एआई और रसायन विज्ञान का संगम : CSIR-CDRI में जनरेटिव एआई पर विशेषज्ञ व्याख्यान
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। सीएसआईआर–केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में स्वास्थ्य क्षेत्र में नवाचार श्रृंखला के अंतर्गत “रासायनिक अभिक्रियाओं हेतु आणविक मशीन लर्निंग एवं जनरेटिव एआई” विषय पर एक विशेष विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर बतौर मुख्य वक्ता मौजूद प्रो. राघवन बी. सुनोज (प्रोफेसर, रसायन विज्ञान विभाग, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे एवं जनरेटिव एआई के लिए गूगल क्लाउड चेयर प्रोफेसर) ने अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि मशीन लर्निंग और जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से रासायनिक अभिक्रियाओं को गहराई से समझना और उनके परिणामों की सटीक भविष्यवाणी करना संभव हो रहा है। पारंपरिक रसायन विज्ञान और आधुनिक एआई तकनीकों का संयोजन अनुसंधान को अधिक तेज़, सटीक और प्रभावी बना रहा है।

प्रो. सुनोज ने बताया कि किसी अणु की संरचना उसके रासायनिक गुणों और व्यवहार को निर्धारित करती है तथा एआई तकनीकें उपलब्ध वैज्ञानिक डेटा के विश्लेषण के माध्यम से इन जटिल संबंधों को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने दवा खोज, उत्प्रेरक विकास और सामग्री विज्ञान जैसे क्षेत्रों में इन तकनीकों के बढ़ते उपयोग का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे अनुसंधान में समय और लागत दोनों की उल्लेखनीय बचत हो रही है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. राधा रंगराजन (निदेशक, CSIR-CDRI, लखनऊ) ने की। उन्होंने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रसायन एवं औषधि अनुसंधान के क्षेत्र में नई संभावनाओं के द्वार खोल रहा है और भविष्य की स्वास्थ्य-देखभाल आवश्यकताओं को पूरा करने में इसकी भूमिका निर्णायक होगी।


वक्ता का परिचय डॉ. अरविंद के. क्षत्री द्वारा प्रस्तुत किया गया। व्याख्यान के उपरांत आयोजित संवाद सत्र में वैज्ञानिकों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों ने सक्रिय सहभागिता करते हुए विषय से जुड़े प्रश्न पूछे। कार्यक्रम के अंत में प्रो. सुनोज को स्मृति-चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. प्रेम प्रकाश यादव द्वारा प्रस्तुत किया गया।
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