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विज्ञान फाउंडेशन : निःशुल्क नेत्र जांच शिविर में लोगों ने कराई जांच

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। विज्ञान फाउंडेशन द्वारा नगर निगम के सहयोग से पलटन छावनी स्थित आश्रय गृह पर एक विशेष निशुल्क नेत्र जांच शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का उद्देश्य आश्रय गृह पर ठहरने वाले अंतःवासियों और आस-पास की बस्तियों के लोगों को उनकी आंखों की स्वास्थ्य जांच करवाने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करना था।

इस शिविर में लखनऊ के आई फर्स्ट हॉस्पिटल के नेत्र चिकित्सकों की टीम ने बड़ी संख्या में लोगों की आंखों की जांच की। शिविर के दौरान 150 से अधिक लोगों ने आंखों की जांच करवाई, जिनमें आश्रय गृह के अंतःवासी और आसपास की बस्तियों के लोग शामिल थे। यह शिविर विशेष रूप से उन लोगों के लिए आयोजित किया गया था, जिन्हें अपनी आंखों की समस्याओं के बारे में जानकारी नहीं थी या वे इलाज कराने में सक्षम नहीं थे।

भारतेंदु हरिश्चंद्र वार्ड की पूर्व पार्षद रूपाली गुप्ता ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “यह एक अत्यंत सराहनीय कदम है। इस तरह के प्रयासों से समाज के गरीब और जरूरतमंद वर्ग को अपनी आंखों की जांच करवाने का एक बेहतरीन अवसर मिलता है, जो अन्यथा मुश्किल हो सकता था। इस अभियान से उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं।”

विज्ञान फाउंडेशन के सचिव संदीप खरे ने कहा, “आश्रय गृह पर समय-समय पर स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाता है, लेकिन इस बार हम विशेष रूप से उन लोगों की आंखों की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे। हमने पाया कि कई अंतःवासियों को आंखों से संबंधित समस्याएं थीं, जिनका निदान जरूरी था। इस शिविर के माध्यम से हम उनकी समस्याओं को समझने और हल करने का प्रयास कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य है कि आश्रय गृह पर रहने वालों को ना सिर्फ सुरक्षित वातावरण मिले, बल्कि उनकी स्वास्थ्य संबंधी जरूरतें भी पूरी की जा सकें।”

चिकित्सकों की टीम में जमन अली, माज शेख, चंदन कुमार, शाहजहां, और शिवानी अवस्थी ने जांच कार्य में योगदान दिया। शिविर के सफल आयोजन में संजय सिंह, गुरु प्रसाद, अमर सिंह, अमित सिंह, मो. अदनान खान, धर्मेंद्र पासवान, मानस, भीमपाल, रविकांत और प्रदीप कुमार सहित सामाजिक कार्यकर्ताओं का योगदान सराहनीय रहा। उन्होंने शिविर के आयोजन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे यह आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हो सका।

विज्ञान फाउंडेशन का यह प्रयास स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव के साथ-साथ समाज में समानता और सहयोग की भावना को भी बढ़ावा दे रहा है।