अपनी लेखनी और आचरण से समाज में सदभाव पैदा करें
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। विश्व संवाद केन्द्र में रविवार को सामाजिक सद्भभाव विभाग एवं धर्म संस्कृति संगम की ओर से “हमारी राष्ट्रीयता एवं सामाजिक सद्भभाव” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का सुभारम्भ विश्व संवाद केन्द्र के अध्यक्ष नरेन्द्र भदौरिया व राजेन्द्र ने भारत माता व भगवान विश्वकर्मा के चित्र पर पुष्पांजलि के साथ किया।
इस अवसर पर बोलते हुए सामाजिक सदभाव के प्रान्त संयोजक राजेन्द्र ने कहा कि सामाजिक सदभाव कायम रहेगा तभी देश, धर्म, समाज व हमारी संस्कृति सुरक्षित रहेगी। सामाजिक सदभाव रहेगा तभी देश तरक्की करेगा। उन्होंने पत्रकारों का आहवान करते हुए कहा कि पत्रकार अपनी लेखनी और आचरण से समाज में सदभाव पैदा करें। ऐसा कोई समाचार प्रकाशित न करें जिससे कि सामाजिक सौहार्द बिगड़ने का खतरा हो।
विश्व संवाद केन्द्र के अध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार नरेन्द्र भदौरिया ने गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि सामाजिक समता लाने के लिए हमारे अंदर ममत्व का भाव होना चाहिए। इसके लिए हमें कटुता के भाव को त्यागना होगा। समाज में सदभाव लाने के लिए स्वयं कार्य करें तभी देश व समाज सुरक्षित रहेगा। नरेन्द्र भदौरिया ने कहा कि राजनीति तोड़ती है व समाजनीति हमें जोड़ने का कार्य करती है।
वरिष्ठ पत्रकार डा. सत्येन्द्र ने कहा कि संयुक्त परिवार का ताना-बाना भारत की मजबूती का आधार स्तंभ रहा है। परिवार व्यवस्था जहां हमारे लिए गर्व का विषय है वहीं विदेशियों के लिए आश्चर्य का। सामाजिक उत्तरदायित्वों का ज्ञान हमें परिवार में ही मिलता है। व्यक्ति,समाज, राष्ट्र व पर्यावरण के प्रति हमारा क्या दायित्व है इसकी शिक्षा बच्चों को परिवारों से ही मिलती है।
विश्व संवाद केन्द्र के सचिव अशोक सिन्हा ने कहा कि सामाजिक सदभाव आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जातियां हमारे बीच विभेद का नहीं बल्कि हमारे कौशल का प्रतिनिधित्व करती हैं। हमने अपने-अपने परम्परागत कार्य करना छोड़ दिया है। वरिष्ठ पत्रकार भारत सिंह ने कहाकि सबके प्रयास से ही समाज में आपसी सदभाव कायम होगा। बिना सामाजिक सदभाव के देश की एकता की कल्पना संभव नहीं है।
बृजनन्दन राजू ने कहा कि सामाजिक सदभाव से ही देश देश महान बनेगा। देश में कुछ शक्तियां समाज को तोड़ने का काम कर रही हैं। इसलिए हमें सचेत रहना होगा। पत्रकार अमर बहादुर मौर्य ने कहा कि सदभाव को बिगड़ने में बाजारीकरण ने भी अपनी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि जाति के आधार पर बने संगठन सामाजिक सदभाव को बिगाड़ने का काम करते हैं।
इस अवसर पर सुरेश सिंह, एडवोकेट अनीष श्रीवास्तव, पंकज सिंह चौहान, मीनाक्षी वर्मा, विनोद कुमार, अतुल मोहन सिंह, आनन्द श्रीवास्तव, धनंजय दुबे, राजकुमार और सह नगर कार्यवाह शशिकांत प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। धर्म संस्कृति संगम के अरुण कुमार सिंह ने आभार प्रकट किया।