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फागोत्सव : “फागुन मा होरी खेलें गणपति देवा…”

उड़ा गुलाल, खेली फूलों की होली

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। फागोत्सव श्रृंखला के तहत लोक संस्कृति शोध संस्थान की होली बैठकी में फूलों की होली खेली गयी। सोमवार को जानकीपुरम के सेक्टर एच स्थित पुनर्नवा परिसर में ढोलक की थाप और मंजीरे के साथ पारम्परिक गीत संगीत के बीच एक-दूसरे को गुलाल लगाकर फाग की खुशियां साझा हुईं।

बैठकी का शुभारम्भ लोक गायिका रीता पाण्डेय ने “फागुन मा होरी खेलें गणपति देवा…” से किया। इसके बाद “रंग डारो न कान्हा भीजत चुनरी…”, “होलिया में उड़े रे गुलाल…” जैसे गीत प्रस्तुत किये। मधुलिका श्रीवास्तव ने “होली खेंले रघुवीरा अवध में…”, “होली न खेलूंगी नंदलाल…”, “रंग डार गयो सांवरिया…” सुनाया। आकाशवाणी की गायिका अनीता मिश्रा ने “रंग बरसे श्याम खेंले घर से…”, “अपने अपने झोली में भरके गुलाल रे…”, कुमकुम मिश्रा ने “आज खेलो श्याम संग होली…” तथा “होरी में मेरो लग जायेगी…” सुनाया। नृत्यांगना ज्योति किरन रतन, दिव्या शुक्ला, माधुरी आदि ने होली गीतों पर मनमोहक नृत्य किया। संस्थान की सचिव सुधा द्विवेदी ने बताया कि होरियारों की टीम शहर में अलग अलग स्थानों पर फगुआ गाने निकल पड़ी है।

इस अवसर पर प्रमुख रुप से साहित्यकार व लोक गायिका डा. स्मिता मिश्रा, नीलाक्षी लोक कला कल्याण समिति की अध्यक्ष नीलम वर्मा, राजनारायण वर्मा, सौरभ कमल, शम्भू शरण वर्मा, विद्याभूषण सोनी, उत्कर्ष मिश्रा आदि उपस्थित रहे।