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पुस्तकों के संसार में उमड़ी भीड़, भा रहीं विभिन्न राज्यों के लोक कथाओं संग संस्कृत व उर्दू की पुस्तकें

बलरामपुर गार्डन में बीसवां राष्ट्रीय पुस्तक मेला : सातवां दिन

संस्कृत किताबों पर 40 प्रतिशत और उर्दू पुस्तकों पर 75 प्रतिशत तक छूट 

लखनऊ (शम्भू शरण वर्मा/टेलीस्कोप टुडे)। बलरामपुर गार्डन में चल रहा 20वां राष्ट्रीय पुस्तक मेला समापन की ओर बढ़ चला है। मेले के खाते में सातवां दिवस गुरुवार एक छुट्टी का दिन आया तो भारी भीड़ उमड़ पड़ी। निःशुल्क प्रवेश वाला ये मेला गांधी जयंती के दिन विदा ले लेगा। 

मेले में उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के स्टाल पर डा. मिथिलेश तिवारी की स्वर से स्वराज, डा. बैजनाथ पुरी की अध्य एशिया में भारतीय संस्कृति के संग साहित्यिक व्यक्तित्वों कुबेरनाथ राय, चन्द्रबली पाण्डेय, उपाध्याय चौधरी बदरीनारायण, पं. दशरथ प्रसाद द्विवेदी पर प्रकाशित किताबें एकदम नयी हैं। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के स्टाल पर वैदिक संस्कृत ग्रंथों और साहित्य की पुस्तकों के अलावा संस्कृत वांग्मय का वृह्त इतिहास के 17 खण्ड महत्वपूर्ण हैं। यहां 25 से 40 प्रतिशत तक छूट मिल रही है। जनगणना कार्य निदेशालय के स्टाल पर डाटा सम्बंधित पुस्तकें और फोल्डर हैं। प्रकाशन विभाग दिल्ली के स्टाल पर क्रान्तिकारियों, राजनेताओं लोक संस्कृति और ऐतिहासिक तथ्यों की अनेक प्रमाणिक पुस्तकें हैं। योजना क्लासिक्स, प्रधानमंत्री के सम्बोधन, स्वाधीनता संग्राम और अण्डमान के अलावा कश्मीर, असम और सिक्किम की लोककथाओं की किताब नवीन प्रकाशित पुस्तकें हैं।

राष्ट्रीय उर्दू भाषा परिषद द्वारा प्रकाशित किताबों पर 20 से 75 प्रतिशत तक छूट है। यहां उर्दू से उर्दू, उर्दू-हिन्दी, इंग्लिश-उर्दू के शब्दकोशों के संग यादे फिराक, अलिफ लैला और हिन्दुस्तान में मुसलमानों की तालीम जैसी नवप्रकाशित पुस्तकें हैं। अंग्रेजी से उर्दू सीखने वाली गोपीचन्द नारंग की दो पुस्तकों का सेट केवल 72 रुपये में उपलब्ध है। उर्दू अकादमी दिल्ली के स्टाल पर डा. मो. हफीजुर्रहमान की औलियाए देहली की दरगाहें और महाभारत काल से सन् 1919 तक का इतिहासे समेटने वाली बशीरुद्दीन की पुस्तक वाकयाते दारुल हुकूमते देहली नये प्रकाशन हैं।

साहित्यिक मंच पर कार्यक्रमों का आरम्भ विश्वम फाउण्डेशन द्वारा यूपी त्रिपाठी के संयोजन में युवा प्रतिभाओं के प्रदर्शन से हुआ। दोपहर में उत्तर प्रदेश साहित्य सभा के अंतर्गत गठित व्यंग्य सभा के मुकुल महान के संचालन और पंकज प्रसून के संयोजन में हुए नुक्ताचीनी कार्यक्रम में पद्मश्री अशोक चक्रधर ने कहा कि हरिशंकर परसाई और शरद जोशी की परंपरा को बनाए रखना व्यंग्यकारों की जिम्मेदारी है। व्यंग्य विधा नहीं बल्कि सुविधा है। व्यंग हर विधा में विद्यमान मिलता है। उन्होंने लखनऊ के व्यंग्य लेखकों की तारीफ करते हुए कहा कि लखनऊ में व्यंग्य का भविष्य सुरक्षित है। अशोक चक्रधर की व्यंग्य रचनाओं के बाद पांच व्यंग्य कारों अलंकार रस्तोगी, इंद्रजीत कौर, पंकज प्रसून, के.कांत अस्थाना व राजेश कुमार और कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ व्यंग्य का अनूप श्रीवास्तव ने व्यंग्य रचनाएं पढ़ीं। सभा के प्रधान सर्वेश अस्थाना ने आभार व्यक्त किया। 

भारतीय संस्कृति का मूल तत्व है आभार : प्रो. अनुराधा तिवारी

श्री गुरवे नमः के विमोचन समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद नेताजी सुभाषचंद्र बोस राजकीय स्नाकोत्तर महिला महाविद्यालय अलीगंज की प्राचार्या प्रो. अनुराधा तिवारी ने कहाकि भारतीय संस्कृति का मूल तत्व आभार है। वह अनुग्रह की आत्मा से आपूरित रहती है। ऐसे में बात अगर गुरु की हो तो अलका प्रमोद की पुस्तक श्री गुरवे नमः परम पिता परमेश्वर से लेकर पौराणिक गुरुओं का हृदय से कवित्वपूर्ण स्मरण है। 

शाम को पद्मश्री विद्या बिन्दु सिंह की अध्यक्षता व डा. सुधा मिश्रा के संचालन में आयोजित समारोह में प्रो. रवि भट्ट, सुदीप सिंह, पवन कुमार व अमिता दुबे, डा. मनीष शुक्ला, वर्षा वर्मा, डा. सीमा गुप्ता, शिखर त्रिपाठी, अवरेन्द्र अवस्थी, योगेन्द्र योगी उपस्थित रहे। संयोजक संजय मल्होत्रा हमनवा द्वारा अपूर्वा संस्था के इस कार्यक्रम में मनीष शुक्ला, पवन कुमार, शिखर त्रिपाठी, अवरेन्द्र अवस्थी, राकेश जोशी, वन्दना विशेष, गोबर गणेश व ज्योति शेखर ने उत्तम काव्य पाठ से खचाखच भरे पांडाल में श्रोताओं की वाहवाही लूटी।

 मीडिया फोटोग्राफर क्लब की ओर से मंजू श्रीवास्तव के संयोजन में स्मृतियों में छायाकार एसएम पारी कार्यक्रम में उनकी स्मृतियों को साझा करते हुए के. विक्रम राव, सुशील दुबे, संयुक्ता भाटिया, मुरलीधर आहूजा, संजय गुप्ता, सुल्तान शाकिर हाशमी, शबाहत हुसैन विजेता, इत्यादि वक्ताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही संजय मिश्रा शौक, अनुपम श्रीवास्तव, वासिफ फारुकी और मो.अली साहिल ने कलाम पेश किये। आज समापन वैदेही वेल्फेयर फाउण्डेशन का नारी सशक्तीकरण कार्यक्रम से हुआ। 

29 सितंबर के कार्यक्रम

11AM से 11ः30AM

बोधरस प्रकाशन की ओर से पुस्तक लोकार्पण

11ः30AM से 12ः30PM

विश्वम फाउंडेशन की ओर से युवाओं का कार्यक्रम

01PM से 02PM 

अद्विका प्रकाशन की ओर से पुस्तक लोकार्पण 

02ः30PM से 03ः30PM

सुश्री स्नेहलता की तीन पुस्तकों का लोकार्पण 

04PM से 05PM

काव्य संग्रह ’आदित्यायन-अनुभूति’ और  आदित्यायन-संकल्प का विमोचन

05 :30PM से 7PM

हिंदी वांग्मय निधि द्वारा साहित्यिक कार्यक्रम

07ः 30PM से 09PM

अतुल लाल की पुस्तक- द रिक्शापुली मर्डर केस पर चर्चा