लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। डॉ. प्रताप सी रेड्डी (संस्थापक और अध्यक्ष, अपोलो हॉस्पिटल्स) ने बजट के बाद अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि 1980 के दशक से, जब हमारी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली सीमित बुनियादी ढाँचे और संसाधनों की कमी से जूझ रही थी, हमने गुणवत्तापूर्ण देखभाल तक पहुँच बढ़ाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। पिछले एक दशक में, हमने आधुनिक निदान, निवारक स्वास्थ्य सेवा और भारत भर के रोगियों के लिए चिकित्सा प्रौद्योगिकी में अत्याधुनिक विकास लाते हुए एक मजबूत नींव रखी है। अब, बजट 2025 ‘हील इन इंडिया’ के लिए एक दूरदर्शी लॉन्चपैड के रूप में कार्य करता है, जो भारत को उन्नत स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा नवाचार के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने का रोडमैप तैयार करता है।
उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षों में 75,000 अतिरिक्त मेडिकल सीटों के साथ चिकित्सा शिक्षा का विस्तार, साथ ही एआई में उत्कृष्टता केंद्रों की शुरुआत, स्वास्थ्य-तकनीक में नवाचार को बढ़ावा देगी और अनुसंधान एवं विकास निवेश का विस्तार करेगी। निजी क्षेत्र की भागीदारी के माध्यम से चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने की घोषणा वैश्विक रोगियों को आकर्षित करने की हमारी क्षमता को बढ़ाएगी और भारत को ‘हील इन इंडिया’ मिशन के तहत सस्ती, विश्व स्तरीय चिकित्सा देखभाल के लिए जाने-माने गंतव्य के रूप में स्थापित करेगी।
क्षमता निर्माण और सुव्यवस्थित वीज़ा प्रक्रियाओं के समर्थन के साथ, यह पहल सुनिश्चित करेगी कि भारत न केवल अपने नागरिकों को ठीक करे, बल्कि दुनिया को ठीक करने में भी मदद करे। जिला अस्पतालों में 200 डेकेयर कैंसर सेंटर की स्थापना और दुर्लभ बीमारियों, कैंसर और गंभीर पुरानी बीमारियों के लिए महत्वपूर्ण दवाओं को सीमा शुल्क छूट के तहत शामिल करना सराहनीय कदम हैं। ये उपाय गैर-संचारी रोगों से लड़ने और रोगियों के लिए जेब से होने वाले खर्च को कम करने में हमारे राष्ट्रीय प्रयासों को मजबूत करेंगे।
उन्होंने कहाकि नेशनल सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस और 50,000 अटल टिंकरिंग लैब्स की स्थापना के माध्यम से उभरती प्रौद्योगिकियों में स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों को कुशल बनाने पर ध्यान केंद्रित करने से अगली पीढ़ी के मेडिकल इनोवेटर्स और स्टार्टअप्स को सशक्त बनाया जाएगा। स्टार्टअप्स के लिए सरलीकृत अनुपालन प्रक्रियाएं स्वास्थ्य-तकनीक नवाचार को भी बढ़ावा देंगी। जिससे रोगी देखभाल के लिए अत्याधुनिक समाधान विकसित करने की हमारी क्षमता बढ़ेगी। यह आने वाले वर्ष के लिए सिर्फ एक बजट नहीं है – यह भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को वैश्विक नेता के रूप में उभरने के लिए एक लॉन्चपैड है। ‘हील इन इंडिया’, ‘हील बाय इंडिया’ और नवाचार-संचालित देखभाल के तहत पहलों का तालमेल भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के तरीके को फिर से परिभाषित करेगा और दुनिया के लिए मानक स्थापित करेगा।