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पुस्तक प्रेमियों संग कला प्रेमियों और कलाकारों भी भा रहा पुस्तकों का संसार

बलरामपुर गार्डन में बीसवां राष्ट्रीय पुस्तक मेला : छठा दिन

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। 
बलरामपुर गार्डन में चल रहे 20वें अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेला में किताब प्रेमियों के लिए अपनी पसंद के हिसाब से हजारों तरह के विकल्प हैं। पुस्तक प्रेमियों के संग ही कला प्रेमियों और कलाकारों के लिए भी यहां बहुत कुछ है। मेले में हर किताब पर कम से कम 10 प्रतिशत की छूट मिल रही है, लेकिन दिल्ली की संगीत नाटक अकादमी के स्टाल पर कला प्रकाशनों पर 40 प्रतिशत की छूट है। यहां सुधीर सक्सेना की तबले की कला, बदरी प्रसाद की भारतीय छाऊनृत्य व झूमर, सुशील सक्सेना की एस्थेटिक्स आफ द कथक डांस के संग ही शास्त्रीय नृत्य, संगीत आदि पर हिन्दी व अंग्रेजी की अनेक पुस्तकें हैं।

कला प्रेमी यहां चाहे तो अकादमी की पत्रिका संगना और अंग्रेजी की संगीत नाटक की सदस्यता ले सकते हैं। पत्रिकाओं के अनेक विशेषांक यहां बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। भारतीय कला प्रकाशन में टेम्पल आर्कीटेक्चर आफर इण्डिया जैसी वास्तुकला की कई पुस्तकों के संग अंजता का वैभव, बुंदेलखण्ड की मूर्तिकला, कोर्णार्क, कथक परम्परा, इण्डियन क्लासिकल डांस जैसी अनेक किताबें है। सुभाष बुक में कन्टम्परेरी इण्डियन आर्ट, कांगड़ा पेंटिंग आफ लव, माडर्न इण्डियन आर्ट आदि किताबों के संग ही आक्शन हाउस अष्ट गुरु की श्रृंखला की कई किताबें हैं। स्टाल संख्या 106 में किताबें नहीं पर उपहार मे देने योग्य हस्तशिल्प सामग्री और पेण्टिंग्स हैं। एडवेंचर ट्रैवलिंग, प्यार, भावनाओं के साथ जिंदगी जीने के नये नजरिये पर केंद्रित दिव्यांश पब्लिकेशन के स्टॉल पर उपलब्ध जर्नलिस्ट धीरेन्द्र सिंह की एक किताब है अल्बलुआ। इसमें जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड समेत नेपाल के पोखरा का अलग नजारा लेखक की नजर से देखने को मिलेगा। किताब युवा से लेकर बुजुर्ग तक को प्रभावित करने वाली है।


मेला मंच पर आज के कार्यक्रमों की शुरुआत सुरभि कल्चरल ग्रुप की ओर से सम्मान समारोह व काव्यपाठ से हुई। डॉ. राही मासूम रज़ा अकादमी की ओर से मीर तकी मीर को याद करते हुए संगोष्ठी व कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। हफ़ीज़ क़िदवई, परवेज़ मलिकज़ादा ने गम्भीर चर्चा की। रत्ना बापुली, रश्मि लहर, अनुजा द्विवेदी, रंजना ने कविताएं सुनाई। शायर मेहदी हसन फ़हमी, श्याम जीत सिंह ने कलाम पेश किए। रामकिशोर और असगर मेहदी ने मीर तकी मीर और उनकी गज़लों के साथ राही मासूम रज़ा के आदर्शों को याद किया। पूनम सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। 

वसुंधरा फाउण्डेशन की ओर से गांधी दर्शन पर गोष्ठी में कवि नरेश सक्सेना को सम्मानित किया गया। यहां महात्मा गांधी : मानवता के लिए अविनाशी उपहार विषय पर रामकिशोर की अध्यक्षता मे विचार गोष्ठी को पद्मश्री डा. विद्या बिंदु सिंह, आनंदवर्धन सिंह, अखिलेश श्रीवास्तव चमन व इंडियन बैंक के महाप्रबंधक पंकज त्रिपाठी ने संबोधित किया। संयोजक राकेश श्रीवास्तव ने स्कूली बच्चों के बीच महात्मा गांधी से संबंधित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजयी बच्चों को पुरस्कृत किया। मीनू श्रीवास्तव ने आभार प्रकट किया। वाणी प्रकाशन की ओर से दयानन्द पाण्डेय के लघु उपन्यास विपश्यना में प्रेम के कथाकार शिवमूर्ति की अध्यक्षता व रत्ना श्रीवास्तव के संचालन में हुए विमोचन समारोह में लेखक के संग ही डा. सुधाकर अदीब, डा. अनिल मिश्र, महेन्द्र भीष्म, सत्या सिंह, डा. हरिराम त्रिपाठी ने विचार व्यक्त किये। इसी क्रम में राजकमल प्रकाशन की ओर से शिवमूर्ति की किताब अगम बहै दरियाव का लोकार्पण व चर्चा में लेखक के संग कथाकार अखिलेश और वीरेन्द्र यादव ने अपना दृष्टिकोण व्यक्त किया। अंतिम चरण में रेयान की ओर से सम्मान समारोह में भक्ति शुक्ला, अलका अस्थाना, स्नेहलता, मधु सिंह, अर्चना त्रिपाठी, कुसुम वर्मा, ज्योति किरन आदि महिला प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया।

28 सितम्बर के कार्यक्रम

पूर्वाह्न 11.00 बजे विश्वम फाउण्डेशन का युवाओं के लिये कार्यक्रम

मध्याह्न 12 बजे बोधरस प्रकाशन की ओर से पुस्तक लोकार्पण
अपराह्न 1.00 बजे पंकज प्रसून के व्यंग्य संग्रह का लोकार्पण
अपराह्न 2.30 बजे स्मृतियों में छायाकार एसएम पारी
शाम 4.00 बजे अलका प्रमोद की पुस्तक श्री गुरवे नमः का विमोचन  
शाम 5.30 बजे अपूर्वा संस्थान का सम्मान समारोह व काव्य गोष्ठी  
रात्रि 8.00 बजे वैदेही वेल्फेयर फाउण्डेशन का नारी सशक्तीकरण कार्यक्रम