लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानी डॉ. दरबारी लाल अस्थाना का जन्मोत्सव समारोह शनिवार को विकास नगर स्थित राजकीय कन्या इंटर कॉलेज परिसर में हुआ। इस अवसर पर विशेष रूप से “नैब” संस्थान के बच्चों ने रत्ना अस्थाना के निर्देशन में नाटक “से नो टू प्लास्टिक” का मंचन किया। इसके माध्यम से दर्शकों को गुदगुदाते हुए संदेश दिया गया कि वह सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग न करें। इसके साथ ही डॉ. दरबारी लाल अस्थाना चित्रकला प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया।
अपूर्वा वाल्मीकि और नव्या वार्ष्णेय की गणेश वंदना “एक दंताय वक्रतुण्डाय” नृत्य प्रस्तुति के बाद नाटक “से नो टू प्लास्टिक” का प्रभावी मंचन किया गया। नाटक में मदारी और जमूरे के माध्यम से जहां लोगों को प्लास्टिक के खतरों के प्रति जागरूक किया गया वहीं सब्जी वाले और इंस्पेक्टर के प्रसंग के माध्यम से प्लास्टिक का प्रयोग न करने का संदेश दिया गया। उसमें इंस्पेक्टर का प्रतीक सैनी, हवलदार का आशीष सिंह, मदारी का अनुराग शुक्ला, जमूरे का अदम्य त्रिपाठी, सब्जीवाला का सत्यम् यादव, डांसर का सत्यम् भास्कर ने बखूबी किरदार अदा किया। नाट्यांत में रितेश यादव और अभिषेक कुमार रावत के साथ नाटक के कलाकारों ने “टिक-टिक प्लास्टिक” पर प्रभावी नृत्य कर प्रशंसा हासिल की। इसके साथ ही दिव्यांशी मिश्रा ने गाना “मैं रहूँ न रहूँ” यह देश रहना चाहिए” सुनाया।
इस अवसर पर भारतीयम् संस्था की उपाध्यक्ष शुभ्रा अस्थाना द्वारा, विद्यालय की प्रधानाचार्या कुसुम वर्मा, नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड (नैब) लखनऊ, उत्तर प्रदेश की महासचिव डॉ. शशि प्रभा गुप्ता, अध्यापिका स्मृति सिंह, सह-संयोजक संस्कृति विभाग के रेडियो जयघोष की आरजे समरीन और भारतीयम् के अध्यक्ष पुनीत अस्थाना द्वारा फेस्का संस्था के प्रमुख राजीव प्रकाश और स्नेहधरा वृद्धाश्रम के संचालक अमित सक्सेना का सम्मान किया गया। इसके साथ ही चित्रकला प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। इसमें जूनियर वर्ग का विषय “हिन्दुस्तानी प्रांत और राष्ट्रीय एकता” था जबकि सीनियर वर्ग का “जी-20” विषय था। इसके जूनियर वर्ग में उन्नति बंसल, शैली तिवारी, रेनू-नंदिनी गुप्ता और सीनियर वर्ग में नेहा चक्रवर्ती, कहकशा, खुशबू खातून क्रमश: प्रथम, द्वितीय और तृतीय रहीं। समारोह में रत्ना डांस अकादमी की ओर से ग्रीष्मकालीन ऑनलाइन नृत्य प्रतिस्पर्धा के सीनियर वर्ग में श्वेता मनराल और जूनियर वर्ग में नव्या वार्ष्णेय को प्रथम पुरस्कार से अलंकृत किया गया।
जयंती समारोह में विद्यालय की प्रधानाचार्या और लोक गायिका कुसुम वर्मा ने वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानी डॉ. दरबारी लाल अस्थाना के बारे में बताया कि उनका जन्म 24 जुलाई 1905 को आगरा में हुआ था। अंग्रेजी हुकूमत के दौरान राजकीय कॉलेज आगरा में बहिष्कार आन्दोलन से वह राष्ट्र सेवा के क्षेत्र में सक्रिय हुए। साल 1930 में वृंदावन के प्रेम महाविद्यालय के छात्रों के साथ जब वह सत्याग्रह आन्दोलन कर रहे थे तब उन्हें 9सी-12 धारा के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। 4 अगस्त 1930 को उनको छह महीने के कठोर कारावास का दंड सुनाया गया। उन्हें 11 अक्टूबर 1930 को मथुरा जेल से सीतापुर जेल में ट्रांसफर कर दिया गया। स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद उन्होंने देहरादून में रहकर मेडिकल की प्रैक्टिस की। साल 1953 के बाद वह लखनऊ आ गए और 1954 से उन्होंने उत्तर प्रदेश गांधी स्मारक निधि लखनऊ केंद्र के संचालक के रूप में लम्बे समय तक कार्य किया। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें 15 अगस्त 1972 को ताम्रपत्र से सम्मानित किया था। 3 मार्च 1985 को 80 वर्ष की आयु में डॉ.दरबारी लाल अस्थाना का स्वर्गवास हुआ था। देश के भविष्य बच्चे उनको सबसे प्रिय थे।