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उपमा : धूमधाम से मनाया गया 10वां स्थापना दिवस, इन विषयों पर गंभीरता से हुई चर्चा

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। माइक्रो फाइनैन्स एसोसिएशन ऑफ उत्तर प्रदेश (उपमा) द्वारा लखनऊ के स्थानीय होटल में माइक्रो फाइनेंस संस्थाओं का भव्य वार्षिक अधिवेशन आयोजित किया गया। अधिवेशन का मुख्य विषय “माइक्रो फाइनेंस द्वारा उत्तर प्रदेश की एक खरब डॉलर अर्थ व्यवस्था (वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी) मे अपना योगदान सुनिश्चित करना” था। 

मुख्य अतिथि कुँवर ब्रजेश सिंह (राज्य मंत्री लोक निर्माण विभाग उत्तर प्रदेश सरकार) ने वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये अधिवेशन का उद्घाटन किया। उन्होंने माइक्रो फाइनेंस संस्थाओं द्वारा दिए जा रहे सहयोग और उनके योगदान द्वारा महिलाओं के जीवन स्तर में हो रहे सुधार पर प्रसन्नता जताते हुए कहाकि उपमा संस्था ने एक ऐसे महत्वपूर्ण विषय पर सम्मलेन आयोजित किया है जो कि  राज्य सरकार कि पहली प्राथमिकता है।

विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश शासन के वरिष्ठ लोकसेवक रहे नवनीत सहगल ने कहाकि सम्मलेन में परिचर्चा के उपरांत एक ऐसी कार्य योजना बनेगी जो राज्य के विकास मे सहयोगी होगी तथा एक खरब डॉलर अर्थ व्यवस्था के लक्ष्य को पूर्ण करने में एक अहम् भूमिका निभायेगी। 

मुख्य वक्ता एचआर खान (पूर्व डिप्टी गवर्नर भारतीय रिजर्व बैंक) ने बताया कि रिजर्व बैंक के नए नियमों से माइक्रो फाइनैन्स के क्षेत्र में कार्य कर रही संस्थाओं को अपने ऋण पोर्टफोलियो को बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही अपने ग्राहकों को और अधिक राशि ऋण के रूप मे उपलब्ध करा सकेंगी। उन्होंने कहाकि किस तरह से माइक्रो फाइनांस राज्य की अर्थ व्यवस्था में तथा ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार सृजन कर बेरोजगारी की समस्या को दूर करने मे सहयोग प्रदान कर सकता है।

इस अवसर पर सिडबी के डीएमडी प्रकाश कुमार और आरबीआई के रीजनल डायरेक्टर डॉ. बालू केनचप्पा ने भी अपने अपने विचार रखे। सिडबी के तहत नाबार्ड माइक्रो फाइनैन्स संस्थाओं को समाज के कमजोर वर्ग के लिए रोज़गार परक ऋण उपलब्ध करने मे आर्थिक मदद करता है।

उपमा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर सिन्हा ने बताया कि माइक्रोफाइनेंस जिसे माइक्रो क्रेडिट भी कहा जाता है, एक प्रकार की बैंकिंग सेवा है जो कम आय वाले व्यक्तियों या समूहों को प्रदान की जाती है। माइक्रो फाइनैन्स एसोसिएशन ऑफ उत्तर प्रदेश (उपमा) प्रदेश में माइक्रो फाइनेंस के क्षेत्र में कार्यरत लगभग 30 संस्थाओं का एक संगठन है जो माइक्रो फाइनेंस संस्थाओं को क्षमता संवर्धन प्रशिक्षण तथा पॉलिसी एडवोकेसी में मदद करता है। संस्था प्रति वर्ष अपना वार्षिक सम्मेलन आयोजित करती है, संस्था इस वर्ष अपनी स्थापना के दस वर्ष पूरी कर रही है जब कि यह इसका छठवां अधिवेशन है। 

उन्होंने बताया कि आज क्रिकेट टीम के विजेताओं को ट्रॉफी तथा क्विज कम्पटीशन के विजेताओं को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। समारोह में तीन सत्रों के दौरान विभिन्न विषयों जैसे माइक्रो फाइनेंस का राज्य की एक खरब डॉलर अर्थव्ययवस्था मे हिस्सेदारी, व्यक्तिगत डाटा प्रोटेक्शन ऐक्ट के तहत माइक्रो फाइनेंस संस्थाओं की तैयारी और माइक्रो फाइनेंस एक सामाजिक उपयोगिता पर परिचर्चा हुई। परिचर्चा में मुंबई से आए जना बैंक के सलाहकार तमाल बंद्योपाध्याय, एक्वीफाक्स (Equifax) के पूर्व एमडी केएम ननैयाह, उत्कर्ष बैंक के एमडी गोविंद सिंह, सोनाटा फाइनेंस के एमडी अनूप सिंह, सत्या माइक्रो कैपिटल के एमडी विवेक तिवारी, एएसए इंटरनेशनल के सीईओ अंजन दास गुप्ता तथा पहल फाइनेंस की एमडी पूर्वी भवसार ने भाग लिया। इस अवसर पर विभिन्न कंपनियों से आए हुए लगभग 250 प्रतिनिधि मौजूद रहे।