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बर्दाश्त नहीं की जाएगी कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही : डॉ. हीरा लाल

  • मानक के अनुरूप समय सीमा में पूरे हों सारे कार्य : डॉ. हीरा लाल
  • वाटरशेड विकास घटक-प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 की समीक्षा बैठक
  • प्रदेश के परियोजना प्रबन्धक व भूमि संरक्षण अधिकारी बैठक में रहे उपस्थित
  • परियोजना में इंटर्नशिप पर चर्चा, दस्तावेजीकरण व ट्रेनिंग पर भी दिया जोर

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। राज्य स्तरीय नोडल एजेंसी वाटरशेड विकास घटक-प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डॉ. हीरा लाल की अध्यक्षता में सोमवार को गोमतीनगर स्थित भू-मित्र भवन में कृषि विभाग एवं ग्रेटर शारदा सहायक समादेश के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की संयुक्त समीक्षा बैठक हुई। बैठक में एजेंसी से जुड़े 34 जिलों के परियोजना प्रबन्धक और भूमि संरक्षण अधिकारी उपस्थित रहे।

इस मौके पर डॉ. हीरा लाल ने सभी अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी कि कार्य में किसी भी तरह की हीलाहवाली और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मानक के अनुरूप सभी कार्य समय सीमा में पूरे किए जाएँ। हर कार्य की चेकलिस्ट जल्दी से जल्दी तैयार कर लंबित कार्यों को पूरा कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। उन्होंने पानी की महत्ता पर कहा कि पानी की एक-एक बूँद कीमती है उसका ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल सिंचाई में किया जाए और कृषि उत्पादन को बढ़ाया जाए।

डॉ. हीरा लाल ने कहा कि परियोजना में पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर की सहभागिता को बढ़ाकर परियोजना का शत-प्रतिशत लाभ समुदाय तक पहुंचाया जाएगा। इसके लिए करीब 37 सरकारी विभागों से परियोजना से जुड़ने का पत्र भेजा जा चुका है। इसी तरह करीब 155 स्वयंसेवी संस्थाओं और फाउंडेशन की भी मैपिंग कर उनको परियोजना से जोड़ने का प्रयास चल रहा है। सभी के सहयोग से ही समग्र विकास की दिशा में हम आगे बढ़ सकते हैं।

इस मौके पर विषय वस्तु विशेषज्ञ आरएस वर्मा ने पब्लिक सेक्टर और प्र. उप निदेशक आकांक्षा यादव ने निजी क्षेत्र को परियोजना से जोड़ने को लेकर किए गए प्रयासों पर प्रस्तुतिकरण दिया।

डॉ. हीरा लाल ने कहा कि नवाचार के तहत परियोजना में इंटर्नशिप के प्रारूप को जल्दी से जल्दी अंतिम रूप दिया जाए ताकि कृषि क्षेत्र में रुचि रखने वालों को इससे जोड़ा जा सके और उनके अनुभवों का लाभ लिया जा सके। कार्यालयों के दस्तावेजीकरण पर भी उन्होंने पूरा जोर दिया। इसके साथ ही अधिकारियों से कहा कि सभी लोग परियोजना से जुड़ी 10 प्रमुख समस्याओं और उनके संभावित समाधान की लिस्ट तैयार कर कार्यालय को प्रेषित करें।

उन्होंने कहा कि परियोजना से जुड़े लोगों के क्षमतावर्धन के लिए जल्द से जल्द प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। भुवन पोर्टल पर जियो टैगिंग की प्रगति और राष्ट्रीय आजीविका मिशन कार्यक्रम एवं सूक्ष्म उद्योग के अंतर्गत कराये जाने वाले कार्यों की भी समीक्षा हुई। परियोजनावार सीए आडिट को लेकर किए जा रहे बदलावों के बारे में बैठक में अवगत कराया गया।

बैठक में रजनीश प्रकाश चौधरी संयुक्त निदेशक, मूल चंद सैनी संयुक्त निदेशक, शैलेश कुमार वर्मा प्राविधिक अधिकारी एवं जितेन्द्रमणि त्रिपाठी तकनीकी समन्वयक उपस्थित रहे।