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जहां पुरुषों का कब्जा, वहाँ पर भी महिलाओं की उपस्थिति सराहनीय : मुख्य सचिव

मुख्य सचिव ने राष्ट्रीय आजीविका मिशन की दीदियों से किया सीधा संवाद

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। वर्तमान परिवेश में शिक्षा के साथ-साथ हुनरमंद होना बेहद जरूरी है। कई ऐसे क्षेत्र है जिन पर पुरुषों का ही कब्जा है, लेकिन वहाँ पर भी महिलाओं की उपस्थिति अत्यन्त सराहनीय है। उक्त बातें मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहीं।

मुख्य सचिव ने बक्शी तालाब स्थित एग्रीकल्चरल फाइनेंस काॅपोरेशन इण्डिया लिमिटेड एवं वेन्चुरा प्रीफैब के प्रशिक्षण केन्द्र में उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की दीदीयों से सीधा संवाद किया तथा संस्थान द्वारा किये जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की। दीदीयों की मांग पर श्री सिंह ने प्रशिक्षण कार्यक्रम को नियमित संचालित करने के साथ-साथ निर्माण इकाई को भी स्थापित किये जाने का निर्देश दिया।

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविक मिशन की प्रबंध निदेश दीपा रंजन ने विस्तारपूर्वक परियोजना संबंधी जानकारी मुख्य सचिव को दी। उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण विकास विभाग में उनके विशेष सहयोग के लिए आभार प्रकट किया। इसके पूर्व एग्रीकल्चरल फाइनेंस काॅपोरेशन इण्डिया लिमिटेड के राज्य प्रमुख अवनेश कलिक ने मुख्य सचिव को प्रतीक चिन्ह तथा अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। 

वेन्चुरा प्रीबैफ की रशमी सिन्हा द्वारा अतिथियों के स्वागत् के साथ-साथ परियोजना संबंधी प्रस्तुतीकरण किया गया।इस अवसर पर मुख्य सचिव ने पौधरोपण किया तथा परियोजना संबंधी फिल्म का प्रर्दशन व फोटो गैलरी, प्रशिक्षण सामाग्री का निरीक्षण किया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से आलोक सिन्हा (पूर्व कृषि उत्पादन आयुक्त), जिला विकास अधिकारी, जीएमडी आईसी, एसडीएम, बक्शी का तालाब, बीडीओ के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, एग्रीकल्चरल फाइनेंस काॅपोरेशन इण्डिया लिमिटेड एवं वेन्चुरा प्रीफैब के अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

ज्ञात हो उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत एग्रीकल्चरल फाइनेंस काॅपोरेशन इण्डिया लिमिटेड एवं वेन्चुरा प्रीफैब के साथ मिलकर एक महत्वकांक्षी परियोजना पर पाइलेट फेस में जनपद लखनऊ के बक्शी के तालाब विकास खण्ड के तीन गांवों के स्वयं सहायता समूहों की 30 महिलाओं के साथ प्रशिक्षण प्रारम्भ किया है। प्रदेश में पर्यावरण के अनुकूल उच्च गुणवत्ता वाली ईटों का निर्माण पहली बार किया जा रहा है। उपरोक्त विषय पर 50 दिवसीय प्रशिक्षण एग्रीकल्चरल फाइनेंस काॅपोरेशन इण्डिया लिमिटेड एवं वेन्चुरा प्रीफैब के प्रशिक्षण केन्द्र पर आयोजित किया जा रहा है। प्रशिक्षण के उपरान्त ईट निर्माण की इकाई की स्थापना के साथ बृहद स्तर पर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्य किया जायेगा।

प्रदेश में यह बहुत ही सराहनीय पहल है कि महिलाएँ एग्रीकल्चरल फाइनेंस काॅपोरेशन इण्डिया लिमिटेड एवं वेन्चुरा प्रीफैब के प्रशिक्षण केन्द्र पर पर्यावरण के अनुकूल ईंटों के उत्पादन का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। यह न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रहा है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को ईंट निर्माण की नवीनतम तकनीकों, उच्च गुणवत्ता वाली सामग्रियों के उपयोग और टिकाऊ निर्माण पद्धतियों की जानकारी दी जा रही है। पर्यावरण हितैषी इन ईंटों का उत्पादन पारंपरिक ईंट निर्माण की तुलना में कम प्रदूषणकारी होता है, जिससे वायु और जल प्रदूषण को कम करने में सहायता मिलती है।