लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। सेक्टर ई कमर्शियल पॉकेट ग्राउंड में चल रहे 17वें यूपी महोत्सव की तीसरी सांस्कृतिक संध्या सदाबहार फिल्मी नगमों से सजी। एमपी मिश्रा ने “बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है…”, “जाने कैसे कब कहां इकरार हो गया…” गीत गाकर सभी का दिल जीत लिया। सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ आयोजन समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह एवं उपाध्यक्ष एनबी सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया।
आलोक वर्मा ने “मैं कोई ऐसा गीत गाऊं के आरजू जगाऊं अगर तुम कहो…” और “तेरा पीछा ना मैं छोडूंगा…” सुनाया। अनिल अग्रवाल ने “न हम तुम्हे जाने न तुम हमें जानो…”, “ये रातें ये मौसम नदी का किनारा ये चंचल हवा…”, सुनील सिन्हा ने “दिल में हो तुम…” गीत प्रस्तुत किया। योगेश कपूर ने “सोलह बरस की बाली उमर को सलाम…”, “तू ही मेरी शब है सुबह है…”, विनय कुमार ने “तुम अगर साथ देने का वादा करो…”, “मुझे दर्द-ए-दिल का पता न था…” सुनाया।
ऋचा श्रीवास्तव ने “हम सफ़र मेरे हम सफ़र…”, “रजनीगंधा फूल तुम्हारे महके यूं ही जीवन में…”, नारायन चाँदवानी ने “बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम…”, “तुम बिन जाऊँ कहाँ…”, दीपक बनर्जी ने “तेरे होंठों के दो फूल प्यारे प्यारे…” प्रस्तुत किया।
प्रीति लाल ने “ये है रेशमी जुल्फों का अंधेरा न घबराइए…” और “तू शायर है मैं तेरी शायरी…” सुनाकर दर्शकों की तालियां बटोरीं। इसके बाद अभय श्रीवास्तव, अनूप निषाद, संदीप अग्निहोत्री, आराधना सिंह, अम्बर श्रीवास्तव, विवेक निषाद, आरती राठौर, हर्ष मिश्रा, अदिति मिश्रा, जयति गुप्ता ने अपने गीत सुनाए। अंत में सांस्कृतिक अध्यक्ष प्रिया पाल, सांस्कृतिक प्रभारी और लोकगायिका प्रीति लाल ने सभी कलाकारों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।