महिला पुलिसकर्मियों से दिल छू लेने वाली बातचीत करती नज़र आईं अभिनेत्री श्रिया पिलगांवकर
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। ZEE5 की आने वाली ऑरिजिनल सीरीज़ “छल कपट द डिसेप्शन” में एक पुलिस अधिकारी के रूप में अपने जबरदस्त ट्रांसफॉर्मेशन से लोगों का ध्यान अपनी और खींचने वाली, श्रिया पिलगांवकर गुरुवार को लखनऊ पहुंचीं। श्रिया बेहद लुभावनी ड्रेस में तैयार होकर लोगों के बीच पहुंची और अपने जाने-पहचाने अंदाज़ में फैन्स से मुलाकात की। शहर की हमेशा कायम रहने वाली गर्मजोशी का आनंद लिया। दर्शकों को उस रोमांचक थ्रिलर की एक शानदार झलक दिखाई, जिसका उन्हें बेसब्री से इंतज़ार है।

श्रिया पिलगांवकर की लखनऊ यात्रा का एक और खास पल उस वक़्त सामने आया, जब उन्होंने ADG पद्मजा चौहान सहित उत्तर प्रदेश की महिला पुलिस अधिकारियों और कर्मियों से दिल से जुड़ी बातें की। इस दौरान श्रिया को ‘1090’ हेल्पलाइन के बारे में भी जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि यह एक अत्याधुनिक महिला सहायता हेल्पलाइन है, जो उत्पीड़न की घटनाओं पर बेहद संवेदनशील और तेज़ प्रतिक्रिया देने के लिए जानी जाती है।
1090 हेल्पलाइन का भ्रमण करने के साथ ही महिला पुलिस कर्मियों और अधिकारियों से मुलाकात कर श्रिया पिलगांवकर काफी उत्साहित दिखी। उन्होंने कहा कि महिलाओं को इस तरह के हेल्पलाइन की सुविधा प्रत्येक शहर में मिलनी चाहिए। जहां किसी भी मुसीबत में महिलाएं बेझिझक फोन कर मदद ले सकें। उन्होंने महिलाओं के साथ होने वाले अपराध खासकर सेक्सुअल अपराध पर चिंता जताते हुए बिना किसी देरी के अपराधियों को सख्त से सख्त सजा का प्रावधान किए जाने की बात कही।

महिला पुलिस कर्मियों और अधिकारियों से यह सिर्फ़ एक औपचारिक मुलाक़ात नहीं थी। बल्कि एक ऐसा अनुभव था जिसने श्रिया को महिला पुलिसकर्मियों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी, उनके मानसिक संघर्ष, शारीरिक चुनौतियाँ और ड्यूटी में नज़र आने वाले अडिग जज़्बे को करीब से देखने का मौका दिया। ‘छल कपट द डिसेप्शन’ में एक जज़्बाती और बहुआयामी महिला पुलिस अधिकारी का किरदार निभा रहीं श्रिया ने इस अनुभव को “आँखें खोल देने वाला और बेहद विनम्र बना देने वाला” बताया। इस मुलाक़ात ने न सिर्फ़ उनके किरदार की समझ को और गहरा किया, बल्कि वर्दी के पीछे छिपी उन असल महिलाओं की ताक़त और भावना के प्रति उनका सम्मान भी कई गुना बढ़ गया।

‘छल कपट द डिसेप्शन’ की कहानी बुरहानपुर के पास एक गाँव के डरावने माहौल पर आधारित है, जिसकी शुरुआत एक निजी शादी समारोह से होती है। दुल्हन बनने जा रही अलीशा अपने बचपन की सहेलियों महक, इरा और शालू के साथ जश्न मनाने के लिए फिर से एकजुट होती है, जिसका उन्हें लंबे अरसे से इंतज़ार था। लेकिन उनकी ये खुशी जल्दी ही दहशत में बदल जाती है, जब उन्हें उभरती हुई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर, शालू की लाश मिलती है।
इस जश्न पर शक, गहरे राज़ और धोखे की परछाई पड़ते ही उत्सव का माहौल एक साइकोलॉजिकल थ्रिलर में बदल जाता है। हर सहेली के दिल में गहरे ज़ख्म और दबी हुई नाराज़गी है और जाँच के धीरे-धीरे आगे बढ़ने के साथ ही हर रिश्ता कमज़ोर पड़ने लगता है। पुलिस अधिकारी देविका (श्रिया पिलगांवकर का किरदार) रोंगटे खड़े कर देने वाली इस रहस्यमयी कहानी के केंद्र में हैं। जो एक तेज़-तर्रार और सीधी बात करने वाली पुलिस अधिकारी हैं, जिनका अपना अतीत काफी भयावह है।
देविका सामान्य तरीके से मामलों की जाँच करने वाली पुलिस वाली नहीं हैं— घरेलू बदसलूकी को मुंहतोड़ जवाब देने के अपने अनुभव से उनमें ऐसी समझ विकसित हुई है, जो हर धोखे को आसानी से पहचान लेती है। उनकी निजी ज़िन्दगी के शैतान उन्हें कमज़ोर नहीं कर पाते हैं बल्कि वे उनके नज़रिये को और पैना करते हैं, जिससे वह उन झूठों को भी पहचान लेती हैं जिन पर दूसरों का ध्यान नहीं जाता। जैसे-जैसे वह समूह के पेचीदा रिश्तों और एक-दूसरे के विरोधी इरादों की गहराई से पड़ताल करती हैं, वैसे ही पुराने राज़ सामने आने लगते हैं, आपस की दोस्ती बिखर जाती है, और वफादारी तथा धोखे के बीच की लकीर मिटने लगती है।

अजय भुयान के डायरेक्शन में बनी और जुगरनॉट प्रोडक्शन द्वारा प्रोड्यूस की गई इस ज़बरदस्त थ्रिलर में बेहतरीन अदाकारा, श्रिया पिलगांवकर उन्होंने मुख्य किरदार निभाया है, जो 6 जून, 2025 को ZEE5 पर एक्सक्लूसिव प्रीमियर के लिए तैयार है। काम्या अहलावत, रागिनी द्विवेदी, तुहिना दास, याहवे शर्मा, प्रणय पचौरी, स्मरण साहू और अनुज सचदेवा जैसे बेहतरीन कलाकारों से सजी इस सीरीज़ की कहानी सस्पेंस, जबरदस्त उतार-चढ़ाव, गहरे राज़ और धोखे से भरी है।
लखनऊ में बिताए अपने समय को याद करते हुए, श्रिया पिलगांवकर ने कहा, “लखनऊ एक ऐसा शहर है, जिसकी मोहब्बत कभी पुरानी नहीं होती। मैं पहले भी शूटिंग के लिए यहां आ चुकी हूँ और हमेशा इसकी समृद्ध संस्कृति, यहां के अपनत्व से भरे लोगों और लज़ीज़ खाने की दीवानी रही हूँ। लेकिन इस बार का अनुभव अलग था- महिला पुलिस अधिकारियों से मिलना और ‘1090’ हेल्पलाइन के बारे में जानना दिल को छू गया।

उन्होंने कहा कि यह महज़ एक कॉल सेंटर नहीं है- बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश की महिलाओं के लिए यह एक जीवन रेखा है। मुझे इसकी कार्यप्रणाली का स्केल देखकर हैरानी हुई और जिस समर्पण से ये अधिकारी हर रोज़ डिस्ट्रेस कॉल्स हैंडल करती हैं, वो काबिल-ए-तारीफ़ है- खासकर तब, जब ये कॉल्स बेहद नाज़ुक और गंभीर हालातों से आती हैं। जिस संवेदनशीलता, तत्परता और दृढ़ता से वे जवाब देती हैं, उसने मुझ पर गहरा प्रभाव डाला। इसने मुझे अपने किरदार देविका से और भी गहराई से जोड़ दिया।
‘छल कपट’ में देविका सिर्फ़ एक पुलिस अफसर नहीं है- वो एक ऐसी महिला है जो अपने अतीत के दर्द और निजी संघर्षों को सँभालते हुए भी अन्याय के सामने मज़बूती से खड़ी रहती है। मुझे उम्मीद है कि दर्शक इस किरदार की जज़्बाती सच्चाई से जुड़ाव महसूस करेंगे, जब वे इस सीरीज़ को देखेंगे।