- सीएम योगी के मार्गदर्शन में औद्योगिक क्षेत्रों के विकास पर खर्च की गई 430% अधिक धनराशि
- 2024-25 में क्षेत्र के विकास, उन्नयन और अनुरक्षण पर खर्च किए गए 551करोड़ रुपये
- 2018-19 में खर्च किए थे 104 करोड़, 7 वर्षों में हर वर्ष विकास खर्च में हो रही वृद्धि
- बीते एक वर्ष में ही औद्योगिक क्षेत्रों के विकास पर खर्च किए 136 करोड़ रुपए अधिक
- औद्योगिक क्षेत्रों में निवेश से इकाइयों के साथ ही उत्पादन और रोजगार में भी हुई बढ़ोतरी
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार औद्योगिक विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के माध्यम से औद्योगिक क्षेत्रों के उन्नयन और अनुरक्षण पर भारी निवेश किया जा रहा है। वर्ष 2018-19 की तुलना में 2024-25 में यूपीसीडा ने औद्योगिक विकास पर 430 प्रतिशत अधिक धनराशि खर्च की है। जहां 2018-19 में 104 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे, वहीं 2024-25 में यह राशि बढ़कर 551 करोड़ रुपये हो गई है।
उल्लेखनीय है कि योगी सरकार का लक्ष्य उत्तर प्रदेश को देश का अग्रणी औद्योगिक राज्य बनाना है। इसके लिए यूपीसीडा द्वारा औद्योगिक क्षेत्रों में और अधिक निवेश, बुनियादी ढांचे का विकास और रोजगार सृजन पर जोर दिया जा रहा है। सरकार की इन नीतियों से न केवल औद्योगिक विकास को बल मिल रहा है, बल्कि प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने में भी सक्षम बना रहा है।
हर साल बढ़ता गया खर्च
यूपीसीडा ने हर वर्ष औद्योगिक क्षेत्रों के विकास पर खर्च को बढ़ाया है। वर्ष 2019-20 में 207 करोड़, 2020-21 में 234 करोड़, 2022-23 में 287 करोड़ और 2023-24 में 415 करोड़ रुपये खर्च किए गए। बीते एक वर्ष में ही 136 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश किया गया, जो योगी सरकार के औद्योगिक विकास के प्रति समर्पण को दर्शाता है। इसके चलते औद्योगिक इकाइयों की संख्या भी 2019-20 में 403 इकाइयों से बढ़कर 2024-25 में 1634 हो गई। वहीं वर्ष 2017-18 में 11,577 रोजगार के मुकाबले 2024-25 में 51,761 रोजगार सृजित हुए। औद्योगिक क्षेत्रों के विकास पर योगी सरकार के विशेष फोकस का नतीजा उत्पादन वृद्धि में भी दिखा है।
बड़े निवेशकों का बढ़ा भरोसा
वित्तीय वर्ष 2024-25 में यूपीसीडा ने 10 से अधिक मेगा और सुपर मेगा औद्योगिक इकाइयों को भूमि आवंटित की है, जिनमें हजारों करोड़ रुपये का निवेश हुआ। इस वर्ष भूमि आवंटन के तहत कई बड़े निवेशकों ने उत्तर प्रदेश में अपनी परियोजनाएं शुरू की हैं। इनमें सोम बेवरेजेस (600 करोड़), बीपीसीएल कानपुर (500 करोड़), इंडोरेमा (400 करोड़), अशोक लीलेंड (186 करोड़), एडविन (175 करोड़), क्रिभको (145 करोड़), युगा एस्टेट (100 करोड़), एक्सैक्टसन (100 करोड़), लिंकलॉक्स (100 करोड़), श्री तुलसी (100 करोड़) और मॉर्बल रॉयल पेंट (90 करोड़) शामिल हैं। ये निवेश न केवल उत्पादन को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्कि राज्य की आर्थिक समृद्धि में भी योगदान दे रहे हैं।
औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए हर संभव सुविधा कराई जाएगी उपलब्ध
बेहतर बुनियादी ढांचे, सुगम भूमि आवंटन और निवेशकों के लिए अनुकूल नीतियों के कारण उत्तर प्रदेश अब औद्योगिक हब के रूप में उभर रहा है। यूपीसीडा की सक्रियता और सरकार की दूरदर्शी नीतियों ने राज्य को निवेशकों की पहली पसंद बनाया है। यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व और सशक्त मार्गदर्शन में प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है उसकी दिशा में लगातार प्रगति हो रही है। बीते एक वर्ष में यूपीसीडा ने योजनाबद्ध ढंग से कार्य करते हुए न केवल सर्वाधिक औद्योगिक इकाइयों को समयबद्ध ढंग से भूमि आवंटित की है, बल्कि इस दौरान प्राधिकरण ने रिकॉर्ड राजस्व भी अर्जित किया है। हम राज्य में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए हर संभव सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।