Wednesday , July 23 2025

मुख्य सचिव ने की 15 निवेश प्रकरणों की समीक्षा, दिए ये निर्देश

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति देने और निवेश प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सोमवार को लोक भवन में एक उच्चस्तरीय स्टीयरिंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में प्रदेश के विभिन्न विभागों, इन्वेस्ट यूपी और विकास प्राधिकरणों के वरिष्ठ अधिकारी (भौतिक एवं वर्चुअल रूप से) शामिल हुए।

बैठक का मुख्य उद्देश्य निवेश परियोजनाओं को शीघ्र मंजूरी देना और प्रक्रियात्मक अड़चनों को दूर कर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश को ‘एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था’ में बदलने के विजन को साकार करना था।

मुख्य सचिव ने निवेश संबंधी 15 प्रकरणों पर विस्तार से चर्चा की और सभी संबंधित विभागों को लंबित समस्याओं को तय समय-सीमा में निस्तारित करने के निर्देश दिए। इनमें प्रमुख रूप से सिंचाई विभाग, वन विभाग, परिवहन, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, राजस्व, मत्स्य, एवं गन्ना व चीनी उद्योग के मामले शामिल थे। उन्होंने आंतरिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने और नियामकीय ढांचे का पालन करते हुए निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने पर बल दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रस्तावित निवेश योजनाओं को जल्द से जल्द धरातल पर लाने के लिए प्रक्रियात्मक देरी को समाप्त किया जाना चाहिए।

श्री सिंह ने यह भी कहा कि उद्योग संगठनों और संबंधित हितधारकों से सतत संवाद के माध्यम से नीतियों में सुधार और निवेशकों के लिए प्रोत्साहन योजनाओं को और प्रभावी बनाया जाए। बैठक में शिक्षा, हॉस्पिटैलिटी, खाद्य प्रसंस्करण और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में प्रक्रियागत बाधाओं के चलते लंबित परियोजनाओं की समीक्षा की गई। लेटर ऑफ कम्फर्ट (एलओसी), प्रोत्साहन और भूमि से संबंधित प्रकरणों को जल्द हल करने का निर्देश संबंधित विभाग को दिया गया।

बैठक में इन्वेस्ट यूपी, सिंचाई विभाग, राजस्व विभाग, वन विभाग, परिवहन विभाग, मत्स्य विभाग, बिजली विभाग, जिलाधिकारी लखनऊ, गन्ना व चीनी उद्योग, यूपीसीडा, आईटी इलेक्ट्रॉनिक्स, अन्य औद्योगिक प्राधिकरणों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संबन्धित कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। सभी अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश को निवेश का सर्वश्रेष्ठ गंतव्य बनाने के लिए रणनीतियों में समन्वय पर बल दिया।