लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। वेदांता लिमिटेड के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा है कि “आर्थिक स्वतंत्रता वह सबसे महत्वपूर्ण कारक है जो यह तय करेगा कि भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बन पाएगा या नहीं।” भारत को “उद्यमियों की भूमि” बताते हुए उन्होंने ऐसी नीतियों और अवसरों का आह्वान किया जो नवप्रवर्तकों (innovators) को अपनी ऊर्जा और दृष्टि को देश की प्रगति में लगाने की स्वतंत्रता दें।
उन्होंने रेखांकित किया कि भारत की प्रगति युवाओं की शिक्षा की बाधाओं को तोड़ने, महिलाओं के वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ाने और हर बच्चे को पोषण व संस्कार उपलब्ध कराने पर निर्भर करती है, जिससे राष्ट्र की नींव मजबूत हो सके। श्री अग्रवाल ने यह भी ज़ोर दिया कि भारत को अपने प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों का जिम्मेदारी से उपयोग करना चाहिए और रक्षा व इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण जैसे क्षेत्रों की संभावनाओं को उजागर करना चाहिए, जिनसे देश वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर हो सकता है।
उन्होंने कहा, “इन शक्तियों को मुक्त करके भारत न केवल आत्मनिर्भर बनेगा बल्कि नवाचार और दृढ़ता का वैश्विक केंद्र भी उभरेगा।” आशावादी स्वर में समापन करते हुए उन्होंने कहा: “सामूहिक संकल्प के साथ भारत 2047 तक दुनिया के सबसे मजबूत और समृद्ध राष्ट्रों में शामिल होगा।“