रवीन्द्रालय चारबाग में लखनऊ पुस्तक मेले का चौथा दिन
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। रवीन्द्रालय लॉन चारबाग में चल रहे लखनऊ पुस्तक मेला के चौथे दिन विमोचन और चर्चाओं का दौर जारी रहा। पाण्डाल में आज भी साहित्य व पुस्तक प्रेमियों के बीच बच्चों की किताबों की विशेष चर्चा चली तो मेले के स्टालों पर ख्याति प्राप्त रचनाकारों की किताबों की बिक्री चलती रही।
मेले में बच्चों की किताबों के संग स्कूलों में इस्तेमाल होने वाली सामग्री भी बड़ी मात्रा में और नये ढंग की दिखायी दे रही है। स्टाल धारक अभिनव छाबड़ा ने बताया कि उनके स्टाल पर प्रतिष्ठित रचनाकारों की युगांधार, मृत्युंजय, राग दरबारी, देवदास, गुनाहों के देवता, चित्रलेखा, कनुप्रिया जैसी बहुत सी किताबें फिर से मंगानी पड़ी हैं। मेले के सुभाष बुक स्टोर में राजकमल, वाणी, राजपाल, ज्ञानपीठ जैसे प्रमुख प्रकाशकों की किताबें हैं। मेले में कुमार विश्वास के संपादन में निकली जान एलिया की शायरी की किताब यानी, अमरेश द्विवेदी की रंग पुटुसिया और यतीन्द्र मिश्र की किताब गुलजार साहब : हजार राहें मुड़ के देखीं… जैसी पुस्तकें खूब पसंद की जा रही हैं। आम तौर पर मेले में हर पुस्तक पर 10 प्रतिशत छूट है, पर यहां सभी किताबों पर 20 प्रतिशत छूट मिल रही है।
साहित्यिक मंच पर आज किन्नरों पर महत्वपूर्ण साहित्य रच चुके लेखक महेंद्र भीष्म की एक और औपन्यासिक पुस्तक बैरी पर सार्थक चर्चा हुई। इस मौके पर महेंद्र भीष्म के पिता बृजमोहन अवस्थी की पर्यटन पर आधारित पुस्तक बुन्देलखण्ड का सेनापति का विमोचन भी हुआ। साहित्य आराधन की ओर से कृष्णेश्वर डींगर के जन्मदिवस पर अलका प्रमोद के बाल कहानी संग्रह ’चाँद पर क्रिकेट’ व ’महँगी पड़ी शरारत’ के संग बाल काव्य संग्रह ’चहकता बचपन’ का विमोचन इतिहासविद रवि भट्ट, महिला डिग्री कॉलेज की सीनियर असि.प्रोफेसर डा.रश्मि श्रीवास्तव, साहित्यकार श्रीमती स्नेहलता, श्रीमती नीलम राकेश, प्रमोद कुमार पाण्डेय और डा. अमिता दुबे के रचनाओं पर विचार रखने के साथ हुआ।
’नवसृजन’ साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, लखनऊ के तत्वावधान में वरिष्ठ साहित्यकार कन्हैयालाल के सद्य प्रकाशित महाकाव्य विकर्ण महान का लोकार्पण समारोह प्रो. वीजी गोस्वामी, प्रो. उषा सिन्हा, डा. सुल्तान शाकिर हाशमी, ओम् नीरव और अशोक पाण्डेय ’अशोक’ जैसे अतिथियों ने किया। डा. योगेश के संचालन में वक्ताओं ने कहाकि महाभारत के विकर्ण पात्र पर पहली बार महाकाव्य लिखा गया। डा. सत्यदेव प्रसाद पथिक ने इसे एक श्रेष्ठ महाकाव्य बताया। प्रो. उषा सिन्हा ने कहा कि “विकर्ण के बारे में कम लोगों को ज्ञात था। दुर्योधन के छोटे भाई होते हुए भी विकर्ण ने द्रोपदी चीरहरण का बहुत विरोध किया था। दुर्योधन के प्रत्येक गलत काम का वे विरोध करते रहे, किन्तु उन्हें बालक मानकर ध्यान नहीं दिया गया। डा. वीजी गोस्वामी ने पुस्तक को एक असाधारण कृति बताते हुए कहा कि बहुत ही सरल और सरस भाषा में लिखा गया है जो जन सामान्य के समझने योग्य है। इसी क्रम में प्रगतिशील मानव कल्याण शिक्षण संस्थान के आयोजित गोष्ठी एवं सम्मान अभिनंदन समारोह में डा.राधा बिष्ट जी को काव्य संग्रह काव्य झरना के लिए नागरिक अभिनंदन किया गया।
इसके उपरांत काव्य गोष्ठी के साथ ही साहित्य जगत में प्रिंट मीडिया के योगदान पर चर्चा हुई। वरिष्ठ अभिकर्ता राजकुमार छाबड़ा, शिखा पटेल, विक्रम बिष्ट, रजनीश डोबरियाल सहित पत्र प्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया। यहां सत्या सिंह, नंदन सिंह बोरा, दीवान सिंह अधिकारी, पारसनाथ श्रीवास्तव, बीबी पांडे, वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र गौतम, ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, पियूष द्रिवेदी, कविता जोशी नयाल, मधु पाठक, हेमा डोबरियाल, अरुण श्रीवास्तव, बिमला श्रीवास्तव, दिनेश सिंह बिष्ट, मधु पाठक मांझी सहित भारी संख्या में कवि उपस्थित थे। निःशुल्क प्रवेश वाले मेले में हर किताब पर कम से कम 10 प्रतिशत की छूट मिल रही है। यह मेला फोर्स वन बुक्स के साथ विश्वम फाउण्डेशन, ओरिजिन्स, ट्रेड मित्र और ज्वाइन हैण्ड्स फाउण्डेशन आदि के सहयोग से हो रहा है।
विधानसभाध्यक्ष होंगे यहां सात को किताबों के बीच
संयोजक मनोज चंदेल ने बताया कि प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना लखनऊ पुस्तक मेले में सात मार्च को पुस्तकों का लोकार्पण करेंगे। मेला मंच पर वे रचनाकार डा. मनीष शुक्ल की पुस्तक प्रोफेसर माँ के लाल, वरिष्ठ पत्रकार श्रीधर अग्निहोत्री की किताब भुला न देना के साथ ही रश्मि कौशल की किताब महाशून्य का विमोचन करेंगे। इस मौके पर डा. अमिता दुबे, प्रो. सौरभ मालवीय, बालेंदु द्विवेदी, अलका प्रमोद व रेखा बोरा की उपस्थिति में काव्य समारोह होगा।
06 मार्च के कार्यक्रम
पूर्वाह्न 11 बजे युवाओं के कार्यक्रम
अपराह्न 2 बजे कविता लोक का काव्य समारोह व समस्या पूर्ति कार्यक्रम
शाम 5 बजे आप्टिकुम्भ द्वारा नेत्र जागरूकता व सम्मान समारोह
शाम 6ः30 बजे नव सहानुभूति की ओर से काव्य गोष्ठी