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शमीम निखत फिक्शन अवार्ड से नवाजे गए प्रो. गज़ऩफऱ अली

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। शुआ फातिमा एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित शमीम निखत फिक्शन अवार्ड एवं मेमोरियल लेक्चर समारोह कैफी आजमी अकादमी में आयोजित किया गया। जिसमें जस्टिस क़मर हसन रिज़वी और कोलकाता मासिक पत्रिका सोहेल के प्रबंध निदेशक जमील मंजर ने मुख्य अतिथि के रूप में जबकि डॉ. अम्मार रिज़वी ने विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एरा मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. अब्बास अली मेहदी और संचालन प्रो.अब्बास रजा नायर ने किया। प्रो. गज़ऩफऱ अली को इस वर्ष का शमीम निखत फिक्शन पुरस्कार प्रदान करते हुए न्यायमूर्ति ने प्रो.शमीम निखत को याद किया और कहा कि एक अच्छा शिक्षक इस दुनिया को छोडऩे के बाद भी शैक्षिक प्रचार की व्यवस्था करने के लिए जाना जाता है। शमीम निखत के नाम पर पिछले 8 वर्षों से यह पुरस्कार दिया जा रहा है, यह आज के शिक्षकों के लिए एक मिसाल है। इस अवसर पर प्रो. गज़ऩफऱ ने शमीम निकहत का एक संक्षिप्त रेखाचित्र पढ़ा। प्रो.अब्बास अली मेहदी ने अध्यक्षीय भाषण देते हुए कहा कि यह बहुत बड़ी बात है कि यह ट्रस्ट लंबे समय से सेवाएं कर रहा है और नई पीढ़ी में लेखन की भावना को बढ़ावा दे रहा है। पुरस्कार पाने वालों में दूसरा नाम वरिष्ठ पत्रकार अहमद इब्राहिम अलवी का था, जिन्हें जमील मंजऱ ने वकार मेहदी रिज़वी सहाफत अवार्ड प्रदान किया और वकार रिज़वी की पत्रकारिता सेवाओं को याद किया। उन्होंने कहा कि मैं इस ट्रस्ट को लंबे समय से जानता हूं, शिक्षा और साहित्य के उत्थन सिलसिले में जितना काम डॉ. शरब रुदौलवी ने शमीम निकहम की याद में किया है वह इतिहास का हिस्सा है। कार्यक्रम की सराहना करते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व कार्यवाहक मुख्यमंत्री डॉ. अमर रिज़वी ने कहा कि दोनों पुरस्कार उन हस्तियों से जुड़े हैं जिन्हें मैं व्यक्तिगत रूप से जानता हूं और शमीम निकहत और वकार रिज़वी दोनों अच्छे सामाजिक कार्यकर्ता थे और यह पुरस्कार उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि है। इस अवसर पर कोलकाता से आए जमील मंजऱ को उनकी पत्रकारिता, सामाजिक और साहित्यिक सेवाओं के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट मिनट अवार्ड प्रदान किया गया। शमीम निकहत मेमोरियल व्याख्यान में करामत हुसैन मुस्लिम गर्ल्स पीजी कॉलेज की पूर्व प्राचार्य डॉ. सबीहा अनवर ने आधुनिक महिला कहानीकारों में नारीत्व की प्रकृति शीर्षक के तहत महिला उपन्यासकारों और कथा लेखकों की वर्तमान स्थिति का वर्णन किया। 

कार्यक्रम के आरंभ में विशिष्ट अतिथियों का स्वागत गुलदस्ता भेंट कर किया गया। ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रो. शरब रुदौलवी ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि आज इस हॉल में इतने महत्वपूर्ण लोगों को देखकर मुझे गर्व महसूस हो रहा है। शमीम निखत के छात्रों में प्रो. मुहम्मद काजिम, प्रो. खान अहमद फारूक ने भी अपने विचार व्यक्त कर श्रद्धांजलि अर्पित की। गौरतलब है कि मौजूदा पीढ़ी में लेखन क्षमता को बढ़ावा देने के लिए यह ट्रस्ट हर साल फिक्शन प्रतियोगिता का आयोजन करता है और इसमें प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर आने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार राशि के साथ-साथ प्रमाणपत्र भी दिया जाता है। इस साल पहला पुरस्कार पीएचडी की छात्रा में मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू विश्वविद्यालय, लखनऊ कैम्पस की फराह जबीन को, दूसरा पुरस्कार लखनऊ विश्वविद्यालय की शाजिय़ा अंसारी को और तीसरा पुरस्कार उसी विश्वविद्यालय की हाशमी फातिमा को दिया गया। जबकि उसी विश्वविद्यालय की छात्रा उल्फत फातिमा की कहानी को एमए श्रेणी में प्रथम पुरस्कार के लिए चुना गया। स्नातक स्तर पर मुमताज पीजी कॉलेज की छात्रा सदफ नूर की कहानी को प्रथम पुरस्कार, करामत हुसैन मुस्लिम गर्ल्स पीजी कॉलेज की छात्रा अनम खान को द्वितीय पुरस्कार और इरम गर्ल्स डिग्री कॉलेज की छात्रा शाजिया अंसारी को तृतीय पुरस्कार मिला।

आपको बता दें कि प्रो. शमीम निकहत दिल्ली विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग से जुड़ी थीं और वहीं से सेवानिवृत्त हुईं और फिर अपने पति प्रो. शारिब रुदौलवी के साथ लखनऊ में शुआ फातिमा एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की। जिसके तहत साहित्यिक और जनकल्याण के अलावा शैक्षिक क्षेत्र शुआ फातिमा गर्ल्स इंटर कॉलेज भी अपनी सेवाएं दे रहा है, जिसमें हजारों बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, विशेषकर जरूरतमंद बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही है। पुरस्कार विजेताओं के साइटेशन को प्रो. रेशमा परवीन ने पढ़ा और शमीम निकहत की छोटी बहन डॉ. यास्मीन अंजुम ने समिति के सदस्य करार असगर जैदी, प्रो. हुसैन असगर काजमी, प्रो. रेशमा परवीन, असीम रजा, शबीब हसनैन, डॉ. मूसा रजा, डॉ. बैरिया ज़हरा और कॉलेज  प्रिंसिपल मीरा त्रिपाठी और स्टाफ शफ़क़त क़मर और राम नरेश यादव सहित सभी लोगो को धन्यवाद दिया। इस कार्यक्रम में प्रो. जमाल नुसरत, प्रो. शबनम रिज़वी, रमेश दीक्षित, डॉ मसीहुद्दीन खान, डॉ परवीन शुजात, परवेज़ मलिकज़ादा, वंदना मिश्रा के अलावा शहर और बाहर से आये अतिथियों एवं प्रमुख हस्तियों ने हिस्सा लिया।