अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर 5 हजार महिलाओं द्वारा एक साथ सुंदरकांड पाठ कराने का लिया संकल्प
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। देवों द्वारा निर्मित भारत वर्ष को अपनी आध्यात्मिक सनातन पहचान दिलाने हेतु सनातन ध्वज वाहिका सपना गोयल ने 8 मार्च 2024 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर 5000 महिलाओं द्वारा एक साथ सरकार के संरक्षण में सुंदरकांड कराने का संकल्प लिया है। इस सावन माह में 100 मंदिरों में महिलाएं एकत्र होकर सुंदर कांड का पाठ करेगी। इस अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में 300 से अधिक महिलाएं हिस्सा ले रही है। सत्य सनातन नारी शक्ति की स्थापना 15 मार्च 2023 को की थी जिसकी पाँचवी संगोष्ठी है।
लखनऊ को लक्ष्मणपुरी बनाने और भारतवर्ष को अपनी आध्यात्मिक पहचान दिलाने, सनातन धर्म के पुनरुत्थान के लिये सनातन ध्वज वाहिका सपना गोयल पिछले कई वर्षों से मंदिर निर्माण कार्य और मंदिरों के जीर्णोद्धार तथा जगह जगह भंडारों का आयोजन कर रहीं हैं। ताकि हिंदू जन मानस जागरूक हो। अपने हिंदुत्व के लिये संगठित होकर धर्म की सेवा में लगे व अपने आसपास के लोगों को जागरूक करे। सपना गोयल तीर्थों पर भी जाकर अपनी सेवायें व भण्डारे निरंतर करा रहीं हैं। उन्होंने तन मन धन से धर्म की सेवा में व भारतीय संस्कृति को अपनी आध्यात्मिक पहचान दिलाने में समर्पित किया है।
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सपना गोयल ने धर्म अभियान में सुंदरकांड मुहिम को जन जन तक पहुँचाने के लिये सत्य सनातन नारी शक्ति की स्थापना लक्ष्मणपुरी (लखनऊ) में किया है। उनका कहना है कि भारतीय संस्कृति की पहचान हमारा आध्यात्म है एवं अध्यात्म ही हमारी सबसे बड़ी पूँजी है अतः हमे हर हाल में इसको सँभालना है। तभी हमारा देश और हमारी पीढ़ियाँ सुरक्षित रहेगी।
सपना गोयल का कहना है कि ’नारी शक्ति को आगे आना हैं और धर्म जागरण अभियान में अपना योगदान देना ही होगा। सत्य सनातन नारी शक्ति के सहयोग से सावन से शुरू होकर ये मुहिम देश के कोने कोने तक जायेगी। ताकि सभी हिंदू जन मानस अपने अपने स्थानीय मंदिरों पर एकत्र हो, हर मंगलवार को सुंदरकाण्ड करे, समाज में एक नियम बने और हमारी भावी पीढ़िया भी धर्म के महत्व को समझें इससे ही देश की सभ्यता और संस्कृति का पुनुर्थान होगा।
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रविवार को इन्दिरा नगर में आयोजित संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि नारी शक्ति को आगे आकर सनातन परंपरा को आगे बढ़ाने में सहयोग करना चाहिये क्योंकि बच्चों को संस्कारित बनाने में मां की भूमिका अहम होती है। हमारी भावी पीढ़ियां भी धर्म के महत्व को समझें, इससे ही देश की सभ्यता और संस्कृति का पुनरूत्थान होगा। सपना गोयल ने कहाकि कि भारत हमारी तपोभूमि है जिसे ऋषि मुनियों ने अपने तप से संजोया है। सनातन ध्वज वाहिका के आवाहन में सावन में 100 मंदिरों पर काफी महिलायें अपना अपना योगदान दे रहीं हैं एवं 51 शक्तिपीठ द्वारा महिलाओं के कार्य सौंपे हैं, जिसमें उनकी सभी शक्ति पीठ बहिनें निरंतर धर्म सेवा में कार्यरत है। सनातन ध्वज वाहिका द्वारा आयोजित संगोष्ठी में काफी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर सपना गोयल, पुनीता भटनागर, रागिनी श्रीवास्तव, मोनिषा भार्गव, रजनी सिंह, ज्योति किरण रतन भी मौजूद रहीं।