लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। राज्य की प्रमुख निवेश प्रोत्साहन एजेंसी ‘इन्वेस्ट यूपी’ ने वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) नीति 2024 के प्रचार प्रसार और निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से ताज होटल में एक संगोष्ठी का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में कई बड़ी तकनीकी कंपनियों के लीडर्स, वैश्विक निवेशक, नीति निर्माताओं और बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने उत्तर प्रदेश को जीसीसी के प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने पर मंथन किया।
कॉन्क्लेव का उद्घाटन करते हुए मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सभी प्रतिनिधियों का स्वागत किया और उत्तर प्रदेश के तेज़ी से हो रहे आर्थिक परिवर्तन को एक अग्रणी निवेश गंतव्य के रूप में रेखांकित किया। उन्होंने एक मजबूत औद्योगिक इको-सिस्टम बनाने के लिए राज्य की निवेश-अनुकूल नीतियों, आधुनिक बुनियादी ढांचे और कुशल नीति को श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि नोएडा–ग्रेटर नोएडा जहां प्रमुख वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) हब के रूप में उभर रहे हैं, वहीं राज्य के द्वितीय और तृतीय श्रेणी के शहर भी तेजी से विकास की ओर अग्रसर हैं। इसी तरह व्यापक भूमि बैंक विकसित कर बुंदेलखंड के झांसी को भविष्य के औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश वाणिज्यिक कार्यालयों और औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए शीर्ष पसंदीदा राज्यों में शामिल हो गया है, जिसका कारण प्रतिस्पर्धी प्रोत्साहन और सहयोगी कारोबारी माहौल है। बुंदेलखंड में नोएडा जैसी एक नई सिटी बनाने की योजना भी चल रही है, जिससे विकास का विकेंद्रीकरण होगा और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा।

इन्वेस्ट यूपी के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने सभी हितधारकों से लगातार नीति सुधार के लिए सुझाव देने का आग्रह किया। राज्य की प्रगति पर उन्होंने कहा कि, “दिल्ली से दावोस” तक मैंने यूपी के परिवर्तन के बारे में लोगों से अच्छे और उत्साहवर्धक शब्द ही सुन रहें है। पिछले 8 वर्षो में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल मार्गदर्शन में अवस्थापना, उद्योग और नीति में जो बदलाव आया है, वह वाकई सराहनीय है। जिसके परिणामस्वरूप अब कारोबार तेजी से नए शहरी केंद्रों की ओर बढ़ रहे हैं। दुनिया की बहुत कम अर्थव्यवस्थाओं ने इतने कम समय में अपने आकार को दोगुना किया है, लेकिन यूपी ने यह करके दिखाया है। अगर हम कृषि क्षेत्र को और मजबूत करें, तो राज्य की जीडीपी को कई गुना और बढ़ा सकते हैं साथ ही समावेशी और सतत विकास सुनिश्चित कर सकते हैं।”
सम्मेलन के दौरान चार प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा केंद्रित रही। रियल एस्टेट और वाणिज्यिक स्थान, जिसमें क्रेडई (CREDAI) और आगामी बिल्डिंग बाई-लॉज़ शामिल हैं, गुणवत्तापूर्ण कॉलेजों और तकनीकी संस्थानों द्वारा समर्थित कुशल व प्रतिभावन कार्यबल की उपलब्धता, संपूर्ण कारोबारी पारिस्थितिकी तंत्र और बुनियादी ढांचे में सुधार चर्चा हुई।
करीब 20 कंपनियों ने इस आयोजन में भाग लिया। जिनमें SRK गेमचेंजर्स, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, Sw-India, Takyon Networks Pvt Ltd, TCS, Trident, Usinfoundation, Velocis Systems Pvt Ltd, Deloitte, US India, HCL, Microsoft, Amhek, SETI, Venture Lift, Ivani, Hi-Tech Medics, EV Booth, Positroi, KNP, Biozenta, JBJM ग्रुप और Genrobotics शामिल हैं। उनकी उपस्थिति ने राज्य में व्यवसाय और नवाचार के भविष्य को आकार देने में सहयोगात्मक प्रयासों को उजागर किया। जिससे उत्तर प्रदेश एक उभरते वैश्विक क्षमता केंद्र के रूप में स्थापित हो रहा है।
कई कंपनियों ने आगामी महीनों में उत्तर प्रदेश में जीसीसी में निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई। भविष्य के जीसीसी सम्मेलनों के लिए एक रोडमैप और कार्ययोजना पर भी चर्चा हुई। जिसमें बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद में इसी तरह के आयोजन की योजना बनाई गई। इसके अलावा, अमेरिका और यूरोप के अंतरराष्ट्रीय थिंक टैंकों को निवेश आकर्षित करने के लिए वैश्विक शहरों में रोडशो के लिए शामिल किया जाएगा।
माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के वरुण रामनन ने हैदराबाद से नोएडा तक कंपनी के विस्तार पर प्रकाश डाला और स्वीकृत्यों, भूमि आवंटन और सब्सिडी में यूपी के निर्बाध समर्थन की प्रशंसा की। नैसकॉम (NASCOMM) के उत्तर भारत के क्षेत्रीय प्रमुख अमित वर्मा ने उत्तर प्रदेश के विकसित होते जीसीसी इकोसिस्टम के बारे में जानकारी दी और राज्य की नीतियों तथा लोगों की प्रतिभा विकास के प्रयासों की सराहना की।
प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आलोक कुमार ने दोहराया कि “विकसित भारत” की परिकल्पना “विकसित राज्य” के बिना संभव नहीं है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर नेटवर्क, आसान कारोबारी माहौल और कुशल कार्यबल का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य सरकार ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर में होने वाले निवेश को हर संभव सहयोग और समर्थन प्रदान करेगी।
आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रमुख सचिव अनुराग यादव ने यूपी की तरक्कीशील नीतियों और बढ़ते डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर प्रकाश डाला, साथ ही आईटी/आईटीईएस और बीपीएम में निवेश के व्यापक अवसरों को रेखांकित किया। एमएक्यू सॉफ्टवेयर के संस्थापक राजीव अग्रवाल ने यूपी के तकनीकी-आधारित बिजनेस हब के रूप में प्रतिस्पर्धी लाभ पर अपने विचार साझा किए।
आवास विभाग के प्रमुख सचिव पी. गुरुप्रसाद ने इस बात पर जोर दिया कि एक सफल जीसीसी इकोसिस्टम के लिए मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर जरूरी है। इन्वेस्ट यूपी के एडिशनल चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर और लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी के वाइस चेयरमैन प्रथमेश कुमार ने निवेशकों को लखनऊ में आने के लिए आमंत्रित किया और यहां बढ़ते कमर्शियल स्पेस और आईटी सिटी के विस्तार पर प्रकाश डाला।
टीसीएस लखनऊ के प्रिंसिपल कंसल्टेंट और सेंटर हेड अमिताभ तिवारी ने संचालन को सुविधाजनक बनाने में राज्य के सहयोग की सराहना की और यूपी के बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर, कुशल प्रतिभा और बेहतर होते शहरी इकोसिस्टम की प्रशंसा की।
ट्राइडेंट ग्रुप के बोर्ड मेंबर निर्मलजीत सिंह कालसी ने कहा कि उनकी कंपनी नोएडा में एक जीसीसी स्थापित करने की योजना बना रही है, जो उद्योगों और आईटी/आईटीईएस सेक्टर के लिए सभी जरूरी सुविधाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराकर उत्तर प्रदेश की सबसे पसंदीदा जगह बनने की प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है।
जीसीसी कॉन्क्लेव के दौरान पैनल चर्चाओं और निवेशकों के साथ संवाद का आयोजन किया गया। इससे ये बात और पक्की हो गई कि उत्तर प्रदेश जीसीसी में इनोवेशन, बिजनेस एक्सीलेंस और वैश्विक इन्वेस्टमेंट के लिए पूरी तरह से तैयार है।
इस कार्यक्रम में कई खास लोग शामिल हुए। जिनमें उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव आलोक कुमार, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के वरुण रमनन, टीसीएस लखनऊ के प्रिंसिपल कंसल्टेंट और सेंटर हेड अमिताभ तिवारी, नासकॉम नॉर्थ इंडिया के रीजनल हेड अमित वर्मा, यूपी डेस्को की मैनेजिंग डायरेक्टर नेहा जैन, शशांक चौधरी, आवास विभाग के प्रमुख सचिव पी. गुरुप्रसाद, इन्वेस्ट यूपी के एडिशनल चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर और लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी के वाइस चेयरमैन प्रथमेश कुमार, एसोचैम, क्रेडाई, एचसीएल के प्रतिनिधि और इन्वेस्ट यूपी के सीनियर अधिकारी शामिल थे।
संगोष्ठी में जीसीसी के बढ़ते महत्व पर बल दिया गया और उत्तर प्रदेश की ग्लोबल इनोवेशन और व्यवसायिक उत्कृष्टता के एक उभरते केंद्र के रूप में संभावनाओं पर प्रकाश डाला गया।