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सेक्टर – “ए” सीतापुर रोड योजना रामलीला : रिहर्सल शुरू, नए कलाकारों को मिलेगा मौका, बेटियां निभाएंगी ये किरदार

– सुनाई पड़ने लगे श्रीराम के जयकारे व संवाद

लखनऊ (शम्भू शरण वर्मा/टेलीस्कोप टुडे)। “हे रानी धन्य तुम्हारा ज्ञान, तुम अपनी ही मांग का करती हो अपमान। सम्मान मांग का रानी जी, पूछों अपनी इन पटियों से…। प्रियतम की प्रिया इसी में हो, भरती हो जिसे मोतियों से…।” सेक्टर-‘ए’ सीतापुर रोड योजना में 20 अक्टूबर से शुरू होने वाले पांच दिवसीय रामलीला के 31वें मंचन के लिये चल रहे रिहर्सल में इन दिनों कुछ ऐसे ही संवाद गुंजायमान हो रहे है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम न केवल आस्था बल्कि भारतीय संस्कृति, सभ्यता व समर्पण के प्रेरणा श्रोत भी हैं। उनके चरित्र को जीवन में उतारने व वर्तमान समय में उनके चरित्र को दिखाने की उत्सुकता कलाकारों में साफ नजर आ रही है। वहीं प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में बन रहे भव्य मंदिर से कलाकारों का उत्साह कई गुना बढ़ गया है। कलाकारों में इस कदर उत्साह है कि पिछले वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष और भी बेहतर मंचन करने की तैयारी कर रहे हैं। 

छमाही परीक्षा की तैयारी संग रिहर्सल कर रहे है बाल कलाकार

रामलीला में किरदार निभाने वाले कई बाल कलाकार ऐसे है जिनमें कुछ की छमाही परीक्षायें चल रही और कुछ की जल्द ही शुरू होने वाली है। ऐसे में वह पढ़ाई के साथ ही रिहर्सल के लिये भी वक्त निकाल रहे है। एक ओर जहां उनके मन में अच्छे अंकों के साथ छमाही परीक्षा में सफलता हासिल करने की चिंता है वहीं रामलीला में अपने किरदार का बखूबी मंचन करने को लेकर भी उत्साह है।

 कई कलाकारों के किरदार में बदलाव

श्रीरामलीला समिति के अध्यक्ष सुरेश तिवारी ने बताया कि इस वर्ष पहली बार रामलीला मंचन में शामिल हुए शिव प्रकाश सिंह जनक का किरदार निभाएंगे। वहीं पिछले वर्षों तक राजा जनक का किरदार निभा रहे निर्देशक उमाशंकर राठौर इस वर्ष केवट, विश्वामित्र का किरदार निभा रहे शाश्वत पाठक इस वर्ष परशुराम और राज सिंह विश्वामित्र के किरदार में नजर आएंगे। जबकि अभय वर्मा कई भूमिकाओं में दिखेंगे, जिसमें ताड़का, कैकेई, सूर्पनखा, जामवंत का किरदार शामिल है।

वहीं पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी सूर्य प्रताप सिंह, सत्यम वर्मा श्रीराम वन गमन तक क्रमशः राम व लक्ष्मण  और उसके पश्चात लक्ष्य मिश्रा, राज सिंह क्रमशः राम व लक्ष्मण का किरदार निभाएंगे। जबकि शौर्य सिंह (माता सीता), निर्देशक जितेंद्र मिश्रा (हनुमान), शांति स्वरूप शुक्ला (अंगद व सुषेण वैध), संजय सिंह (रावण), प्रभाकर तिवारी (राजा दशरथ), हर्ष वर्मा (भरत), अंश मिश्रा (शत्रुघ्न), युवराज सिंह (मेघनाद), भुआल सिंह (वाणासुर) की भूमिका निभाएंगे। वहीं विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी हारमोनियम पर संजय शर्मा व ढोलक पर कलीम अपनी धुन बिखेरते नजर आएंगे।

इसके साथ ही कई नए बाल कलाकारों को भी मौका मिलेगा। बाल कालाकारों में सिद्धार्थ यादव, आर्यन गुप्ता, हेमन्त, शिखर, सिद्धार्थ वर्मा सहित कई बच्चे शामिल हैं। बच्चों में इस कदर उत्साह है कि वह न सिर्फ प्रतिदिन रिहर्सल में आ रहे है बल्कि अपनी प्रतिभा भी दिखा रहे है। 

पुराने के साथ ही नए कलाकारों में भी दिख रहा उत्साह

श्रीरामलीला पार्क में स्थित विश्वनाथ मंदिर परिसर में चल रहे रिहर्सल में ”सच्चे योद्धा सच्चे क्षत्रिय अपमान नहीं सह सकते है, इनको सुनने का ताव नहीं, चुप कैसे रह सकते है…” व ‘‘शिव धनुष तोड़ने वाला भी, कोई शिव प्यारा ही होगा। जिसने ऐसा अपराध किया, वह दास तुम्हारा ही होगा…’’ जैसे संवाद गुंजायमान हो रहे है। रिहर्सल के दौरान पुराने कलाकारों के साथ ही नए कलाकारों के चेहरे पर अपने किरदारों का बखूबी मंचन करने की झलक साफ दिखाई दे रही है।

बेटियां भी निभाएंगी किरदार, देंगी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

रामलीला में जहां कई बाल कलाकारों को राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न व सीता जैसे महत्वपूर्ण किरदार के रूप में अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा। वहीं बेटियां भी मंच पर माता सीता की सखियों का किरदार निभाने के साथ ही प्रतिदिन लोकनृत्य व गायन की प्रस्तुति देंगी। जिसके लिए परी तिवारी, अंशिका, मनु, गुनगुन सिंह, अनन्या, गौरी, अभी शौर्या, खुशी, जानवी प्रतिदिन रिहर्सल कर रहीं हैं।

वरिष्ठ कलाकार भी करते हैं मार्गदर्शन

श्रीरामलीला पार्क में स्थित विश्वनाथ मंदिर परिसर में रात्रि के आठ बजते ही सभी कलाकार एकत्र होकर श्रीगणेश स्तुति के पश्चात रामलीला की रिहर्सल में जुट जाते हैं। निर्देशक उमाशंकर राठौर व जितेंद्र मिश्र प्रतिदिन कलाकारों को मंचन के तौर तरीके और उनके द्वारा किये जाने वाले दृश्यों की बारीकियों को बखूबी समझा रहे हैं। तबला व हारमोनियम पर गीत किस प्रकार से गाना है, एक्टिंग किस प्रकार से करनी है, इसके बारे में कलाकारों को बताया जा रहा है। रामलीला में बहुत से कलाकार ऐसे हैं जिन्हें अपने संवाद पहले से ही याद हैं। फिर भी कलाकार चाहे वरिष्ठ हो या कनिष्ठ अपने तरीके से सभी रिहर्सल कर रहे हैं, जिससे वह बखूबी मंचन कर सके। इस दौरान अगर कनिष्ठ कलाकार से कोई गलती होती है तो वरिष्ठ कलाकार उनका मार्गदर्शन भी करते हैं।

श्री रामलीला कार्यक्रम

20 अक्टूबर- भगवान श्रीगणेशजी की वन्दना, श्रीराम जन्म, ताड़का वध, धनुष यज्ञ, परशुराम लक्ष्मण संवाद।

21 अक्टूबर – श्रीराम, लक्ष्मण, सीताजी की आरती, कैकेयी मंथरा, कैकेयी दशरथ संवाद, राम वन गमन, केवट राम संवाद, दशरथ मरण, भरत मिलाप।

22 अक्टूबर- भगवान शंकर जी की आरती, पंचवटी दृश्य, खरदूषण वध, सीताहरण, जटायु मरण, श्रीराम हनुमान भेंट, सुग्रीव मित्रता, बालि वध।

23 अक्टूबर- मां दुर्गा जी की आरती, सीता की खोज, लंका दहन, विभीषण शरणागति, अंगद का लंका प्रस्थान, राजकुमार वध, अंगद-रावण संवाद, लक्ष्मण शक्ति।

24 अक्टूबर- हनुमान जी की आरती, कुम्भकरण, मेघनाद, अहिरावण व रावण वध, श्रीराम राज्याभिषेक, आरती और पारितोषिक वितरण।

29 अक्टूबर – नगद पुरस्कार वितरण, लेखा जोखा, हवन पूजन व प्रसाद वितरण