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सुगंधित फसलों को उनके मूल्य संवर्धन और बाजार के लिए खेती करने की आवश्यकता


तीसरे फिक्की इंटरनेशनल फ्रेगरेंस बिजनेस समिट 2024 का उद्घाटन सीएसआईआर-सीमैप में स्थायी प्रथाओं और उपभोक्ता संरक्षण के लिए वैश्विक मानकों के सामंजस्य के माध्यम से भारतीय सुगंध उद्योग के लिए उभरते अवसरों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए किया गया

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने सीएसआईआर “वन वीक वन थीम” पहल के तहत सीएसआईआर-सीमैप, में एक दिवसीय तीसरे अंतर्राष्ट्रीय सुगंध शिखर सम्मेलन 2024 का आयोजन किया। यह पहल सीएसआईआर-सीमैप, लखनऊ के सहयोग से आयोजित की जा रही है। जो एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) और उद्योग भागीदारों, इंटरनेशनल फ्रेगरेंस एसोसिएशन (आईएफआरए), अल्ट्रा इंटरनेशनल लिमिटेड और इटरनिस फाइन केमिकल्स लिमिटेड द्वारा समर्थित है।


शिखर सम्मेलन के दौरान चर्चा के प्रमुख विषय सतत विकास प्रथाओं और नवाचार के माध्यम से आर्थिक विकास को बढ़ाना एवं भारत के उभरते सुगंध बाजार के लिए अवसर, कौशल विकास और सामंजस्य सुगंध सुरक्षा उपभोक्ता संरक्षण के लिए वैश्विक मानकों का निर्माण। सुगंध क्षेत्र में नवीनतम रुझानों, प्रौद्योगिकियों और नवाचारों का पता लगाने के लिए उद्योग के नेताओं, विशेषज्ञों और उत्साही लोगों को एक साथ लाना।


सीएसआईआर-सीमैप के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने प्रतिनिधियों का स्वागत किया और संस्थान की अनुसंधान गतिविधियों के बारे में दर्शकों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एरोमा मिशन के तहत सीएसआईआर-सीमैप ने एक टिकाऊ क्लस्टर मॉडल विकसित किया है। जहां सीमैप ने अपने प्रौद्योगिकियों को लागू किया और जिसे उद्योग के सहयोग से पूरे देश में लागू किया जा सकता है।


उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुख्य सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी थे। उन्होने जोर देकर कहा कि भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए, कृषि पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। विशेष रूप से सुगंधित फसलों को उनके मूल्य संवर्धन और बाजार के लिए खेती करने की आवश्यकता है। उन्होंने किसानों तक प्रौद्योगिकी पहुंचाने और उनकी आय बढ़ाने में सीएसआईआर-सीमैप के विशिष्ट प्रयासों की सराहना की।


फिक्की और आईएफआरए, सीएसआईआर-सीमैप और हरकोर्ट बटलर तकनीकी विश्वविद्यालय, कानपुर के बीच समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया गया। इस अवसर पर तीन प्रौद्योगिकियां उद्योग को हस्तांतरित किया गया।
हरित प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए गेंदे के फूलों से ल्यूटिन के उत्पादन की तकनीकी मैसर्स कोरोमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड, सिकंदराबाद, तेलंगाना; मैसर्स यौवनचक्र प्राइवेट लिमिटेड, जयपुर, राजस्थान को मच्छर लार्वानाशक के लिए पॉलीमरिक बीड्स प्रौद्योगिकी तथा मैसर्स व्योम टेक्नोलॉजीज को ग्रीन टी प्रौद्योगिकी का उत्पादन। इस अवसर पर सस्टेनेबल एरोमा क्लस्टर की एक लघु फिल्म भी जारी की गई।