लखनऊ। सीएसआईआर-सीडीआरआई, लखनऊ 13 से 18 फरवरी 2023 तक सीएसआईआर- एक सप्ताह एक प्रयोगशाला कार्यक्रम मना रहा है। कार्यक्रम के चौथे दिन गुरुवार को संस्थान ने अपना नया मेक-इन-इंडिया उत्पाद ग्रीनआर™ (GreenR™) अपने इंडस्ट्री पार्टनर जीनटूप्रोटीन प्राइवेट लिमिटेड (जीटीपी) (जो कि उत्तर प्रदेश में पंजीकृत एक स्टार्ट-अप कंपनी है) के साथ आज मार्केट में लॉन्च किया है। जैव चिकित्सा अनुसंधान एवं निदान में डीएनए स्टेनिंग डाई एवं पीसीआर के लिए जरूरी यह उत्पाद, पूर्णतः स्वदेशी, सुरक्षित, सस्ता एवं प्रभावी उत्पाद है।
उत्पाद के लांचिंग कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि यूपीसीएसटी के महानिदेशक आलोक कुमार मौजूद रहे। कार्यक्रम में डॉ. वीपी कांबोज (पूर्व निदेशक सीएसआईआर-सीडीआरआई), डॉ. जीएन सिंह (पूर्व डीसीजीआई और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सलाहकार), प्रो. आलोक धवन (निदेशक, सीबीएमआर), डॉ. हुमा मुस्तफा (संयुक्त निदेशक, सीएसटी-यूपी) सहित इस उत्पाद को लेब से मार्केट में लाने वाली टीम के प्रमुख सीएसआईआर-सीडीआरआई के मुख्य वैज्ञानिक, डॉ. अतुल गोयल, एवं जीन टू प्रोटीन लिमिटेड की प्रबंध निदेशक डॉ. श्रद्धा गोयनका सहित अनेक गणमान्य वैज्ञानिक एवं शोधार्थी मौजूद थे।
सीएसआईआर-सीडीआरआई की निदेशक डॉ. राधा रंगराजन ने कहाकि सीएसआईआर-सीडीआरआई के वैज्ञानिकों और उद्योग भागीदार बायोटेक डेस्क प्राइवेट लिमिटेड (बीडीपीएल) द्वारा विकसित न्यूक्लिक एसिड स्टेनिंग डाई, ग्रीनआर™ एक सफल उद्योग-अकादमिक सहयोग का एक उदाहरण है। भारतीय शोधकर्ता महंगे, आयातित न्यूक्लिक एसिड स्टेनिंग डाई पर निर्भर हैं, ग्रीनआर™ व्यावसायिक रूप से उपलब्ध न्यूक्लिक एसिड स्टेनिंग डाई के समकक्ष परिणामों के साथ एक सुरक्षित एवं प्रभावी विकल्प है। डाई के निर्माण की तकनीक जीनटूप्रोटीन प्राइवेट लिमिटेड, जो कि बायोटेक पार्क, लखनऊ में स्थित बीडीपीएल की एक सहायक कंपनी है को विगत वर्ष हस्तांतरित की थी।
उत्पाद के विकास का नेतृत्व करने वाले मुख्य वैज्ञानिक डॉ. अतुल गोयल ने कहाकि ग्रीनआर™ आयातित डाई का एक किफायती विकल्प है जो डीएनए/आरएनए को जाँचने के लिए उपयोग किया जाता है। ग्रीनआर™ अत्यधिक बहुमुखी है और जीनोमिक डीएनए, पीसीआर उत्पादों, प्लास्मिड और आरएनए सहित सभी न्यूक्लिक एसिड के साथ बंध कर उनकी जांच में सहायक होता है। डॉ. गोयल ने कहा कि इस स्वदेशी डाई का मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक्स एवं जीवन विज्ञान अनुसंधान में विविध अनुप्रयोग हैं। ग्रीनआर™ के रासायनिक संश्लेषण को डॉ. गोयल की टीम द्वारा मानकीकृत किया गया था जिसमें साजिया, कुंदन, सुचित्रा, एपी द्विवेदी शामिल थीं। बीडीपीएल टीम ने वास्तविक समय पीसीआर और डीएनए बाइंडिंग में इसके जैविक अनुप्रयोगों का अध्ययन किया है।
इस श्रेणी में व्यावसायिक रूप से उपलब्ध उत्पादों से यह उत्पाद कैसे अलग है और उनकी कंपनी ने इसे बाजार में लाने का फैसला क्यों किया, इसकी जानकारी देते हुए, जीनटूप्रोटीन प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक डॉ. श्रद्धा गोयनका ने टिप्पणी की कि ग्रीनआर™ की प्रभावकारिता और विषाक्तता का परीक्षण किया गया है और इस डाई के लिए विभिन्न अनुप्रयोगों का अध्ययन किया जा रहा है। उन्होने कहा कि हम एथिडियम ब्रोमाइड जैसे डाई पर निर्भर रहे हैं जो डीएनए स्ट्रैंड्स के बीच आपस में जुड़ते हैं और बैक्टीरिया, जानवरों और मनुष्यों के लिए एक ज्ञात म्यूटाजेन है। इसलिए इसका उपयोग उपयोगकर्ता के लिए जोखिम भरा है और इसके निपटान के लिए विशेष उपचार की भी आवश्यकता है। उन्होने कहा कि ग्रीनआर™ बाजार में उपलब्ध इस श्रेणी के मौजूदा उत्पादों से बेहतर है। एक नई, सुरक्षित डाई का विकास जिसे टीम ने “ग्रीनआर™” नाम दिया है, लाइफसाइंसेस और डीएनए-आधारित डायग्नोस्टिक्स के क्षेत्र में शोधकर्ताओं के लिए सस्ता एवं प्रभावी समाधान होगा। इसलिए हमने अपनी कंपनी के उत्पाद पोर्टफोलियो को बढ़ाने और भारतीय अनुसंधान को आत्मनिर्भर भारत के एक कदम और करीब ले जाने में मदद करने के लिए इस उत्पाद को चुना है। उत्पाद में रोग का पता लगाने के लिए पीसीआर आधारित परीक्षणों जैसे आणविक निदान में भी अनुप्रयोग हैं।