उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक और समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने दिखायी हरी झंडी
लखनऊ। नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन द्वारा आयोजित श्री गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा की टीमों को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक एवं सामाजिक कल्याण मंत्री असीम अरुण एवं कौशल जी (प्रान्त प्रचारक राष्ट्रीय स्वयं संघ अवध प्रान्त) ने गुरुवार को हरी झण्डी दिखाकर अटल बिहारी साइंटिफिक सेंटर से रवाना किया। यात्रा में कैंप का वर्चुवल (ऑनलाइन) उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 24 फरवरी को करेंगे।
विगत वर्ष की भाँति इस वर्ष भी श्रीगुरुगोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा का आयोजन नेशनल मेडिकोज़ आर्गेनाइजेशन, अवध प्रान्त के द्वारा आयोजित किया जा रहा है। यह यात्रा भारत नेपाल सीमा के थारू जनजाति बाहुल्य जिलों में पूरे उत्तर प्रदेश-उत्तराखण्ड के बॉर्डर के साथ बिहार पश्चिम बंगाल के भी बॉर्डर पर आयोजित हो रही है। इस स्वास्थ्य सेवा यात्रा में लगभग 50 प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थानों से 600 से अधिक चिकित्सक एवं चिकित्सा छात्र वन्य क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के घरों पर रहकर अपनी सेवाएँ देंगे। इन कैंप के लोगों के निःशुल्क जाँच-इलाज एवं दवा की व्यवस्था होगी। यात्रा के आखिरी दिन प्रत्येक जिले में जिलेवार मेगा कैंप आयोजित किया जाएगा।
इस वर्ष यह स्वास्थ्य सेवा यात्रा 1500 गाँवों को केंद्र में रखकर लगभग 300 स्थानों पर आयोजित हुई है। इसके अंतर्गत लखीमपुर, बहराइच, बलरामपुर श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर एवं महाराजगंज में सघन कैंप के साथ जिला केंद्र पर मेगा कैंप का आयोजन हो रहा है।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने एनएमओ के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि एनएमओ देश के उन कुछ एक संगठनों में से है जो देश के ऐसे दूरस्थ और दुर्गम स्थानों पर स्वयं से चिकित्सक भेज कर इन कार्यों को कर रहा है। स्वास्थ्य सेवा से राष्ट्र सेवा का एनएमओ का मंत्र इन्हीं जनजातीय इलाकों में जाने से फलीभूत होती हैं। उन्होंने कहाकि देश में चिकित्सकों के तमाम संगठन है जो प्रायः चिकित्सकों के अधिकारों को लेकर सक्रिय रहते हैं। लेकिन यह अपने आप में अकेला संगठन है जो चाहे कश्मीर हो या पूर्वोत्तर के राज्य अथवा भारत नेपाल सीमा का जंगली क्षेत्र, हर जगह यह संगठन सजगता से काम कर रहा है।
सामाजिक कल्याण मंत्री असीम अरुण ने जनजातीय क्षेत्रों में न केवल ऐसे और अधिक कैंप के आवश्यकताओं पर बल दिया बल्कि यह भी कहा कि उनका विभाग आगे भी इस तरह के कार्यक्रमों को अपने तरफ से बढ़ावा देता रहेगा। साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य सेवा यात्रा हेतु जा रहे चिकित्सकों एवं छात्रों को सेवा करने व सीखने का सुझाव दिया। कार्यक्रम में केजीएमसी के पूर्व कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने सभी प्रतिभागियों को कार्यक्रम सफल बनाने के लिए सेवा के महत्व को बताया।
इस कड़ी में प्रान्त प्रचारक राष्ट्रीय स्वयं संघ अवध प्रान्त कौशल जी ने सेवा कार्यों के महत्व पर चर्चा की और कहाकि इसी के माध्यम से भिन्न प्रान्त, समुदाय एवं भाषा के लोगों को इसी भाँति एक सूत्र में पिरोया जा सकता है।
इन सभी टीमों को, दवाओं एवं उपकरणों के साथ विभिन्न जिलों में भेजा जाएगा। जहां से स्थानीय कार्यकर्ता इन चिकित्सकों को लेकर अपने अपने गाँव जाएँगे। वहीं यह चिकित्सक रुककर यह सेवा देंगे। इस बार लगभग 100,000 मरीज़ों तक पहुँचने का लक्ष्य है। साथ ही इस बार के शोध का विषय डेंटल हाइजीन रखा गया है। इस पूरे कार्य में स्थानीय स्तर पर लगभग 800-1000 कार्यकर्ता सक्रिय हैं। इसी प्रकार नेशनल मेडिकोज़ आर्गेनाइजेशन लखनऊ के भी सैकड़ों कार्यकर्ता दिन रात इस कार्यक्रम को सफल बनाने में लगे हैं। इस यात्रा के परिणाम स्वरूप हीमोग्लोबिन और जेनेटिक्स से संबंधित दो इंटरनेशनल रिसर्च पेपर और एक पुस्तक भी प्रकाशित हो चुकी है।
इस अवसर पर डॉक्टर विश्वंभर सिंह (राष्ट्रीय महासचिव नेशनल मेडिकोस ऑर्गेनाइजेशन), कार्यक्रम के मुख्य संयोजक प्रो. संदीप तिवारी, सहसंयोजक डॉ. भूपेन्द्र सिंह, एनएमओ अवध की सचिव डॉ. अलका, कोषाध्यक्ष डॉ. सुमित रूंगटा के साथ एनएमओ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष प्रो. विजय कुमार एवं सचिव प्रभात पांडेय उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अलका एवं डॉ. ताविशी ने किया। इस अभियान में सीमा जागरण मंच, वनवासी कल्याण आश्रम, एकल अभियान, आरोग्य भारती, विश्व हिंदू परिषद, भारत विकास परिषद जैसे सामाजिक संगठन भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।