- एकेटीयू में विरासत से विकासः योग की भूमिका विषय पर संगोष्ठी का किया गया आयोजन
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में बुधवार को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के पहले विरासत से विकासः योग की भूमिका विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. जेपी पाण्डेय ने योग की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कार्य की कुशलता को योग बताया है। योग हमारी विरासत रही है, हमें अपनी जीवनशैली, खानपान को नियमबद्ध रखना होगा। इसके लिए योग सबसे जरूरी है। आज के दौर में लोग अपनी महत्वाकांक्षा के लिए अति व्यस्त है। ऐसे में तनाव से मुक्त रहने के लिए योग को अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में नई तकनीकी हमारी उम्र को बढ़ा देगी। इसलिए स्वस्थ शरीर के लिए योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाना जरूरी है।
वित्त अधिकारी केशव सिंह ने कहा कि मानव सभ्यता के विकास में योग की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। योग भारत की विरासत और धरोहर है। इन्हीं विधाओं के चलते भारत किसी समय विश्वगुरू था। कोरोनाकाल में हम सब ने आयुर्वेद और योग के महत्व को समझा।
विशिष्ट अतिथि योग में पीएचडी डॉ0 रिचा रस्तोगी ने कहा कि भारत योग की जननी रहा है। लेकिन दुर्भाग्य से जब पश्चिमी देशों ने इसे योगा कर दिया तब हम इसके महत्व को समझ रहे हैं। योग के जरिये हम एक स्वस्थ समाज बना सकते हैं। हमें योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाना होगा। केवल 15 मिनट योग करके हम स्वस्थ हो सकते हैं।
ऑनलाइन माध्यम से अमेरिका के कैलिफोर्निया से जुड़े योग विशेषज्ञ गौरव रस्तोगी ने अमेरिका में योग को लेकर लोगों की राय बताया। उन्होंने कहा कि वहां योग को लेकर लोग काफी उत्साहित और जागरूक हुए हैं। यह भारत के लिए काफी गर्व की बात है। योग के जरिये सामाजिक संरचना को बनाये रखा जा सकता है। लोगों का शारीरिक और मानसिक विकास होता है।
ऑनलाइन माध्यम से जुड़े योग प्रशिक्षक अंशु श्रीवास्तव ने भी योग पर प्रकाश डाला। इस मौके पर जल संचयन का संदेश देने के लिए जल भरो कलश में जल भरा गया। साथ ही स्वल्पाहार में मोटे अनाज से बना बिस्किट वितरित किया गया। संगोष्ठी की विषय स्थापना अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो0 ओपी सिंह ने की। जबकि संचालन एसो0 डीन डॉ0 अनुज कुमार शर्मा ने किया। धन्यवाद सहायक कुलसचिव डॉ0 आयुष श्रीवास्तव ने दिया। इस मौके पर विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी कर्मचारी और छात्र मौजूद रहे।