लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। लखनऊ विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी एवं तकनीकी संकाय में आयोजित तीन दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन कंप्यूटेशन और साइबर सिक्योरिटी (आईसीसीआईसीएस-2023) का शुभारंभ मंगलवार को दीप प्रज्वलन, सरस्वती वंदना एवं कुल गीत के साथ हुआ।
कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में विशिष्ट अतिथि बीएन रामाकृष्णा (डायरेक्टर, इसरो टेलिमेटरी ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क) एवं लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय का संकाय के डीन प्रोफेसर एके सिंह द्वारा पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया। साथ ही उन्होंने अपने स्वागत उद्दबोधन में छात्रों को बताया कि इस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य क्या है और कैसे यह कॉन्फ्रेंस तकनीकी ज्ञान और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित करने का मंच प्रदान करेगी। उन्होने छात्रों को नई ऊँचाइयों तक पहुँचने के लिए उत्साहित किया और उन्हें आत्म-निर्भर बनने के लिए प्रेरित किया।
कॉन्फ्रेंस के विशिष्ट अतिथि बीएन रामाकृष्णा ने अपने उद्बोधन में छात्रों को कंप्यूटेशनल इंटेलीजेंस की महत्वता के बारे में अवगत कराया। उन्होंने बताया कि कैसे कंप्यूटेशनल इंटेलीजेंस ने चंद्रयान 3 मिशन में प्रयोग हुए विक्रम लैंडर की सफल लैंडिंग में योगदान दिया।

कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने कंप्यूटेशनल इंटेलिजेंस, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में हो रही नवीनतम विकासों पर प्रकाश डाला तथा इंटेलिजेंस एवं इंफार्मेशन जैसे टेक्निकल शब्दों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने सुस्पष्ट तरीके से समझाया कि यह कॉन्फ्रेंस हमारे जीवन को कैसे आकार दे सकती है और आपको, कॉन्फ्रेंस के विभिन्न विषय आपके भविष्य के लक्ष्य को चयन करने में यथोचित मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। कार्यक्रम के पहले दिन का समापन कान्फ्रेंस के कन्वीनर डॉ. सिद्धार्थ सिंह एवं इंजी. जीशान अली सिद्दीकी के धन्यवाद प्रस्ताव एवं राष्ट्रगान के साथ सम्पन्न हुआ।
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