लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास को तेज़ करने और निवेश प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने लोक भवन में एक उच्चस्तरीय स्टीयरिंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में प्रदेश के विभिन्न विभागों, इन्वेस्ट यूपी और विकास प्राधिकरणों के वरिष्ठ अधिकारी (भौतिक एवं वर्चुअल रूप से) शामिल हुए।
बैठक का उद्देश्य निवेश परियोजनाओं को शीघ्र मंजूरी देना और प्रक्रियात्मक अड़चनों को दूर कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश को $ एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था में बदलने के विजन को साकार करना रहा। मुख्य सचिव ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि लंबित परियोजनाओं को तय समय सीमा में निस्तारित किया जाए। उन्होंने आंतरिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने और नियामकीय ढांचे का पालन करते हुए निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने पर बल दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रस्तावित निवेश योजनाओं को जल्द से जल्द धरातल पर लाने के लिए प्रक्रियात्मक देरी को समाप्त किया जाना चाहिए।

श्री सिंह ने यह भी कहा कि उद्योग संगठनों और संबंधित हितधारकों से सतत संवाद के माध्यम से नीतियों में सुधार और निवेशकों के लिए प्रोत्साहन योजनाओं को और प्रभावी बनाया जाए। बैठक में शिक्षा, हॉस्पिटैलिटी, लॉजिस्टिक्स और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में प्रक्रियागत बाधाओं के चलते लंबित परियोजनाओं की समीक्षा की गई। उन्होंने जिलाधिकारियों और विभाग प्रमुखों को निर्देशित किया कि वे नियमों की अनावश्यक व्याख्या से बचें और सक्रियता से समाधान निकालें।
मुख्य सचिव ने निवेश परियोजनाओं की निगरानी के लिए इन्वेस्ट यूपी को एक विशेष टीम गठित करने का निर्देश दिया जो निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर राज्य स्तर पर आ रही चुनौतियों की पहचान करेगी।
बैठक में इन्वेस्ट यूपी, पर्यटन, एमएसएमई, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, उद्यान, डेयरी, पशुपालन, शिक्षा, गन्ना विकास, यूपीसीडा, यूपीईडा और अन्य औद्योगिक प्राधिकरणों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। सभी अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश को निवेश का सर्वश्रेष्ठ गंतव्य बनाने के लिए रणनीतियों में समन्वय पर बल दिया।