Saturday , July 27 2024

धूमधाम से मनाया गया सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का वार्षिकोत्सव एवं सम्मान समारोह


लखनऊ। कक्षा 4 के बच्चों ने जब लघु रामायण की नाट्य प्रस्तुति दी तो कार्यक्रम स्थल राममय हो गया और त्रेतायुग की याद दिला दी। मौका था बुधवार शाम आयोजित सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सेक्टर क्यू अलीगंज के वार्षिकोत्सव एवं सम्मान समारोह का। विद्यालय प्रांगण में आयोजित समारोह का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि मौजूद अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री यतीन्द्र, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह प्रान्त प्रचारक मनोज, कार्यक्रम अध्यक्ष हेमचन्द्र व अन्य अतिथियों ने माँ सरस्वती का पूजन, दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पार्चन कर किया। प्रधानाचार्य राजेन्द्र सिंह ने अतिथियों को अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह भेंटकर स्वागत किया। सुबह सवेरे लेकर प्रभु का नाम से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आरम्भ हुआ। कक्षा-2 के छात्र ओम नरायण ने शिव ताण्डव प्रस्तुत कर सभी को आश्चयर्चकित कर दिया।

 बच्चों ने बड़े भाग्य से आये श्रीराम, देश हमारा सबसे प्यारा, एक बटा दो-दो बटा चार सहित कई गीतों पर मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। कक्षा 4 के बच्चों ने लघु रामायण की प्रस्तुति से त्रेतायुग की याद दिला दी। रानी लक्ष्मीबाई पर ऐतिहासिक एकांकी, स्वच्छता पर सामाजिक एकांकी और कारगिल पर प्रस्तुत एंकाकी ने सभी दशर्कों को राष्ट्र प्रेम से ओत-प्रोत कर दिया। प्रधानाचार्य राजेन्द्र सिंह ने अतिथि परिचय व विद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की। इस मौके पर मेधावियों को सम्मानित भी किया गया। कक्षा-12 की परीक्षा में टाॅपर तृप्ति पाण्डेय व अंकित वर्मा और कक्षा-10 की काव्या श्रीवास्तव व प्रियाशुं सिंह को भृगु मिश्र ने सम्मानित किया। अन्य मेधावियों के साथ ही इस वर्ष चयनित लक्ष्य जौहरी, सिद्धार्थ गौतम सहित 15 मेधावियों को राजीव गोयल ने स्मृति चिन्ह, प्रमाण पत्र व धनराशि देकर सम्मानित किया। वाॅलीबाल व बाॅस्केटबाल की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में विजयी बहनों को अमरीश अग्रवाल व उज्ज्वल सिंघल ने सम्मानित किया। अखिल भारतीय गणित व विज्ञान प्रतियोगिता में स्थान प्राप्त करने वाली यशिका पाण्डेय, सिद्धी सामवेदी तथा अस्मित बधाना को राजीव गोयल द्वारा सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के सह प्रान्त प्रचारक मनोज जी ने कहा कि जो शिक्षा कभी संस्कार के लिए होती थी वही शिक्षा आज व्यवसाय बन गया है। निजी शिक्षण संस्थानों में फीस के नाम पर बड़ी रकम वसूली जाती है। अधिकांश शिक्षण संस्थानों में प्रार्थना भी नही कराई जा रही है। जिस कारण बच्चे अपनी संस्कृति को भूल रहे हैं। उन्होंने बच्चों की प्रस्तुति की सराहना करते हुए कहाकि इस तरह के आयोजनों में संस्कार दिखते है। बच्चों ने भगवान श्रीराम के चरित्र का बखूबी वर्णन किया।  विद्या भारती द्वारा संचालित विद्यालयों में शिक्षा के साथ ही बच्चे संस्कार भी सीख रहे हैं। कार्यक्रम में डाॅ. महेन्द्र, राजेन्द्र बाबू, आशुतोष, डाॅ. आरके गर्ग, राघवेन्द्र, डाॅ. शैलेश मिश्र, सचिन गुप्ता, आदित्य, अवनीश, सौरभ मिश्र और संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी, नगर के समस्त प्रधानाचार्य, विद्यालय के आचार्य एवं आचार्या बहनों सहित बड़ी संख्या में अभिभावक व गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।