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सूर्यकॉन लखनऊ 2025 : सोलर एनर्जी बदलते भारत का नया परिवेश

सौर ऊर्जा, स्थिरता, डीकार्बोनाइजेशन एवं यूपी कुसुम योजना पर हुई सार्थक चर्चा

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। सोलर मीडिया इंडस्ट्री में अग्रणी नाम EQ इंटरनेशनल ने गर्व के साथ “सूर्यकॉन लखनऊ 2025” के शानदार कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें लखनऊ की सोलर इंडस्ट्री से जुड़ी तमाम कंपनियों ने शिरकत की। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद भाजपा एमएलसी अवनीश कुमार सिंह ने सभी सोलर कंपनियों को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया।

सोलर इंडस्ट्री से जुड़े इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश में कैसे सोलर एनर्जी को बढ़ावा दिया जाए, जनता को सोलर एनर्जी के बारे में कैसे जागृत किया जाए और टियर टू सिटीज, गांवों में कैसे सोलर की प्रभावशाली पहुंच बनाई जाए पर खास चर्चा हुई।  

इस कार्यक्रम में कई प्रभावशाली सत्र हुए, जिनमें 

सूर्यकॉन + सोलर बायर-सेलर मीट काफी अहम थी। जिसमें कार्यक्रम में आई हुई सभी कंपनियों ने उत्तर प्रदेश में सोलर एनर्जी की बढ़ती डिमांड और उनके लिए उपयुक्त साधने तलाशने के लिए एक दूसरे के सामने अपने विचार प्रकट किए।

उत्तर प्रदेश सोलर, रिन्यूएबल एनर्जी एवं सस्टेनेबिलिटी वार्षिक पुरस्कार समारोह में उत्तर प्रदेश में कार्यरत सभी सोलर कंपनीज को उनके कार्यों के लिए प्रोत्साहित करते हुए सम्मानित किया गया।

सम्मेलन में मुख्यत: यूटिलिटी-स्केल सोलर, सौर ऊर्जा उत्पादन, स्थिरता (सस्टेनेबिलिटी) और डीकार्बोनाइजेशन पर चर्चा हुई। सहज सोलर, सोवा सोलर, सनग्रो, एनिकॉन सोलर, गुडवी सोलर ने मुख्य रूप से कार्यक्रम में शिरकत की।

एमएलसी अवनीश कुमार सिंह ने कहा कि सोलर एनर्जी उत्तर प्रदेश के बदलते परिवेश में महत्वपूर्ण योगदान अदा करेगा। उन्होंने कार्यक्रम में सोलर एनर्जी से जुड़े सभी व्यक्तियों को सम्मानित करते हुए कहा कि मुझे हर्ष है कि आज मैं इस शानदार सत्र में उपस्थित रहा हूं।

EQ इंटरनेशनल के सीईओ आनंद गुप्ता ने कहाकि यह हमारे लिए गौरव का क्षण है कि हम सब आज एक छत के नीचे मौजूद हैं। हमारी हमेशा से कोशिश रहती है कि हम बायर्स और सेलर्स दोनो को ऐसा प्लेटफॉर्म दे पाएं जहां वो अपनी अपनी जरूरतों के मुताबिक आपस में सामंजस्य बैठा पाएं।

इस कार्यक्रम में सौर उद्योग से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधि जैसे डेवलपर्स, इंडिपेंडेंट पावर प्रोड्यूसर्स (IPPs), ईपीसी कंपनियाँ, सरकारी प्रतिनिधि, नीतिनिर्माता, रेगुलेटर्स, प्रोक्योरमेंट हेड्स, पीवी प्लांट डिज़ाइनर्स, इंजीनियरिंग एक्सपर्ट्स, एसेट मैनेजमेंट लीडर्स, एचआर हेड्स, फाइनेंशियल कंसल्टेंट्स, डिस्कॉम्स, और अन्य संबंधित विशेषज्ञ मौजूद थे।