लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। दस दिवसीय उत्तराखण्ड महोत्सव-2025 की पूर्व संध्या पर उत्तराखण्ड महापरिषद द्वारा पंडित गोविंद बल्लभ पंत सांस्कृतिक उपवन, में भव्य एवं उल्लासपूर्ण “डांडिया नाइट” का आयोजन किया गया। इस रंगारंग कार्यक्रम में उत्तराखण्ड की पारंपरिक संस्कृति, लोकसंगीत और नृत्य की अद्भुत झलक देखने को मिली।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और “जय बद्री विशाल” के उद्घोष के साथ हुई। इसके पश्चात उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध पहाड़ी गीतों “बेडू पाको बारामासा”, “फुलदेई छम्मा छम्मा”, “छोड़ दे दैय्या बासंती”, “म्यर पहाड़”, “झुमका गिरा रै नैनीताल मा” तथा “घुघूती बसूती” की मधुर धुनों पर पारंपरिक डांडिया नृत्य प्रस्तुत किया गया।पहाड़ी सुरों पर थिरकते कदमों और छड़ियों की झंकार ने पूरे वातावरण को उत्सव और उमंग से भर दिया।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाओं, युवाओं और वरिष्ठ जनों ने भाग लिया। विशेष रूप से पुष्पा वैष्णव, हेमा बिष्ट, शशि जोशी, हरितिमा पंत, पूनम कंवल, देवश्री पंवार, सुनीता रावत, कमला चुफ़ाल, मनीषा चिलवाल, शोभा रावत आदि ने अपनी ऊर्जावान सहभागिता से कार्यक्रम को जीवंत बना दिया।

वहीं जगत सिंह राणा, पूरन सिंह जीना, भारत सिंह बिष्ट, महेन्द्र गैलाॅकोटी, राजेश बिष्ट, पान सिंह, कैलाश सिंह, रमेश अधिकारी, चंद्रमोहन जोशी, पंकज खर्कवाल सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे। उन्होंने अपने नृत्य व उत्साह से माहौल को और भी रोशन कर दिया।

इस अवसर पर कल्याणपुर, पंतनगर, तेलीबाग, गोमतीनगर तथा अलीगंज क्षेत्रों से आए विभिन्न लोक कलाकार समूहों ने भी अपनी-अपनी प्रस्तुतियों से कार्यक्रम में चार चाँद लगाए। ढोल-दमाऊं, हुड़का और रणभेरी की थाप पर सभी उपस्थित जन पारंपरिक लय में झूम उठे।

महापरिषद के पदाधिकारियों ने बताया कि “डांडिया नाइट” का उद्देश्य उत्तराखण्ड की लोकधुनों को आधुनिक मंच पर प्रस्तुत करते हुए युवाओं को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ना है। यह आयोजन उत्तराखण्डी अस्मिता और एकता का प्रतीक है।
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