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लंबित मांगों को लेकर उप्र पॉवर कॉर्पोरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ ने किया आंदोलन का ऐलान

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। लंबित मांगों को लेकर उप्र पॉवर कॉर्पोरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ ने 7 चरणों में आंदोलन का ऐलान किया है। संगठन के अध्यक्ष मो. खालिद व महामंत्री देवेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि पहले चरण में 16 अक्टूबर को बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों द्वारा अपने-अपने कार्य स्थल पर काला फीता बांधकर निर्धारित समय से 1 घण्टा अधिक कार्य किया जायेगा। दूसरे चरण में 20 अक्टूबर को अधीक्षण अभियन्ताओं के माध्यम से अध्यक्ष उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन को ज्ञापन दिया जायेगा। तीसरे चरण में 21 से 30 अक्टूबर तक जनप्रतिनिधियों के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा जायेगा। चौथे चरण में 25 अक्टूबर को जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया जायेगा। पाँचवें चरण में 30 अक्टूबर को जिला मुख्यालयों, बिजली कार्यालयों, विद्युत उपकेन्द्रो आदि पर कैन्डिल मार्च निकाला जायेगा। छठे चरण में 06 नवम्बर को ईको गार्डेन आलमबाग में महापंचायत होगी। जिसमें प्रदेश के भिन्न-भिन्न जनपदों से चलकर आये बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों द्वारा भाग लिया जायेगा। इससे भी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो सातवें चरण में 7 नवंबर से ईको गार्डन में अनिश्चित कालीन धरना शुरू कर दिया जायेगा।

रविवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में अध्यक्ष व महामंत्री ने बताया कि उत्तर पावर कार्पोरेशन द्वारा वर्ष 2000 से नियमित प्रकार के कार्यों को मस्टररोल व्यवस्था के तहत कर्मचारियों को तैनात कर कार्य कराने के स्थान पर आउटसोर्सिंग के माध्यम से कर्मचारियों की तैनाती कर कार्य कराया जा रहा है। आउटसोर्सिंग के माध्यम से तैनात कर्मचारियों से लेबर का अनुबन्ध कर लाइनमैन उपकेन्द्र परिचालक, कम्प्यूटर आपरेटिंग आदि तकनीकी एवं घातक कार्यों को कराया जा रहा है। मानक से कम कर्मचारियों की तैनाती कर सुरक्षा उपकरण दिये बगैर दबाव बनाकर कार्य कराने से कर्मचारियों की मृत्यु हो रही है। बार-बार मांग करने के बावजूद भी ईपीएफ घोटाले की जाँच नहीं करायी जा रही है।

उन्होंने कहा कि ज्वलन्त समस्याओं के खिलाफ आवाज उठाने के कारण मार्च 2023 में आन्दोलन के नाम पर तथा अप्रैल 2023 में उपकेन्द्र परिचालक सहायक के नाम पर काफी संख्या में कर्मचारियों को कार्य से हटा दिया गया। संघ द्वारा पिछले कई वर्षो से मांग की जा रही है कि आउटसोर्सिग के माध्यम से कार्य कर रहे कर्मचारियों को मस्टररोल व्यवस्था के तहत समायोजित कर कार्य कराया जाये। जब तक मस्टरोल व्यवस्था के तहत कर्मचारियों को समायोजित नहीं किया जाता तब तक लेबर का अनुबन्ध करने के स्थान पर कार्य के अनुरूप अनुबन्ध किया जाये, वेतन रूपया 18,000/- निर्धारित कर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा समय समय पर दिये जाने वाले हित लाभों को दिया जाये। सैनिक कल्याण निगम से तैनात कर्मचारियों की भाँति वेतन का भुगतान किया जाये या समान कार्य का समान वेतन दिया जाये। दुर्घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने हेतु मानक के अनुरूप कर्मचारियों की तैनाती की जाये व सुरक्षा उपकरण दिया जाये। कार्य के दौरान बिजली की चपेट में आने, खंभे से नीचे गिर जाने या किसी अन्य कारण से घायल कर्मचारियों का कैशलेश उचार कराया जाये। घायल कर्मचारियों द्वारा उपचार में व्यय की गई धनराशि को संविदाकारों के बिल से काट कर दिया जाये, मृतक कर्मचारियों के परिजनों को रू० 10,00,000/- दुर्घटना हित लाभ देते हुए परिवार के किसी एक सदस्य को कार्य पर लिया जाये। मार्च 2023 में आन्दोलन के नाम पर तथा अप्रैल 2023 में संविदा उपकेन्द्र परिचालक के नाम पर हटाये गये कर्मचारियों को कार्य पर वापस लिया जाये, ईपीएफ घोटाले की जाँच करायी जाये।

उन्होंने कहा कि मेसर्स ओरियन सिक्योरिटी सल्यूशन प्रालि नई दिल्ली व मेसर्स विद्युत मजदूर कल्याण समिति हमीरपुर द्वारा ईपीएफ में किये गये घोटाले की रकम को वसूल कर कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते में जमा कराया जाये। कर्मचारियों को बिजली का विभागीय कनेक्शन तथा मोबाइल व पेट्रोल भत्ता दिया जाये। महिला कर्मचारियों को मातृत्व अवकाश दिया जाये। उन्होंने बताया कि संघ द्वारा पावर कार्पोरेशन प्रबन्धन का ध्यान आउटसोर्स कर्मचारियों की समस्याओं की तरफ आकृष्ट करने हेतु 7 चरणों में ध्यान आकर्षण कार्यक्रम करने का निर्णय लिया गया है।