लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। इफको, लोकसभा में त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक, 2025 की घोषणा और उसके बाद 26 मार्च 2025 को निचले सदन द्वारा इसके अनुमोदन का स्वागत करती है। विधेयक की घोषणा करते हुए केंद्रीय सहकारिता एवं गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आजादी के 75 साल बाद आज देश को अपना पहला सहकारी विश्वविद्यालय मिल रहा है। यह विधेयक ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, स्वरोजगार और लघु उद्यमिता के पारिस्थितिकी तंत्र का विकास करेगा। सामाजिक समावेश को बढ़ाएगा और नवाचार और अनुसंधान में नए मानक स्थापित करने के अवसर बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि एक तरह से पूरे देश को सहकारिता की भावना से प्रेरित और आधुनिक शिक्षा से लैस एक नया सहकारी नेतृत्व मिलेगा।
इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने कहा कि, “मैं त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक 2025 की सराहना करता हूं, जो सहकारी समितियों के विकास के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना से सहकारी क्षेत्र में एक नई क्रांति आएगी। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के इस सराहनीय कदम का स्वागत करता हूं। यह भारतीय कृषि, किसानों और ग्रामीण विकास के लिए एक बहुत बड़ा कदम है। इससे हमारे गांव और मजबूत होंगे।”
उन्होंने कहा कि देश भर में क्षेत्र-विशिष्ट स्कूलों की स्थापना से उर्वरक सहकारी समितियों विशेषकर इफको को मदद मिलेगी, इससे सहकारी समितियों को उर्वरक सहकारी प्रबंधन और विपणन के क्षेत्र में पेशेवरों की एक नई पीढ़ी मिलेगी। मौजूदा सहकारी कर्मचारियों के लिए अल्पकालिक पाठ्यक्रम एक गेम-चेंजर और एक ऐसा कदम है जो इस पैमाने पर पहले कभी नहीं किया गया था। यह विश्वविद्यालय मौजूदा कर्मचारियों और सहकारी समितियों को कुशल बनाने के लिए प्रशिक्षित करेगा जो बिरादरी के लिए एक बड़ी संपत्ति होगी।