हिन्दवी स्वराज दिवस समारोह का हुआ आयोजन
लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय कर्मचारी सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा परिषद द्वारा हिंदवी स्वराज दिवस समारोह का आयोजन शिक्षा संकाय सभागार, लखनऊ विश्वविद्यालय में किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय सह संगठन सचिव संजय श्रीहर्ष मिश्रा ने कहा कि छत्रपति शिवाजी ने हिन्दीव स्वराज की स्थापना कर आदर्श समाज की स्थापना किया। शिवाजी एक व्यक्ति नहीं, वे एक विचार और एक युगप्रवर्तन के शिल्पकार थे। शिवाजी कहा करते थे कि, ‘यह राज्य हो, यह परमेश्वर की इच्छा है। अर्थात स्वराज्य संस्थापना यह ईश्वरीय कार्य है। मैं ईश्वरीय कार्य का केवल एक सिपाही हूँ। अपना स्वराज्य आर्थिक दृष्टि से स्वावलंबी और सशक्त बने, इसकी ओर शिवाजी महाराज का हमेशा ध्यान रहता था। संजय श्री हर्ष ने शिवाजी महाराज की जीवन से जुड़ी घटनाओं का जिक्र करते हुए उनकी युद्ध की रणनीति की विशिष्टताएं बताई।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. संजय मेधावी ने कहा कि शिवाजी ने कभी किसी का आधिपत्य नहीं स्वीकार किया। शिवाजी को वीर योद्धा बनाने में माता जीजाबाई की अहम भूमिका थी। वे महिलाओं का बहुत सम्मान करते थे।शिवाजी का अनुकरण करके सशक्त-समृद्ध राष्ट्र के निर्माण का प्रयास करने की आवश्यकता है। समारोह के संयोजक डॉ. संजय शुक्ला ने शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित हिन्दवी स्वराज की विशिष्टताओं का वर्णन करते हुए उनकी जीवनी और अनुकरणीय कार्यों को दर्शाते हुए कहा कि वे एक युग परिवर्तन के शिल्पकार थे। समारोह का संचालन अर्थशास्त्र के सहायक आचार्य डॉ हरनाम सिंह ने किया एवं आभार ज्ञापन विद्या भारती उच्च शिक्षा के क्षेत्रीय मंत्री प्रो जय शंकर पांडेय ने किया।
अतिथियों सहित सभी ने लखनऊ विश्वविद्यालय स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर पुष्पार्चन करते हुए स्वराज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दुहराई। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से पूर्व कुलपति प्रो डीपी तिवारी, कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राकेश यादव, सचिव क्रीड़ा परिषद राम चरित, राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान के प्रो पवन दीक्षित, शिक्षा संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो दिनेश कुमार, अल्पसंख्यक वक्फ विकास निगम के पूर्व निदेशक शफाअत हुसैन, विद्यार्थी परिषद के विभाग संगठन मंत्री सत्यम, डॉ जितेंद्र शुक्ल, अकाउंट आफिसर रत्नेश्वर भारती, डॉ हरि प्रकाश हरी, मयंक पटेल सहित लखनऊ विश्वविद्यालय कर्मचारी सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा परिषद से जुड़े कर्मचारी एवं विश्वविद्यालय के शिक्षक सहित समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहें।