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अब तक यूविन पोर्टल के माध्यम से 1.52 करोड़ बच्चों हुआ टीकाकरण, सीतापुर अव्वल

यूविन पोर्टल का एक साल

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। नियमित टीकाकरण के सफलतम उदाहरण हैं देश का नवजात टिटेनस और पोलियो से मुक्त होना। टीकाकरण के कारण ही नवजात, शिशु एवं बाल मृत्यु दर में कमी आई है। सरकार का प्रयास है कि शून्य से पांच साल तक की आयु के बच्चों का शत प्रतिशत टीकाकरण हो और इसी लक्ष्य को पाने के लिए भारत सरकार द्वारा यूविन पोर्टल पिछले साल मार्च में लांच किया गया था। इसके साथ ही सेवाओं के डिजटलीकरण की प्रक्रिया में भी यह अहम कदम है।


प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा एव स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि, उत्तर प्रदेश में गर्भवती महिलाओं और बच्चों के टीकाकरण की प्रक्रिया को डिजिटल बनाने के लिए यू-विन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की शुरुआत की गई थी। इस संबंध में लखनऊ में राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित कर जिला स्तरीय प्रशिक्षणार्थियों को यू-विन के क्रियान्वयन का प्रशिक्षण और दिशा-निर्देश प्रदान किए गए थे। इसके अच्छे परिणाम सामने आये हैं यू-विन के माध्यम से वैक्सीन सत्रों की योजना, लाभार्थियों का पंजीकरण और उन्हें लगाए गए टीकों की जानकारी रियल टाइम में अपडेट की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि यू-विन, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन, इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (ई-विन) तथा कोविन से लिंक है।


राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डा. अजय गुप्ता बताते हैं कि कोविन पोर्टल की तर्ज पर शुरू हुए यूविन पोर्टल के लॉन्च को लगभग एक साल हो चुका है। इस दौरान पोर्टल पर कुल 47.68 लाख गर्भवतियों का पंजीकरण हुआ है, जिसके सापेक्ष 43.01 लाख गर्भवतियों का टीकाकरण किया जा चुका है। एक साल से कम आयु के 1.04 करोड़ बच्चों का टीकाकरण किया जा चुका है। एक से पाँच साल के पंजीकृत 52.31 लाख बच्चों के सापेक्ष लगभग 48 लाख बच्चों को टीका लग चुका है। अब तक कुल 27,67,780 सत्रों की प्लानिंग की गयी है जिसके सापेक्ष 27,07,624 सत्र आयोजित किये जा चुके हैं। प्रदेश में यूविन पोर्टल के माध्यम से टीका लगवाने में सीतापुर जनपद पहले स्थान पर है।


यूविन पोर्टल के हैं यह लाभ


इस पोर्टल का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यूविन पर पंजीकरण होने के बाद, गर्भवती और बच्चे का देश में कहीं भी टीकाकरण हो सकता है। गर्भवती स्वयं या करीबी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर भी पंजीकरण करा सकती है।
पोर्टल के माध्यम से महिलाओं और बच्चों के टीकाकरण संबंधी सारी जानकारी मिल जाती है।
शून्य से पांच साल तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को लगाए गए टीकों की ऑनलाइन ट्रेकिंग की जाती है, जिससे तैयार ड्यू लिस्ट के अनुसार टीकाकरण करना और भी आसान हो जाता है। यूविन पर प्रसव पश्चात जन्में शिशु का विवरण दर्ज करने से बच्चों की ट्रेकिंग करना आसान हो गया है।
पोर्टल में मौजूद विकल्प का उपयोग कर बच्चे के अभिभावक पंजीकरण कर टीकाकरण के लिए सत्र खोजकर टीकाकरण करा सकते हैं। नवजात और बच्चों को माता पिता के आधार नम्बर के आधार पर आभा आईडी मिल जाती है। जिससे भविष्य में उनके स्वास्थ्य संबंधी सभी सूचनाएं एक ही क्लिक पर उपलब्ध हो जाती है। प्रत्येक सत्र पर सभी आवश्यक टीके उपलब्ध हैं।
सभी लाभार्थियों को डिजिटल टीकाकरण कार्ड प्राप्त होता है, जिसे लाभार्थी मोबाईल फोन एप्लीकेशन पर डाउनलोड और सहेज सकता है। लाभार्थियों को एक टीका लगने के बाद अगले टीके की तारीख और जानकारी एसएमएस के माध्यम से मिल जाती है। टीकाकरण के लिए पहली बार पंजीकरण कराते समय मोबाइल नंबर और आईडी जरूरी है।

बच्चों को लगाये जाते हैं 12 बीमारियों से बचाव के टीके


टीबी, हिपेटाइटिस बी, पोलियो, खसरा, रूबेला, काली खांसी, गलघोंटू, टिटेनस, रोटा वायरस से होने वाला डायरिया, इन्फ्लूएंजा, निमोनिया, जापानी इन्सिफेलाइटिस। इसके साथ ही गर्भवती को व्यस्क डिप्थीरिया और टिटेनस (टीडी) के दो टीके लगाये जाते हैं। एक टीका गर्भावस्था का पता लगते ही और दूसरा उसके अगले माह।