- खेती के आधुनिक तरीकों में सौर ऊर्जा को करें शामिल
- इलेक्ट्रिक बसों और ट्रकों के लिए मेगा चार्जिंग स्टेशन का बुनियादी ढांचा बनाने की जरूरत
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। उत्तर प्रदेश ऊर्जा एक्सपो 2025 के दूसरे दिन का आयोजन जबरदस्त उत्साह के साथ हुआ। जहां उपस्थित लोगों ने सौर ऊर्जा समाधान और हरित प्रौद्योगिकियों की नवीनतम झलक देखी, जो भविष्य के ऊर्जा परिदृश्य को आकार दे रही हैं। पीएचडीसीसीआई और फर्स्टव्यू द्वारा यूपीनेडा, उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से आयोजित इस एक्सपो में 150 से अधिक प्रदर्शक हिस्सा ले रहे हैं। दूसरे दिन शुक्रवार को 2,500 से अधिक आगंतुकों ने इसे समृद्ध किया। यह एक्सपो भारत में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण आयोजन के रूप में उभर रहा है।

दूसरे दिन का आयोजन कई विचारोत्तेजक पैनल चर्चाओं और नीति निर्धारकों, उद्योग के नेताओं और उद्यमियों के बीच जीवंत संवाद से भरपूर रहा। “सौर उत्पादकों के लिए प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण निर्माण” पर अपने विचार व्यक्त करते हुए अरविंद कुमार, आईएएस (सेवानिवृत्त), अध्यक्ष, यूपीईआरसी ने उत्तर प्रदेश की बढ़ती ऊर्जा मांग को सौर उत्पादकों के लिए एक सुनहरा अवसर बताया। उन्होंने यूपी की प्रगतिशील औद्योगिक नीतियों की सराहना की, जिन्होंने पिछले वर्ष ₹6 लाख करोड़ का रिकॉर्ड निवेश आकर्षित किया, और राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों से राज्य की निर्माण क्षमता का लाभ उठाने का आह्वान किया।
राकेश कुमार अग्रवाल (वरिष्ठ परियोजना अधिकारी, यूपीनेडा) ने पीएम-कुसुम योजना की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यूपी पहला राज्य था, जिसने कुसुम पोर्टल लॉन्च किया था, जिससे सौर क्षेत्र में बड़े व्यवसायिक अवसर पैदा हुए हैं।

उत्तर प्रदेश में सौर पैनलों के साथ कृषि उत्पादन के एकीकरण पर आधारित पीएम-कुसुम योजना में कृषि ऊर्जा साझेदारी की भूमिका” विषय पर एक आकर्षक सत्र आयोजित किया गया। मनीष खरे (प्रबंध निदेशक, खरे एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड) ने कृषि-वोल्टाइक खेती को बढ़ावा देने के लिए भूमि पट्टे की नीतियों को सरल बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। वहीं प्रसून आनंद (सीनियर मैनेजर, नेशनल सोलर एनर्जी फेडरेशन ऑफ इंडिया) ने स्वच्छ ऊर्जा समाधानों के साथ आधुनिक कृषि प्रथाओं को जोड़ने के लिए पायलट परियोजनाओं की सिफारिश की। पैनलिस्टों ने इस पर सहमति जताई कि इस योजना के माध्यम से छोटे किसानों को सशक्त बनाना उनकी आय को बढ़ा सकता है और स्थिरता को बढ़ावा दे सकता है।
यातायात के भविष्य पर चर्चा करते हुए “उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक ट्रकों को बढ़ावा देना: पायलट परियोजनाएं, जागरूकता और चार्जिंग नवाचार” सत्र में मेगा चार्जिंग स्टेशनों की आवश्यकता को प्रमुखता से उठाया गया। अभिमन्यु वली (सीनियर मैनेजर, ईवी डिवीजन, केईआई इंडस्ट्रीज) ने सरकार से अपील की कि प्रमुख राजमार्गों पर 1,000 मेगावाट फास्ट-चार्जिंग हब विकसित किए जाएं। जिससे भारी वाहनों का चार्जिंग समय 8-10 घंटे से घटकर केवल 15-20 मिनट रह जाए, जो लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।

दूसरे दिन के समापन पर अतुल श्रीवास्तव (क्षेत्रीय निदेशक, यूपी चैप्टर, पीएचडीसीसीआई) ने कहा कि उत्तर प्रदेश ऊर्जा एक्सपो 2025 एक ऐसा मंच है जो दृष्टिकोण, प्रौद्योगिकी और कार्यान्वयन को एक साथ लाता है। उत्तर प्रदेश जैसे गतिशील राज्य के लिए, टिकाऊ ऊर्जा का मार्ग सहयोग और क्षमता निर्माण के माध्यम से ही संभव है। यह प्लेटफॉर्म क्षेत्रीय साझेदारियों का एक आधार बनता है, जो हमारे स्वच्छ ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र को पुनः आकार देता है। हम इस परिवर्तनात्मक यात्रा में एक पुल के रूप में भूमिका निभाने पर गर्व महसूस करते हैं।
इस अवसर पर सह-आयोजक फर्स्टव्यू के सीईओ वरुण गुलाटी ने कहा कि उत्तर प्रदेश ऊर्जा एक्सपो हरित ऊर्जा की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रहा है। पहले दिन की शानदार प्रतिक्रिया – 2,500 से अधिक प्रतिभागी, उच्च-स्तरीय सरकारी उपस्थिति और मजबूत उद्योग प्रतिनिधित्व – सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, ऊर्जा भंडारण, चार्जिंग नेटवर्क और स्मार्ट ग्रिड्स की ओर बढ़ती गति और प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
यह एक्सपो केवल एक प्रदर्शनी नहीं है, बल्कि एक सहयोगात्मक मंच है जहाँ नीति निर्धारक, नवप्रवर्तक और व्यवसाय मिलकर टिकाऊ विकास, निवेश और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए एक साथ आते हैं। हम अधिक संवाद,साझेदारियों और ठोस परिणामों के साथ इस सफलता को और समृद्ध करने के लिए तत्पर हैं।