- ईको फ्रेंडली होने के साथ ही किफायती भी हैं जूट उत्पादन
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में चल रहे उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड एक्सपो में जूट के खूबसूरत उत्पाद लखनऊवालों को खूब पसंद आ रहे हैं। यह उत्पाद न सिर्फ ईको फ्रेंडली हैं बल्कि सस्ते चाइनीज उत्पादों से मुकाबले की अनूठी मिसाल पेश कर रहे हैं। यूपी स्टेट चैप्टर पीएचडीसीसीआई द्वारा मिनिस्ट्री ऑफ़ एमएसएमई, गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया, इन्वेस्ट यूपी और ओडीओपी उत्तर प्रदेश के सहयोग से आयोजित इस एक्सपो में जूट उत्पादकों को सरकार का बखूबी साथ मिल रहा है।
इसके अलावा ‘डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन कैसे इंडस्ट्री की मदद कर रहा है’ विषय पर कॉन्क्लेव आयोजित किया गया। जिसमें अतुल श्रीवास्तव (रीजनल डायरेक्टर, यूपी स्टेट चैप्टर, PHDCCI), विवेक अग्रवाल (को-चेयर, यूपी स्टेट चैप्टर, PHDCCI), और संजीव सरीन (चेयर – रिटेल स्टेट सबकमेटी, यूपी स्टेट चैप्टर, PHDCCI) सहित विभिन्न उद्योगों से जुड़े एक्सपर्ट्स ने अपने विचार रखे।
मुख्य अतिथि के रूप में नेहा जैन (IAS, स्पेशल सेक्रेटरी, IT और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, UPDESCO) ने उद्घाटन भाषण दिया। पैनल चर्चा ‘एमएसएमई ग्रोथ के लिए डिजिटल का उपयोग’ विषय पर हुई। जिसमें अमोल (बिजनेस ओनर, बीके सर्राफ ज्वैलर्स), अंकित साहनी (फाउंडर & सीईओ, द हैज़लनट फैक्ट्री), वरुण गुप्ता (फाउंडर, Mapasil.com), रजनीश रावत (मैनेजिंग डायरेक्टर, ओरिजिन्स एडवरटाइजिंग लिमिटेड) और देवना (हेड ऑफ मार्केटिंग, भरुवा सॉल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड) ने भाग लिया।
गाजीपुर को जीआई टैग दिलवाने की प्रेरक कहानी
गाजीपुर जिले से आए कैसर जहां अहमद की हैंडमेड वॉल हैंगिंग लोगों को खूब पसंद आ रही है। उन्होंने बताया कि यह काम उनके पिता के समय से चला रहा है, जिसकी सलाह एक अंग्रेज ने दी थी। हम लाइफ ऑफ ट्री, सेवन हॉर्स, गणेश जी, मरीन लाइन, पहाड़ों पर बने घर और फार्म हाउस जैसे डिजाइन जूट पर बनाते हैं। हमारे इस कार्य को अधिक पहचान जीआई टैग प्राप्त होने के बाद मिली।
गाजीपुर की हैंडमेड वॉल हैंगिंग को जीआई टैग दिलवाने के लिए हमने बहुत मेहनत की। वर्तमान समय में हमारे पास नेपाल से 1,500 और मसूरी से लगभग 500 से अधिक हैंडमेड वॉल हैंगिंग के ऑर्डर्स हैं। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि इस कला के माध्यम से 200 से अधिक लोग रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। इसमें हमें राष्ट्रीय जूट बोर्ड का हर कदम पर सहयोग मिलता रहा है।
चीन से मुकाबला कर रहे डोर बेल लैंप शेड
दिल्ली से आए गौरव वर्मा जूट के हैंगिंग से लेकर बर्ड हाउस, लैंप शेड और डोरबेल जैसे डेकोरेटिव आइटम बनाते हैं। वह कहते हैं कि मैं अक्सर लोगों के घरों में प्लास्टिक के चाइनीस सामान देखता था, जो बहुत कम समय चलते थे और पर्यावरण को नुकसान भी पहुंचते हैं। ऐसे में मैने जूट के प्रोडक्ट बनाने की ठानी। जूट के यह उत्पाद न सिर्फ लंबे समय तक चलते हैं बल्कि ईको फ्रेंडली भी हैं और चाइनीस सामान जितने ही किफायती भी हैं।
पर्यावरण को समर्पित हर कोशिश
दिल्ली से आए बीएस बिष्ट बताते हैं की बचपन में उत्तराखंड में रहने के दौरान मैंने देखा कि पर्यटक वहां पर घूमने आते हैं और ढेर सारे प्लास्टिक बैग वहां गंदगी के रूप में छोड़ जाते हैं। यहीं से मुझे पर्यावरण को बचाने के लिए कुछ करने की प्रेरणा मिली। इस दौरान मैंने महसूस किया कि लोग कुछ भी खरीदने जाते हैं तो साथ में बैग ले जाने की बजाय दुकान से प्लास्टिक के बैग लेकर आते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए सबसे पहले मैंने जूट के बैग बनाए ताकि हर चीज आप बैग में रख सकें और प्लास्टिक का कम इस्तेमाल हो। इसके अलावा हम टेबल एसेसरीज, फ्लोरिंग और वॉल हैंगिंग भी बनाते हैं। हमारे पास ₹50 से लेकर ₹1,500 तक के सामान उपलब्ध हैं।
गोपाल शॉ (कार्यकारी सहायक, नेशनल जूट बोर्ड, दिल्ली रीजनल ऑफिस) ने बताया कि सरकार हर कदम पर जूट के कारीगरों को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है, चाहे उन्हें ट्रेनिंग देना हो या फिर आर्थिक मदद करनी हो। हर कदम पर सरकार जूट कारीगरों के साथ है।
डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन कैसे इंडस्ट्री की मदद कर रहा है’ विषय पर आयोजित कॉन्क्लेव में मुख्य अतिथि नेहा जैन ने कहा, “जब आप अकेले होते हैं तो कई बार आपकी आवाज नहीं पहुंच पाती है। लेकिन जब आप किसी PHDCCI जैसे बड़े संगठन से जुड़ते हैं तो आपके सुझाव कलेक्टिव रूप से सरकार तक पहुंचाते हैं। हमने प्रदेश के युवा उद्यमियों के लिए योजना शुरू की है, जिसके अंतर्गत युवाओं को 5 लाख तक का लोन दिया जा रहा है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इन्वेस्ट यूपी प्लेटफार्म में निवेश मित्र भी उद्यमियों को बहुत लाभ पहुंचा रहा है। इतना ही नहीं उद्योगों के रजिस्ट्रेशन के लिए उद्यम सारथी ऐप की शुरुआत की गई है। इस ऐप में न सिर्फ रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं बल्कि छोटे-बड़े बिजनेस कैसे चलते हैं, उसके बारे में भी जानकारी दी गई है। वहीं यूपीआई छोटे-छोटे उद्यमियों को आगे बढ़ाने में बहुत मदद कर रहा है। जीएसटी भी डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन का बड़ा उदाहरण है। लेकिन इन सब के बीच में हमें मुख्य उत्पाद की क्वालिटी को नहीं भूलना चाहिए।”
अतुल श्रीवास्तव (रीजनल डायरेक्टर, यूपी स्टेट चैप्टर, PHDCCI) ने कहा कि जीवन में डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन बहुत जरूरी है। प्रदेश में 96 लाख MSME रजिस्टर्ड हैं। यह सभी एमएसएमई देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
विवेक अग्रवाल (को-चेयर, यूपी स्टेट चैप्टर, PHDCCI) ने कहा, “एक्सपो में प्रदेश भर से बड़ी संख्या में लोग आए हैं। यह हम सभी के लिए खुशी की बात है। जिस तरीके से पहले मैन्युफैक्चरिंग इवोल्यूशन आया, कृषि में इवोल्यूशन आया वैसे ही यह डिजिटल इवोल्यूशन का समय है। डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन में इंटरनेट बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है।”
संजीव सरीन (चेयर – रिटेल स्टेट सबकमेटी, यूपी स्टेट चैप्टर, PHDCCI) ने अपने विचार रखते हुए कहा, “बदलाव वर्तमान समय का सच है और रिटेल इंडस्ट्री में डिजिटल बदलाव सबसे जरूरी है। अगर रिटेल इंडस्ट्री को आगे बढ़ाना है तो उसके लिए एमएसएमई का आगे बढ़ाना बहुत जरूरी है।” कार्यक्रम के अंत में अतुल श्रीवास्तव ने सभी उपस्थित अतिथियों का आभार व्यक्त किया।