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हौसले के आगे उम्र व बीमारी ने भी टेके घुटने, किया मतदान

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लखनऊ (शम्भू शरण वर्मा/टेलीस्कोप टुडे)। कोई बैशाखी और व्हील चेयर के सहारे पहुंचा तो कोई स्टिक व परिजनों के सहारे। यदि हौसले बुलंद हो तो गंभीर बीमारी और दिव्यांगता भी कोई मायने नहीं रखती है। लोकतंत्र के महापर्व में सोमवार को ऐसा ही नजारा देखने को मिला और जहां मतदान को लेकर बुजुर्गों में भी कम उत्साह नहीं था। मतदान केन्दों पर पहुंचे बुजुर्गों के उत्साह को देख सभी ने उनकी हौसला अफजाही की। उन्होंने कहाकि राष्ट्रहित में मतदान करना सभी का कर्तव्य है और सभी चुनावों में वह अपना कर्तव्य निभाना नहीं भूलते है।

92 वर्षीय जेके श्रीवास्तव ने हार्ट की बीमारी से पीड़ित पत्नी 86 वर्षीय प्रेमा श्रीवास्तव व परिवार संग सुबह IET मतदान केंद्र जानकीपुरम पहुंचकर मतदान कर मिसाल पेश की। आजादी के बाद से अब तक सभी चुनावों में वह अपनी जिम्मेदारी निभाते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रातः 5 बजे ही उन्होंने परिवार में सभी को जगा दिया था जिससे “पहले मतदान फिर जलपान” की जिम्मेदारी निभा सके। उनके पुत्र प्रतुल श्रीवास्तव व बहु बीना श्रीवास्तव ने कहाकि मजबूत लोकतंत्र के लिए मताधिकार हम सभी का अधिकार है। उन्होंने सुशासन, राष्ट्रहित व सुरक्षा के मुद्दे पर वोट किया। 

सृष्टि अपार्टमेंट निवासी 80 वर्षीय विनोद कुमार दीक्षित ने सरगम अपार्टमेंट में बने मतदान केंद्र पर सबसे पहले मतदान कर अपनी जिम्मेदारी निभाई। उन्होंने कहा कि हर भारतीय नागरिक का कर्तव्य है क्योंकि इससे लोकतंत्र मजबूत होता है। एक बेटा जब अपने पिता का ख्याल रख सकता है तो सभी बेटों का फर्ज है कि अपनी जिम्मेदारी निभाकर वह भारत माता का ख्याल रखे।

आईईटी आदर्श मतदान केंद्र पर अपने पुत्र अरविंद कुमार सिंह के साथ स्टिक के सहारे मतदान करने पहुंचे 76 वर्षीय महेश नारायण सिंह ने देश की रक्षा, सुरक्षा को अहम बताया। उन्होंने कहाकि सुरक्षित लोकतंत्र के लिए मतदान करना सभी का कर्तव्य है। 

 लखनऊ पूर्वी विधानसभा क्षेत्र के विकास नगर में कैरियर कॉन्वेंट गर्ल्स पीजी कॉलेज में बीच दोपहर अपनी पुत्री अनुपमा एंथोनी के साथ स्टिक के सहारे पहुंचकर 70 वर्षीय प्रोमिला एंथोनी ने भी अपना कर्तव्य निभाया। उन्होंने मंहगाई, स्वच्छता, युवाओं को रोजगार व शिक्षा के मुद्दे पर मतदान किया। वहीं उनकी बेटी अनुपमा एंथोनी ने महिला सुरक्षा, सुशासन को मुद्दा बताया।

जनेश्वर इंक्लेव कुर्सी रोड निवासी 41 वर्षीय गगनदीप सहगल के दाएं पैर के घुटने में करीब 20 दिन पहले फ्रेक्चर हो गया था। 10 दिन पहले उनके घुटने का ऑपरेशन करना पड़ा। बावजूद उसके सोमवार को गगनदीप सरगम अपार्टमेंट मतदान केंद्र पहुंचकर अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन किया। उन्होंने कहाकि लोकतंत्र के महापर्व में आहुति डालना बहुत बड़ा धर्म है। देश के भविष्य, विकसित भारत, शिक्षित भारत के लिए सभी को मतदान करना चाहिये।