्ड्स से नवाजा गया है जिनमें ब्रिटिश पार्लियामेंट में ग्लोबल गांधी अवार्ड ऐंड लीडरशिप अवार्ड और दादा साहब फाल्के अवार्ड 2018 उल्लेखनीय है। 

जुड़वां बहन सोफिया कुरैशी के ऐतिहासिक कारनामे को जब शाइना ने टीवी पर देखा, तो वह देशभक्ति और गर्व के ज़ज्बात से भर गई। शाइना ने कहा कि एक रिश्तेदार के फोन आने से उन्हें मालूम हुआ कि सोफिया ऑपरेशन सिंदूर की ब्रीफिंग देने वाली हैं। टेलीविजन चलाते ही उनकी आंखें और दिल ज़ज्बात में डूब गया। 

सोफिया और शाइना के परिवार मे देशभक्त फौजियों का लम्बा सिलसिला रहा है। उनके पिता 1971 के युद्ध के नायक रहे, दादाजी सेना में थे, चाचा बीएसएफ में, और परदादा ने ब्रिटिश सेना छोड़कर स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया था। उनकी दादी उन्हें 1857 के विद्रोह में झांसी की रानी के साथ लड़ने वाले एक पूर्वज की बहादुरी भरी कहानियां सुनाया करती थीं। शाइना ने कहा, ‘सोफिया को ऑपरेशन सिंदूर की बात करते देख कर ऐसा लगा, जैसे झांसी की रानी फिर से जिंदा हो गई हों।’ 

बता दें कि बचपन में दोनों बहनें सेना में शामिल हो कर देश सेवा का ख्वाब देखती थीं। उनकी मेहनत शिद्दत रंग लाई और सोफिया न केवल आज फौज में हैं, बल्कि इतिहास लिख रही हैं और अनगिनत महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन रही हैं  वहीँ शाइना समाजसेवा के माध्यम से देश सेवा कर रही हैं। ऑपरेशन सिंदूर के लिए सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए शाइना ने इसे देश के लिए गर्व का लम्हा बताया।