मुंबई (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। मुंबई के सहारा स्टार में 1,000 से अधिक उद्योग विशेषज्ञ, व्यावसायिक नेता और प्रभावशाली लोग इकट्ठा हुए। जहाँ प्रसिद्ध वित्तीय विशेषज्ञ अजय ठाकुर की पुस्तक -विज़न टू विक्ट्री: अनलीशिंग इंडिया’स एसएमई प्लेटफ़ॉर्म “ लॉन्च का उत्सव मनाया गया। इस अवसर पर वित्तीय और एसएमई क्षेत्रों के प्रमुख लोगों ने इस पुस्तक की सराहना की, इसे भारत के आर्थिक विकास के लिए एक मार्गदर्शिका के रूप में बताया। अजय ठाकुर ने “विज़न टू विक्ट्री” में अपने व्यापक अनुभव से प्रेरणा लेकर भारत के एसएमई को सशक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने इस पुस्तक में उद्यमियों के लिए व्यावहारिक रणनीतियों का उल्लेख किया है। बीएसई एसएमई प्लेटफॉर्म के प्रमुख के रूप में, ठाकुर ने अपने कार्यकाल के दौरान 1,000 से अधिक कंपनियों की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस प्रेरणादायक पुस्तक में एसएमई और पूंजी बाजार पर ज्ञान के साथ-साथ उनके व्यक्तिगत और व्यावसायिक संघर्षों को भी शामिल किया गया है।
लॉन्च के दौरान ठाकुर ने कहा, “एसएमई सेक्टर भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, और इसका पूरा सामर्थ्य सामने लाने के लिए “विज़न टू विक्ट्री” के माध्यम से मैं मार्गदर्शन देना चाहता हूँ। इस पुस्तक में कोविड-19 के बाद एसएमई की मजबूती और इक्विटी फंडिंग जैसे विषयों पर भी चर्चा की गई है। “विज़न टू विक्ट्री” न केवल व्यावसायिक मार्गदर्शन है, बल्कि एक प्रेरणादायक संसाधन भी है। यह पुस्तक एसएमई क्षेत्र के प्रति ठाकुर की प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जो उद्यमियों, व्यवसायी नेताओं और नीति निर्माताओं के लिए प्रेरणादायक और आवश्यक है।
अजय ठाकुर, TGI SME Capital Advisors LLP के सीईओ और मैनेजिंग पार्टनर हैं, जिनके पास पूंजी बाजार में 30 से अधिक वर्षों का अनुभव है। बीएसई (BSE में एसएमई (SME) और स्टार्टअप पहलों के पूर्व प्रमुख के रूप में, उन्होंने भारत के पहले एसएमई और स्टार्टअप प्लेटफार्म की लॉन्चिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे 1,000 से अधिक कम्पनियो ने लगभग ₹18,000 करोड़ जुटाए। उनके समर्पण और नेतृत्व के लिए उन्हें कई पुरस्कार प्राप्त हुए हैं, जैसे भारतीय आर्थिक फोरम पुरस्कार, दादासाहेब फाल्के उत्कृष्टता पुरस्कार और निवेशकों महासंघ से लाइफ अचीवमेंट अवार्ड। वह कई अन्य विभिन्न प्रमुख पदों पर भी अपनी भूमिका में हैं, जैसे इंडियन मर्चेंट चैम्बर्स में बैंकिंग, वित्त और कार्यकारी समिति के सदस्य, इंडिया एसएमई फोरम के जूरी सदस्य और इंडिया सीड फंड के निवेश समिति के सदस्य। उनका करियर 1994 में स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में एक्सेक्यूटिव के रूप में शुरू हुआ। इसके बाद वे वडोदरा स्टॉक एक्सचेंज में मैनेजमेंट एग्जीक्यूटिव बने, जहां उन्होंने बाजार संचालन और क्लियरिंग हाउस का गहन ज्ञान प्राप्त किया। बीएसई में उनकी नेतृत्व क्षमता ने एसएमई और स्टार्टअप प्लेटफार्म को सफलतापूर्वक लॉन्च करके छोटे व्यवसायों के लिए वित्तीय परिदृश्य को बदल दिया। उनकी एसएमई क्षेत्र के प्रति निरंतर वकालत भारत की आर्थिक दिशा को आकार देती है, और “Vision to Victory” एसएमई के विकास और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।