श्री बंदी माता मंदिर का 41वें वार्षिक अनुष्ठान (तीसरा दिन)
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। जो व्यक्ति ईश्वर में लीन हो जाता है। उसकी समस्त समस्याओं का समाधान स्वयं हो जाता है। वृंदावन धाम की कथा व्यास रोली शास्त्री ने श्री बंदी माता मंदिर डालीगंज में तीसरे दिन श्रीमदभागवत कथा सुनाई। उन्होंने ध्रुव चरित्र प्रसंग में तपस्वी महाराजा ध्रुव के प्रसंग सुनाए। डालीगंज के श्री बंदी माता मंदिर के 41वें वार्षिक अनुष्ठान में श्रद्धालु शामिल हुए। सात दिवसीय अनुष्ठान में प्रत्येक दिन श्री सप्तचंडी महायज्ञ, श्रीमदभावत कथा और रासलीला कार्यक्रम हो रहे हैं। कथा व्यास रोली शास्त्री ने महाराजा ध्रुव के तप के प्रसंग सुनाए। देवर्षि नारद से आर्शीवाद ले भगवान विष्णु को प्राप्त करने और अल्प आयु में परमात्मा को प्राप्त करने का प्रसंग सुनाया। आगे नक्षत्र मंडल में सप्तऋषि मंडल में सबसे चमकने वाला तारा कहलाए। श्री बंदी माता अखाडा समिति श्री महंत देवेंद्रपुरी सेवा ट्रस्ट की श्रीमदभावगत कथा का तीसरा दिन था। मथुरा के रासलीला कलाकार नित्यानंद व साथियों ने राजा ध्रुव के प्रसंगों का प्रभावपूर्ण मंचन कर पूरा वातावरण भक्तिमय कर दिया। कार्यक्रम श्री पंचदशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवेंद्र पुरी जी महाराज के सानिध्य और क्षेत्रीय पार्षद रणजीत सिंह के संयोजन में हुआ। श्री बंदी माता मंदिर अखाडा समिति की संगठन मंत्री और पंचदशनाम जूना अखाडा की महंत- महंत पूजापुरी, पूर्व पार्षद रेखा रोशनी, बंदीमाता मंदिर अखाड़ा समिति के मंत्री महंत मनोहर पुरी, महंत भूपेंद्र पुरी, पुजारी भास्कर पुरी, यज्ञाचार्य प्रदीप पंचाल सहित अन्य साधुसंत मौजूद रहे। सप्तचंडी यज्ञ बंदीमाता मंदिर महाराज रोशनपुरी, जूना अखाड़ा के थानापुरी महंत राजपुरी, सप्तचण्डी यज्ञाचार्य महंत शिवानन्द पुरी व आचार्य प्रदीप पंचाल सहित अनेक ब्राह्मणों के सानिध्य में हुआ।