– सम्पूर्ण देश का हस्तशिल्प होगा आकर्षण का केन्द्र
– विभिन्न राज्यों के स्टॉल्स संग होगी सरकारी विभागों की सहभागिता
– मुख्य मंच पर होंगी अनेक राज्यों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट एवं प्रगति इवेंट के संयुक्त तत्वावधान में आगामी 30 नवम्बर से 14 दिसम्बर तक 15 दिवसीय ‘प्रगति भारत हस्तशिल्प महोत्सव-2023’ का आयोजन लखनऊ में किया जायेगा। इस बात की जानकारी संस्था के प्रशासनिक कार्यालय बर्लिंग्टन मॉल में सम्पन्न हुई आयोजन समिति की बैठक के उपरान्त प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने दी।
उन्होंने बताया कि प्रगति भारत हस्तशिल्प महोत्सव- 2023 की थीम इस वर्ष ‘आत्म निर्भर भारत की ओर बढ़ते कदम – सम्पूर्ण भारत एक मंच’ होगी। महोत्सव मे 28 राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तराखण्ड, पंजाब, ओडिशा, मध्य प्रदेश, गुजरात, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, हिमांचल प्रदेश, हरियाणा, गोवा, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश, असम, मेघालय, मणिपुर, तमिलनाडु एवं 8 केन्द्र शासित प्रदेशों अण्डमान- निकोबार, दादर नगर हवेली, दमन और दीव, लक्ष्यद्वीप, चंडीगढ़, दिल्ली और पांडिचेरी की कला संस्कृति, पर्यटन, हस्त शिल्प, देशी उत्पाद, वस्त्र, फर्नीचर, मसाले, हैण्डलूम-हैण्डी क्राफ्ट सहित अन्य चीजों के स्टाल और पैवेलियन के अलावा उत्तर प्रदेश के एक जिला एक उत्पाद, खादी ग्रामोद्योग, उत्तर प्रदेश पर्यटन, नाबार्ड, बैंक, सिडबी, राज्य आजीविका मिशन सहित अन्य सरकारी विभागों की सहभागिता होगी।
उन्होंने बताया कि प्रगति भारत हस्तशिल्प महोत्सव, इंटरनेट माध्यम के जरिये देश विदेश के लोगों से जुड़ेगा। इसके अलावा महोत्सव से, अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने के लिए महोत्सव के फेसबुक लिंक का प्रयोग सजीव प्रसारण के लिए किया जायेगा।
विनोद कुमार सिंह ने बताया कि महोत्सव में निःशुल्क प्रगति भारत टैलेण्ट हण्ट-2023 का आयोजन किया जायेगा। इसके तहत बच्चों व युवाओं की गायन, नृत्य, वादन, किड्स माॅडलिंग, मेंहदी, रंगोली, कबाड़ से जुगाड़, सिलाई, चित्रकला, निबंध लेखन, साइकिल रेस, खो-खो, कबड्डी, मिस्टर-मिस और मिसेज प्रगति भारत प्रतियोगिताएं होंगी।
प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट के उपाध्यक्ष एनबी सिंह ने बताया कि प्रगति भारत हस्तशिल्प महोत्सव-2023 में भारत के 28 राज्यों और 8 केन्द्र शासित प्रदेशों के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाली अनेक विभूतियों को प्रगति भारत हस्तशिल्प महोत्सव रत्न सम्मान से सम्मानित किया जायेगा, जिसमें महिलायें, पुरूष और बच्चे शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि प्रगति भारत हस्तशिल्प महोत्सव-2023 की सांस्कृतिक संध्या में रोजाना भारत के विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के लोक नृत्य और लोक गायन के कार्यक्रम जैसे उत्तर प्रदेश का ख्याल नृत्य, रास नृत्य, झूला नृत्य, मयूर नृत्य, धोबिया नृत्य, चरकुला नृत्य, कठफोड़वा नृत्य, जोगिनी नृत्य, आल्हा-ऊदल गायन, राजस्थान का घूमर नृत्य, कालबेलिया नृत्य, तेराताली नृत्य, गेर नृत्य, पंजाब का गिद्दा-भांगड़ा, हरियाणा का झूमर नृत्य, बिहार का जाट जाटिन नृत्य, झारखंड का फगुआ नृत्य, करमा नृत्य, महारास्ट्र का लावणी नृत्य, दसावतार और डिंडी नृत्य, गुजरात का गरबा नृत्य के साथ अन्य राज्यों के लोक नृत्य और लोक गायन के कार्यक्रम होंगे। इसके अलावा कवि सम्मेलन, मुशायरा, जादू, कठपुतली, बिरहा और आल्हा के कार्यक्रम होंगें।
एनबी सिंह ने बताया की महोत्सव के फूड जोन में राजस्थानी, पंजाबी, साउथ इण्डियन, गुजराती, चाइनीज, अवधी-मुगलई के अलावा देशी बाटी चोखे के स्टाल आकर्षण के केन्द्र होंगे। इसके अलावा फन जोन में बच्चों और युवाओं के लिए तमाम तरह के आकर्षक झूले होंगे। प्रगति भारत हस्तशिल्प महोत्सव में भारत के हस्तशिल्पियों को बढावा देने के लिए 28 राज्यों और 8 केन्द्र शासित प्रदेशों के हैण्डलूम हैण्डीक्राफ्ट्स, खादी ग्रामोद्योग, आटोमोबाइल, इलेक्ट्रानिक के समान, सहारनपुर का फर्नीचर, भदोही का कालीन, कश्मीर और लद्दाख में बने हुए गर्म कपड़े, शाल, गुजरात की सड़ियां व लहंगे, कानपुर का चमडे का सामन, घरेलू सामानों और लघु इकाइयों द्वारा निर्मित अचार, पापड़, क्राॅकरी, मेवे व अन्य सामानों के स्टाल और पैवेलियन होंगे। बैठक में अरुण कुमार दुबे, कृष्णानन्द राय, दिलीप कुमार श्रीवास्तव, प्रिया सिंह चौहान, ज्योति सिंह, सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रभारी अरविंद सक्सेना सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।