- परंपरा का हिस्सा : टाटा टी प्रीमियम इस स्वतंत्रता दिवस पर उत्तर प्रदेश की सांझी कला को कर रहा सम्मानित
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स का प्रमुख चाय ब्रांड, टाटा टी प्रीमियम ने ‘देश का गर्व’ इस मशहूर और प्रशंसित अभियान के 2025 संस्करण का शुभारंभ किया है। भारत की महान सांस्कृतिक विरासत का सम्मान करने की अपनी अटूट प्रतिबद्धता टाटा टी प्रीमियम ने इस अभियान में भी जारी रखी है। पिछले कई सालों से टाटा टी प्रीमियम हर दिन की चाय और हर क्षेत्र के अलग-अलग, कला-रूपों के अनूठे मिलाप के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाता आ रहा है। इस बार भारत की कुछ प्रतिष्ठित कला-रूपों से प्रेरित हाथ से पेंट की गई कलात्मक केतली को ‘देश का गर्व’ कलेक्शन में प्रस्तुत की गयी है।
टाटा टी प्रीमियम ने हर दिन की चाय की रस्मों से गहराई से जुड़ी हुई वस्तुओं के ज़रिए भारत की अलग-अलग क्षेत्रों की समृद्ध लोक कला को लगातार उजागर किया है। चाहे वह साधारण कुल्हड़ हो, चाय का पारंपरिक कप हो, या इस साल की बहुत ही सुंदर केतली हो। हर एडिशन खूबसूरती से परे जाकर, भारत की कलात्मक विरासत को आधुनिक और सार्थक तरीकों से संरक्षित, प्रचारित और आगे बढ़ाने के एक गहन मिशन को लेकर चलता है। जहां दुनिया अभी भारतीय शिल्प कौशल की सुंदरता को नए सिरे से समझना शुरू कर रही है।

वहीं देश की चाय टाटा टी प्रीमियम ने पिछले कई सालों से देशवासियों की रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में अपना विशेष स्थान बनाया है। इस वर्ष, टाटा टी प्रीमियम ने भारतीय लोक कला के संरक्षण के लिए समर्पित एक संस्था कौशलम के सहयोग से, ‘देश का गर्व’ कलेक्शन में क्षेत्रीय कला रूपों से प्रेरित हाथ से पेंट की गई केतली प्रस्तुत की है।
उत्तर प्रदेश की केतली, मथुरा के घाटों पर फली-फूली पारंपरिक कागज़ की स्टेंसिल तकनीक, सांझी कला की बारीक नक्काशी से प्रेरित है। अपनी आध्यात्मिक प्रतीकात्मकता और समरूपता के लिए जानी जाने वाली इस केतली में ताजमहल, वाराणसी के घाट और एक सुंदर नर्तकी जैसे तत्व हैं, जिन्हें सांझी से प्रेरित पैटर्न में बहुत ही बारीकी से चित्रित किया गया है। इसके परिणाम स्वरुप उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक गहराई और भक्ति कलात्मकता का एक काव्यात्मक गान तैयार हुआ है।
इस साल के अभियान में समकालीनता को शामिल करने के लिए, एआई का उपयोग करके एक फिल्म बनाई गयी है। बहुत आकर्षक फिल्म में भारतीय कला के समृद्ध ताने-बाने को आज की पीढ़ी के करीब लाया गया है और साथ ही इसके आंतरिक सार को भी सम्मानित किया गया है। मशहूर गायक पीयूष मिश्रा ने अपनी खास आवाज़ और शैली से इस ब्रांड फिल्म के स्वाद को और बढ़ाया है।
टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के पैकेज्ड बेवरेजेस (भारत और दक्षिण एशिया) के अध्यक्ष पुनीत दास ने कहा, “टाटा टी प्रीमियम में, हमारी हाइपरलोकल रणनीति में हम मानते हैं कि भारत की समृद्ध विविधता ही देश की सबसे बड़ी ताकत है। ‘देश का गर्व – प्रदेश की कला’ के साथ, हम न केवल कला का उत्सव मना रहे हैं, बल्कि भारत की समृद्ध चित्रकला को संरक्षित भी कर रहे हैं। हर चाय की केतली को एक गौरवशाली कहानी में बदल रहे हैं। उपभोक्ता इस कहानी को अपना सकते हैं। वर्षों से, यह पहल भारत की समृद्ध संस्कृति को सम्मानित करने का हमारा तरीका रही है। इसमें हम न केवल स्वतंत्रता दिवस पर, बल्कि हर दिन, कला और तकनीक की शक्ति का उपयोग करके, समय, स्थान और पीढ़ियों से परे जाकर, भावपूर्ण कहानी को बयान करते हैं। इस वर्ष की प्रस्तुति में हमने स्वतंत्रता दिवस के उत्सव में भारतीय कला रूपों को जीवंत करने के लिए एआई की शक्ति का उपयोग किया है।”

ट्री डिज़ाइन के डिज़ाइन प्रमुख अर्नब चटर्जी ने बताया, “हमारे देश में, कई कलाकार आज भी हाथ से चित्रकारी के माध्यम से कहानी कहने की सदियों पुरानी परंपराओं को जीवित रखे हुए हैं। इसी का उपयोग हमने भारत के विविध कला रूपों को प्रदर्शित करने के लिए किया है और उन्हें चाय की केतली पर जीवंत किया है, जो भारत की चाय परंपरा को सम्मानित करता है।”
क्रिएटिवलैंड एशिया के ग्रुप चीफ़ क्रिएटिव ऑफिसर, अज़ाज़ुल हक़ ने कहा, “यह फ़िल्म अपनी तरह का पहला ब्रांडेड कंटेंट है, इसमें केवल AI और VFX का उपयोग करके हाइपरलोकल कंटेंट तैयार किया गया है जो भारत की संस्कृति और कला रूपों को सम्मानित करता है। कथक-ओडिसी जैसे प्रतिष्ठित क्षेत्रीय रूपांकनों को पहले कभी न देखे गए, आकर्षक स्वरूप में, AI का उपयोग करके बनाना वाकई चुनौतीपूर्ण था क्योंकि इससे पहले ऐसा बहुत कम हुआ है, और हमें उम्मीद है कि उपभोक्ता भारत के प्रति हमारे इस समर्पण को खूब पसंद करेंगे।”
कौशलम की संस्थापक मृणालिका जैन भारद्वाज ने बताया, “यह सहयोग लोक कला को एक नई भाषा प्रदान करता है। कौशलम में, हमारा मानना है कि परंपराएं केवल संग्रहालयों में ही संरक्षित के लिए नहीं हैं, बल्कि उन्हें रोज़मर्रा की ज़िंदगी में भी फलने-फूलने का मौका मिलना चाहिए। ये केतली उपयोग की वस्तु होने के साथ-साथ ये कहानियाँ कहने के लिए एक कैनवास भी है। हमें गर्व है कि इस पहल में हम भारत के एक प्रतिष्ठित ब्रांड, टाटा टी प्रीमियम के साथ जुड़े हुए हैं।”
इस वर्ष का ‘देश का गर्व’ कलेक्शन विशेष रूप से www.IndiakiChai.com पर खरीदने के लिए उपलब्ध होगा। जिसकी 100% आय भारतीय सेना कौशल विकास केंद्रों के माध्यम से महिलाओं को प्रशिक्षित करने और सशक्त बनाने के लिए समर्पित की जाएगी।