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कैंसर और भ्रूण चिकित्सा के क्षेत्र में हुए नवीनतम अनुसंधान, जांच और उपचार पर की चर्चा

कार्यक्रम शान्या स्कैन्स एंड थेरानोस्टिक्स और न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित हुआ सत्र

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। कैंसर उपचार के क्षेत्र में हुई प्रगति को बेहतर ढंग से समझने के उद्देश्य से शान्या स्कैन्स एंड थेरानोस्टिक्स और न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स ने लखनऊ के द सेंट्रम होटल में चिकित्सा विशेषज्ञों के लिए एक ज्ञानवर्धक सीएमई सत्र का आयोजन किया। कार्यक्रम के दौरान कैंसर और भ्रूण चिकित्सा के क्षेत्र में हुए नवीनतम अनुसंधान, जांच और उपचार के क्षेत्र में हुई प्रगति पर विस्तार से चर्चा की गई।

विशेषज्ञों द्वारा दिए गए कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों में न्यूक्लियर मेडिसिन में प्रगति, ऑन्कोलॉजी में अग्नोस्टिक इलाज की मंजूरी और पित्त नली के कैंसर में एनजीएस की भूमिका आदि शामिल रहे।

शान्या स्कैन एंड थेरानोस्टिक्स के डायरेक्टर और हेड डॉ. नरवेश कुमार ने कहा, “सीएमई में शीर्ष व अनुभवी डॉक्टर्स का एक विशिष्ट समूह उपस्थित था, जिन्होंने अपने बहुमूल्य अनुभव के आधार पर जानकारी और नवीनतम शोध के नतीजे साझा किए। जिसमें सीएमई के प्रतिभागियों को रोगियों की देखभाल को बेहतर करने और कैंसर के उपचार, भ्रूण चिकित्सा और स्त्री रोगो में सुधार करने के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान की है।

न्यूबर्ग ऑन्कोपैथ के प्रेसिडेंट और हेड डॉ. जय मेहता ने कहा, “हमारा संगठन रिसर्च-आधारित दृष्टिकोण से प्रेरित है जो हमें ज्यादा से ज्यादा जीवन बचाने और हमारे ज्ञान को व्यापक बनाने के नए तरीके खोजने में मदद करता है। इस सीएमई के माध्यम से, कई विशेषज्ञ एक मंच पर एकत्र हुए और अपना अनुभव साझा किया, जिसने निश्चित रूप से सभी के ज्ञान में वृद्धि की है।

एसजीपीजीआई लखनऊ के मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. सत्य सारंगी ने कहा, “सीएमई एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम रहा। वर्तमान में चिकित्सा शिक्षा बहुत गतिशील है और इसकी बारीकियां समय के साथ आगे बढ़ती रहती हैं। एक शिक्षण पेशेवर के रूप में, मुझे अपने छात्रों को  कैंसर उपचार के क्षेत्र में हुई नई प्रगति और नए ट्रेंड्स के बारे में जानकारी देनी होती है, इस मकसद में सीएमई का मंच बिल्कुल उपयुक्त था।”

टेंडर पाम अस्पताल के डायरेक्टर मेडिकल ऑन्कोलॉजी निदेशक डॉ. सौरभ मिश्रा ने कहा, “देश में कैंसर रोगियों की संख्या बढ़ रही है, इसके साथ ही रोगियों के बेहतर देखभाल के लिए चिकित्सको के ज्ञान में वृद्धि के लिए ऐसे सीएमई सेशन बेहद आवश्यक हो जाते हैं।”