लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। भारतीय ज्ञान प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए चल रही पहल के हिस्से के रूप में बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज ने लखनऊ विश्वविद्यालय के गणित और खगोल विज्ञान विभाग के प्रसिद्ध विद्वान डॉ. श्याम किशोर द्वारा “वैदिक गणित के रहस्यों का अनावरण – गणना की लुप्त कला” शीर्षक से अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में छात्रों, शिक्षकों और मेहमानों ने उत्साहपूर्वक अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

यह कार्यक्रम बीबीडी एजुकेशनल ग्रुप की चेयरपर्सन अलका दास गुप्ता एवं बीबीडी ग्रुप के प्रेसिडेंट विराज सागर दास की प्रेरणा से हुआ। व्याख्यान का उद्देश्य वैदिक युग की प्राचीन गणितीय तकनीकों और आधुनिक समय में उनके अनुप्रयोगों पर प्रकाश डालना था। वैदिक गणित, एक सदियों पुरानी प्रणाली, अपनी सरलता, गति और दक्षता के लिए जानी जाती है। इसे जटिल गणितीय समस्याओं को हल करने के लिए एक मूल्यवान उपकरण के रूप में मान्यता दी गई है।

वैदिक गणित के विशेषज्ञ डॉ. श्याम किशोर भारत की प्राचीन ज्ञान प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए एक प्रोत्साहक हैं। वर्षों के शोध और शिक्षण अनुभव के साथ, डॉ. किशोर के पास विशाल ज्ञान और आकर्षक शिक्षण शैली है। उन्होंने पूरे सत्र में दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। डॉ. श्याम किशोर ने वैदिक गणित का अवलोकन करके सत्र की शुरुआत की, जो वैदिक युग से चली आ रही है, और आज की दुनिया में इसकी प्रासंगिकता है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वैदिक गणित केवल तकनीकों का एक समूह नहीं है, बल्कि सीखने का एक समग्र दृष्टिकोण है जो रचनात्मकता, समस्या-समाधान और आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देता है। व्याख्यान अत्यधिक संवादात्मक था, जिसमें डॉ. किशोर ने दर्शकों को सवाल पूछने और लाइव प्रदर्शनों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। उनकी करिश्माई और सुलभ शैली ने विषय को और अधिक प्रासंगिक और आकर्षक बना दिया।