लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। विश्व उद्यमिता दिवस के अवसर पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के लखनऊ अंचल द्वारा लघु उद्योग भारती के सहयोग से गोमती नगर स्थित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया परिसर में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) से जुड़े उद्यमियों को बैंक द्वारा उपलब्ध कराई जा रही योजनाओं, उत्पादों और सेवाओं की जानकारी प्रदान करना तथा उन्हें बैंकिंग सुविधाओं से अधिकतम लाभान्वित करना था।
कार्यक्रम की अध्यक्षता यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के अंचल प्रमुख राजेश कुमार ने की। उन्होंने अपने संबोधन में एमएसएमई क्षेत्र के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “लघु एवं मध्यम उद्योग आज देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। वर्ष 2014 से अब तक एमएसएमई सेक्टर में 34 करोड़ से अधिक रोजगार सृजित किए जा चुके हैं। भारत के कुल निर्यात में एमएसएमई का योगदान लगभग 45% है और देश की कुल GDP में लगभग 30% हिस्सा एमएसएमई सेक्टर से आता है।”

उन्होंने यह भी कहा कि देश को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में उद्यमियों की अहम भूमिका है। यूनियन बैंक हमेशा से उद्यमियों के साथ खड़ा रहा है और भविष्य में भी विभिन्न योजनाओं एवं वित्तीय सहयोग के माध्यम से उन्हें प्रोत्साहित करता रहेगा।
इस अवसर पर बैंक की ओर से एमएसएमई उत्पादों की विस्तृत प्रस्तुति दी गई। जिसमें ऋण योजनाएँ, कार्यशील पूंजी, टर्म लोन, स्टार्टअप, कोलेट्रल फ्री ऋण और महिला उद्यमियों के लिए विशेष योजनाएँ शामिल थीं। बैंक के अधिकारियों ने यह भी बताया कि कैसे उद्यमी डिजिटलीकरण के माध्यम से आसानी से इन योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं।
लघु उद्योग भारती की ओर से प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र सिंह, राज्य उपाध्यक्ष रीता मित्तल एवं लखनऊ इकाई अध्यक्ष केशव माथुर विशेष अतिथि के रूप मे उपस्थित रहे और अपने विचार साझा किए। उन्होंने यूनियन बैंक द्वारा किए जा रहे इस पहल की सराहना की और कहा कि इससे लघु उद्योग भारती से जुड़े हजारों उद्यमियों को सीधा लाभ मिलेगा। संगठन के कई वरिष्ठ सदस्यों और नव उद्यमियों ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया।
लघु उद्योग भारती के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र सिंह ने कहा कि पूंजी की आवश्यकता और उद्योग की प्रगति देश को स्वाबलंबी बनाती है। चाइना की अर्थ व्यवस्था सरकार द्वारा पोषित है जबकि भारत की अर्थ व्यवस्था समाज द्वारा पोषित है। पिछले 10 वर्षों में देश तेजी से तरक्की की ओर बढ़ा है। ट्रेडिंग और मैनुफैक्चरिंग में अंतर है।
उन्होंने कहा कि जब MSME विकट दौर से गुजर रहा होता है उस उक्त उद्यमी को बैंक के सहयोग की जरूरत होती है।
यूनियन बैंक के उपमहाप्रबंधक प्रदीप कुमार अवस्थी एवं प्यारे लाल, लखनऊ नॉर्थ क्षेत्र प्रमुख मार्कण्डेय यादव, लखनऊ साउथ क्षेत्र प्रमुख हिमांशु मिश्रा तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम को विशेष महत्व प्रदान किया। कार्यक्रम के दौरान उद्यमियों और बैंक अधिकारियों के बीच प्रत्यक्ष संवाद हुआ, जिसमें उद्यमियों ने अपनी चुनौतियाँ साझा कीं और बैंक अधिकारियों ने उनके समाधान प्रस्तुत किए।
इस आयोजन को अत्यंत सफल बताया गया। उपस्थित उद्यमियों ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से बैंक और उद्योगों के बीच बेहतर तालमेल बनता है और वित्तीय सहायता तक पहुँच आसान होती है। इससे न केवल मौजूदा उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा बल्कि नए उद्यमियों को भी व्यवसाय शुरू करने और आगे बढ़ने में सहायता होगी।
कार्यक्रम के अंत में यह विश्वास व्यक्त किया गया कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और लघु उद्योग भारती के बीच यह साझेदारी भविष्य में और मजबूत होगी तथा इससे प्रदेश के एमएसएमई सेक्टर को नई दिशा और गति मिलेगी।
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